बंदूक, तोप और तलवार… इंदौर के इस म्यूजियम में रखें हैं 14वीं सदी तक के हथ… – भारत संपर्क

फाइल फोटो
मध्य प्रदेश के इंदौर में सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के सेंट्रल स्कूल ऑफ वीपन एंड टेक्टिक्स के म्यूजियम में कई खास तरह के हथियारों को संजो कर रखा गया है. इन हथियारों में कुछ ऐसे दुर्लभ हथियार भी हैं जिन्हे केवल आपने सुना होगा, देखा शायद ही कभी हो. इनमें से एक है स्टिक गन. यह उन खास जासूसी हथियारों में से एक है जो दिखने एक छड़ी की तरह होती है लेकिन ट्रिगर दबाते ही दुश्मन का काम तमाम करने के काम भी आती है.
पीटीआई भाषा की खबर के मुताबिक अधिकारियों ने बताया है कि बीएसएफ के पहले महानिदेशक केएफ रुस्तमजी की दूरगामी सोच की वजह से 1967 में इंदौर के इस वीपन म्यूजियम को स्थापित किया गया था. इस म्यूजियम में 300 से ज्यादा दुर्लभ हथियार प्रदर्शिनी के लिए रखे गए हैं. इन हथियारों में बंदूक, पिस्तौल, रिवॉल्वर, राइफल, सब मशीन गन, लाइट मशीन गन के साथ-साथ रॉकेट लॉन्चर और मोर्टार जैसे घातक हथियार भी रखे गए हैं.
अलग-अलग जगहों से लाए गए नायाब हथियारों को इस म्यूजियम में खास जगह दी गई है. यहां पर ऐसी मिनी पिस्तौल भी हैं जो हाथ की हथिली में ही समा सकती हैं. म्यूजियम के अंदर 14वीं सदी के बाद के हथियारों को संजो कर रखा गया है. ताकि आने वाली पीढ़ियों को यह पता चल सके कि हमारे हथियार कैसे विकसित हुए और कैसे दूसरे विश्व युद्ध के दौरान वह और भी ज्यादा विस्फोटक होते चले गए. यही वजह है कि यहां पर हथियारों के क्रमिक विकास को समझाया गया है.
शहीद भगत सिंह की पिस्तौल
सीएसडब्ल्यूटी के महानिरीक्षक बीएस रावत के अधिकारी ने बताया कि इस म्यूजियम में शहीद ए आजम भगत सिंह की वह पिस्तौल भी रखी थी जिससे उन्होंने 17 दिसंबर 1928 को अंग्रेज अफसर जेपी सॉन्डर्स को मारा था. हालांकि बाद में इस सोमी ऑटोमेटिक पिस्तौल को केंद्रीय गृह मंत्रालय ने 2017 में पंजाब राज्य के फिरोजपुर जिले के हुसैनीवाला के म्यूजियम में रखी है.