क्या है इनकम टैक्स विभाग का AIS सिस्टम? ऐसे करेगा ITR फाइल…- भारत संपर्क
जानें आईटीआर में कैसे मदद करता है एआईएस
अगर आप नौकरी-पेशा हैं, तो आपको हर साल इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करना पड़ता होगा. इनकम टैक्स रिटर्न (आईटीआर) भरना आपके लिए आसान हो, इसके लिए आयकर विभाग (इनकम टैक्स डिपार्टमेंट) ने एनुअल इंफॉर्मेशन स्टेटमेंट (एआईएस) की शुरुआत की है. इसे आप इनकम टैक्स की ऑफिशियल साइट पर देख सकते हैं, जो आईटीआर भरने में आपकी मदद करता है. चलिए जानते हैं इसके बारे में…
देश के इनकम टैक्स सिस्टम में पारदर्शिता आए इसके लिए सरकार कई कदम उठा रही है. ऐसे में टैक्स फाइलिंग सिस्टम में पारदर्शिता लाने के लिए सेंट्रल बोर्ड ऑफ डायरेक्ट टैक्स (CBDT) ने एनुअल इंफॉर्मेशन स्टेटमेंट (AIS) के नये फंक्शन को जोड़ा है. फाइनेंशियल ईयर 2024-25 के लिए इनकम टैक्स रिटर्न फाइलिंग शुरू हो चुकी है. ऐसे में एआईएस के जरिए टैक्सपेयर्स को बहुत मदद मिलने वाली है.
क्या होता है AIS?
AIS यानी एनुअल इंफॉर्मेशन स्टेटमेंट, ये किसी वित्त वर्ष के दौरान आपके द्वारा किए गए हर तरह के फाइनेंशियल ट्रांजेक्शन का लेखा-जोखा होता हैं. इसमें वो ट्रांजेक्शन शामिल होते हैं जिन पर आपके ऊपर टैक्स लगाया जा सकता है. ये फॉर्म 26AS का ही विस्तृत रूप है. AIS में फॉर्म 26AS में आने वाली डिटेल्स के अलावा सेविंग्स अकाउंट का ब्याज, डिविडेंड, रेंट, डिपॉजिट से ब्याज, सिक्योरिटीज या अचल संपत्ति की खरीद-बिक्री, टैक्स रिफंड और GST टर्नओवर जैसी 50 से ज्यादा लेनदेन रिपोर्ट होती हैं. इसमेंं आपके पैनकार्ड से जुड़ी सभी ट्रांजेक्शंस का रिकॉर्ड होता है.
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एआईएस के बारे में यहां चलेगा पता
अगर आप भी अपना एआईएस पता करना चाहते हैं, तो आप इनकम टैक्स की ई-फाइलिंग साइट eportal.incometax.gov.in पर पैन नंबर और पासवर्ड की मदद से लॉगइन करके इसे चेक कर सकते हैं. लॉगइन करने पर आपको मेन्यू में AIS का ऑप्शन दिखेगा. इसपर क्लिक करते ही Compliance Portal का अलग विंडो खुलेगा. यहां से आप AIS डाउनलोड कर सकते हैं.
जोड़े गए हैं ये नए फंक्शन
एआईएस प्रणाली में अब कई नए फंक्शंस जोड़े गए हैं. ये आपके आईटीआर फाइल करने के काम को और आसान बना देंगे. ये इस प्रकार हैं.
- Whether feedback is shared for confirmation- AIS की सभी जानकारियां हमेशा सही हों, ऐसा जरूरी नहीं है. इसलिए गलत जानकारी को ठीक करने के लिए इसमें फीडबैक का ऑप्शन दिया है. अब इसी फीडबैक की रिपोर्टिंग के लिए ये नया फंक्शन जोड़ा गया है. इससे आपको फीडबैक के एक तरह से स्टेटस का पता चलता है कि आपने जो फीडबैक भेजा है, वह उस सोर्स के पास पहुंचा या नहीं जिसने आपकी किसी गलत जानकारी को एआईएस में जेनरेट किया था.
- Feedback Shared On- इस फंक्शन की मदद से किस तारीख को फीडबैक रिपोर्टिंग एनटिटी के साथ शेयर की गई उसका पता लगेगा.
- Source Responded On- इस स्टेप से इस बात का पता लगेगा की रिपोर्टिंग सोर्स ने फीडबैक पर किस तारीख को जवाब दिया है.
- Source Response- इस फंक्शन की मदद से टैक्सपेयर को फीडबैक पर सोर्स की ओर से दिए जवाब का पता चलेगा.
पहले ये था सिस्टम
अभी तक ये होता था कि फीडबैक तो सोर्स के पास पहुंच जाता था. लेकिन इसके स्टेटस का पता नहीं चलता था. लेकिन अब ऐसा नहीं होगा CBDT की ओर से AIS में लाए नए फंक्शन से अब गलती सुधारने के फीडबैक का स्टेटस का भी पता चलेगा.