कौन हैं मोहम्मद मोखबर? अनहोनी होने पर ईरान के राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी की ले सकते हैं… – भारत संपर्क


मोहम्मद मोखबर.Image Credit source: twitter
ईरान के राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी के हेलीकॉप्टर के दुर्घटनाग्रस्त की खबरों के बीच ईरान के आला नेताओं की आपातकालीन बैठक हो रही है. इस बैठक में राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी के हेलीकॉप्टर के दुर्घटनाग्रस्त होने के बाद की स्थिति को लेकर चर्चा की जा रही है, लेकिन मौसम खराब होने के कारण बचाव कार्य बाधित हो रहा है. इस बीच, ईरानी मीडिया के अनुसार यदि कोई अनहोनी होती है तो ईरान के उपराष्ट्रपति मोहम्मद मोखबर देजफुली राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी की जगह ले सकते हैं. इसके साथ ही पचास दिनों के अंदर चुनाव होंगे.
बता दें कि राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी ईरान के कट्टरपंथी समर्थक माने जाते रहे हैं और वह ईरान सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली खामेनेई के करीबी हैं, लेकिन हेलीकॉप्टर दुर्घटना के बाद अब उनकी सलामती की दुआएं मांगी जा रही है.
ईरान के नए राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी ने अगस्त 2021 में पद संभालने के बाद संयुक्त राज्य अमेरिका द्वारा स्वीकृत एक शक्तिशाली राज्य के स्वामित्व वाले फाउंडेशन के अध्यक्ष मोहम्मद मोखबर को अपना पहला उपराष्ट्रपति नामित किया था. मोहम्मद मोखबर ने वर्षों तक अयातुल्ला अली खामेनेई के आदेश पर बने फाउंडेशन का नेतृत्व किया था. मोखबर को 2007 में सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली खामेनेई द्वारा इस पद पर नियुक्त किया गया था.
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अयातुल्ला अली खामेनेई के करीबी हैं मोखबर
दूसरी ओर, उपराष्ट्रपति मोहम्मद मोखबर देजफुली राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी के बाद ईरान में दूसरे नंबर के राजनेता हैं, जिनकी प्रशासन पर पकड़ है. मोहम्मद मोखबर देजफुली 8 अगस्त 2021 से ईरान के 7वें और वर्तमान पहले उपराष्ट्रपति हैं.
वह वर्तमान में एक्सपीडिएंसी डिस्कर्नमेंट काउंसिल के सदस्य भी हैं. वह इसके पहले सिना बैंक में बोर्ड के अध्यक्ष और खुजेस्तान प्रांत के डिप्टी गवर्नर थे. उनका जन्म ईरान के डेजफुल में हुआ था.
मोहम्मद मोखबर का जन्म 1955 में हुआ था. उनके पास दो डॉक्टरेट डिग्रियां हैं, जिनमें अंतर्राष्ट्रीय अधिकारों में एक डॉक्टरेट अकादमिक पेपर (और एक एमए) शामिल है. उनके पास प्रबंधन में डॉक्टरेट की डिग्री भी है. उन्होंने प्रबंधन में एमए भी किया है.
अमेरिका ने मोखबर पर लगाया था बैन
जुलाई 2010 में, यूरोपीय संघ ने अयातुल्ला अली खामेनेई के साथ मोहम्मद मोखबर को उन व्यक्तियों और संस्थाओं की सूची में शामिल किया, जिन पर वह “परमाणु या बैलिस्टिक मिसाइल गतिविधियों” के मुद्दे में कथित संलिप्तता के लिए प्रतिबंध लगा रहा था. दो साल बीतने के बाद इस मंजूरी ने मोखबर को उल्लिखित सूची से हटा दिया था. इब्राहिम रईसी की तरह ही मोहम्मद मोखबर को भी कट्टरपंथी के रूप में जाना जाता है.