परिवार भी है, प्यार भी है, फिर भी ये महिला क्यों चाहती है इच्छामृत्यु! | Netherlands… – भारत संपर्क

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परिवार भी है, प्यार भी है, फिर भी ये महिला क्यों चाहती है इच्छामृत्यु! | Netherlands… – भारत संपर्क
परिवार भी है, प्यार भी है, फिर भी ये महिला क्यों चाहती है इच्छामृत्यु!

जोराया टेर बीक

हमें अब तक पता लगा था कि जीना और मरना दोनों ही हमारे हाथ में नहीं होता है लेकिन वर्तमान में बनाए गए नए नियम और कानून ने इसे बदल कर रख दिया है. सोचिए कि कोई इंसान किस परेशानी में होगा और कितना परेशान होगा कि वो मरने की कामना कर रहा होगा. ऐसी ही एक औरत ने भी अपने डिप्रेशन से परेशान होकर इच्छामृत्यु की मांग कर दी और हाल ही में उसकी इस मांग को भी पूरा कर दिया गया और उसे इच्छामृत्यु की परमिशन दे दी गई है.

नीदरलैंड की रहने वाली 29 साल की जोराया टेर बीक को अधिकारियों ने आत्महत्या से मरने की फाइनल परमिशन दे दी है. जोराया पिछले तीन, चार सालों से इस चीज की मांग कर रही थी. जोराया ने साल 2020 में पहली बार इच्छामृत्यु के लिए आवेदन किया था. उसने बताया कि उसे उसके बचपन की बातें काफी परेशान करती है, जिससे उसे काफी मेंटल प्रेशर महसूस होता है और हर वक्त उसके दिमाग में सुसाइड का विचार आता है, वह काफी समय से डिप्रेशन का शिकार हैं.

खुद को नुकसान पहुंचाने का आता है ख्याल

जोराया ने कहा कि उसे लगा था कि उसके पार्टनर के साथ रहने से उसके मन में सुसाइड करने की सोच नहीं आएगी लेकिन ऐसा नहीं हुआ, जबकि उसके पार्टनर ने उसे काफी सेफ एनवायरमेंट दिया था इसके बावजूद भी जोराया के दिमाग में खुद को नुकसान पहुंचाने का ख्याल आता था और वो ऐसा करती थी.जोराया ने मीडिया से इस बारे में बातचीत की जिसमें उन्होंने बताया कि लोग सोचते हैं कि जब आप मानसिक रूप से बीमार होते हैं तो आप सीधा नहीं सोच सकते हैं, लोगों की इस सोच से काफी अपमान जैसा लगता है. जोराया ने बताया कि उसने इस बारे में काफी लंबे समय तक सोचा है, मुझे बस इस बात का दुख है कि मेरा परिवार है, पार्टनर है, दोस्त हैं और मैं अपने इस फैसले के बाद उनकी प्रतिक्रियाओं और उनके दर्द से अनजान हूं, इस चीज को लेकर मेरे मन में डर है लेकिन मैं अपने फैसले को लेकर काफी दृढ़ हूं.

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फैसले को लेकर डॉक्टरों ने पूछा कई सवाल

डच लॉ के मुताबिक, इस तरह की परमिशन सिर्फ उन लोगों को मिलती है जिनमें सुधार की संभावना खत्म हो जाती है और वह काफी परेशानी से जूझ रहे होते हैं. इस प्रक्रिया को पूरा करने से पहले व्यक्ति को हर बात की जानकारी होनी चाहिए और वह इस प्रक्रिया के लिए सक्षम होना चाहिए. यह प्रक्रिया काफी लंबी है. जोराया ने बताया कि उनकी प्रक्रिया में इसलिए ज्यादा समय लगा क्योंकि बहुत कम डॉक्टर हैं जो कि मेंटल इलनेस वाले लोगों की इच्छा मृत्यु में शामिल होना चाहते हैं. इच्छामृत्यु की चाह रखने वाले मरीजों को डॉक्टर की कई टीम टेस्ट करती है. जोराया ने बताया कि उनकी प्रक्रिया के दौरान डॉक्टर ने उनसे कई बार पूछा कि क्या आप अपने फैसले को लेकर अटल हैं, कई बार तो उन्होंने मेरे पार्टनर को कमरे से बाहर निकाल दिया ताकि मैं खुल कर उनसे बात कर सकूं.

आने वाले हफ्तों में कर सकती है सुसाइड

जोराया का ये केस 3.5 साल से चल रहा था लेकिन पब्लिक तौर पर इसकी जानकारी तब हुई जब इस साल के अप्रैल में उनके बारे में आर्टिकल पब्लिश हुआ. इसके बाद से कई सारे लोगों ने उसे इच्छामृत्यु के लिए मना किया. लोगों ने कहा कि तुम्हें ऐसा नहीं करना चाहिए, जिंदगी बेहद ही अनमोल होती है तो वहीं कई ने कहा कि वह नर्क में जलाई जाएगी, बाद में उसे अपने सोशल मीडिया के सभी अकाउंट बंद करने पड़े क्योंकि वह इतनी नेगेटिविटी नहीं झेल सकती. हाल ही में जोराया ने मेडिकल टीम के साथ मीटिंग की, जिससे ये उम्मीद है कि आने वाले हफ्तों में वह सुसाइड कर सकती हैं. जोराया ने बताया कि अब उन्हें काफी ज्यादा सुकून महसूस हो रहा है, मेरी ये लड़ाई बहुत लंबी थी.

जोराया की मौत के दिन मेडिकल टीम उसके घर पहुंचेगी और उसे एक ऐसी दवा देगी जिससे जोराया मानसिक तौर पर सामान्य हो जाएं और जब वह नींद में चली जाएगी तो उसे एक ऐसी दवा दी जाएगी जिससे दिल की धड़कन बंद हो जाती है.

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