चुनाव के बीच इकोनॉमी के लिए अच्छी खबर, कितनी रह सकती वृद्धि…- भारत संपर्क

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चुनाव के बीच इकोनॉमी के लिए अच्छी खबर, कितनी रह सकती वृद्धि…- भारत संपर्क
चुनाव के बीच इकोनॉमी के लिए अच्छी खबर, कितनी रह सकती वृद्धि दर?

इंडिया रेटिंग्स के अनुमान के अनुसार वित्त वर्ष 2024 में देश की ग्रोथ 6.9-7 फीसदी तक रह सकता है.

महीने के आखिरी दिन सरकार साल 2024 के इकोनॉमिक ग्रोथ के आंकड़ें पेश करेगी. उससे पहले चुनाव के बीच इकोनॉमी को लेकर अच्छी खबर आ गई है. देश की प्रॉमिनेंट एजेंसी इंडिया रेटिंग ने जो वित्त वर्ष 2024 का अनुमान लगाया है. वह काफी बेहतर या यूं कहें कि दुनिया की ग्रोथ के मुकाबले काफी अच्छा लगाया है. वैसे चौथी तिमाही के लिए जो अनुमान हैं वो पहली, दूसरी ओर तीसरी तिमाही के आंकड़ों से कम है.

वहीं पूरे वित्त वर्ष में जो सरकारी अनुमान लगाया गया है, उसके मुकाबले में भी इंडिया रेटिंग का अनुमान कम देखने को मिल रहा है. इन सब के बाद भी देश की इकोनॉमी दुनिया के बड़े देशों में सबसे तेज दौड़ती हुई दिखाई दे रही है. आइए आपको भी बताते हैं कि आखिर इंडिया रेटिंग्स एंड रिसर्च (इंडरा) ने अपने अनुमान में क्या कहा है?

इंडिया रेटिंग्स एंड रिसर्च (इंडरा) को उम्मीद है कि मार्च तिमाही में देश की सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की वृद्धि दर 6.7 फीसदी और वित्त वर्ष 2023-24 में लगभग 6.9-7 फीसदी रह सकती है. रेटिंग एजेंसी के प्रमुख अर्थशास्त्री सुनील कुमार सिन्हा ने यह अनुमान जताया है. सरकार चौथी तिमाही (जनवरी-मार्च 2024) और वित्त वर्ष 2023-24 के लिए जीडीपी वृद्धि के शुरुआती अनुमान 31 मई को जारी करेगी.

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लगातार 3 तिमाहियों में 8 फीसदी थी ग्रोथ

भारतीय अर्थव्यवस्था 2023-24 की जून तिमाही में 8.2 प्रतिशत, सितंबर तिमाही में 8.1 प्रतिशत और दिसंबर तिमाही में 8.4 प्रतिशत की दर से बढ़ी है. सिन्हा ने एक इंटरव्यू में कहा कि हम उम्मीद कर रहे हैं कि चौथी तिमाही की ग्रोथ रेट 6.7 प्रतिशत होगी और वित्त वर्ष 2023-24 के लिए कुल जीडीपी वृद्धि दर लगभग 6.9-7 फीसदी होगी. उन्होंने कहा कि पहली दो तिमाहियों में वृद्धि दर को कम आधार का फायदा मिला, हालांकि तीसरी (अक्टूबर-दिसंबर 2023) तिमाही में 8.4 प्रतिशत की वृद्धि दर आश्चर्यजनक थी. उन्होंने आगे कहा कि जब हम आंकड़ा का विश्लेषण करते हैं, तो पता चलता है कि जीवीए और जीडीपी के बीच अंतर है. तीसरी तिमाही में जीडीपी को एक बड़ा प्रोत्साहन हाई टैक्स कलेक्शन से मिला है, लेकिन चौथी तिमाही में ऐसा होने की संभावना नहीं है.

आरबीआई ने लगाया था ये अनुमान

रिज़र्व बैंक ने अप्रैल में अपनी मॉनेटरी पॉलिसी मीटिंग में 2023-24 के लिए जीडीपी ग्रोथ रेट 7 फीसदी रहने का अनुमान लगाया था. चालू वित्त वर्ष में आर्थिक वृद्धि के संबंध में, सिन्हा ने कहा कि सकल घरेलू उत्पाद में 7.1 प्रतिशत की वृद्धि होने की उम्मीद है. उन्होंने कहा कि भले ही हम टैक्स कंपोनेंट को अलग कर दें, पहली और दूसरी तिमाही में देखी गई गति बाद की तिमाहियों में भी जारी रहेगी और संभावना है कि यह गति वित्त वर्ष 2025 में भी जारी रहेगी.

उन्होंने कहा कि निर्माण और बिजली के नेतृत्व में सर्विस सेक्टर की गति जारी रहेगी, जबकि खनन और औद्योगिक उत्पादन में गिरावट रहेगी. सिन्हा ने कहा कि भारतीय मौसम विज्ञान विभाग द्वारा की गई सामान्य से अधिक मानसून की भविष्यवाणी अगर सच साबित होती है, तो ग्रामीण मांग में तेजी देखने को मिल सकता है. जो उपभोग मांग को सपोर्ट मिलता हुआ दिखाई देगा.

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