IAS, IPS नहीं यूट्यूबर और शेयर मार्केट ट्रेडर बनना चाहती हैं…- भारत संपर्क

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IAS, IPS नहीं यूट्यूबर और शेयर मार्केट ट्रेडर बनना चाहती हैं…- भारत संपर्क
IAS, IPS नहीं यूट्यूबर और शेयर मार्केट ट्रेडर बनना चाहती हैं आज की यंग जनरेशन, ये है कारण

IAS-IPS नहीं यूट्यूबर बनना चाहती है यंग जनरेशन?

दो ऐसे आरोप जो बड़े, बच्चों पर और बच्चे, बड़ों के ऊपर हमेशा से थोपते आ रहे हैं, जिसमें से पहला है- जो बच्चों को लेकर कहा जाता है कि वह अपनी समझ के आगे बड़ों की बात नहीं मानते और दूसरी बात जो बच्चे बड़ों को लेकर कहते हैं कि वह हमेशा अपने अनुभव का उदाहरण देकर हमारी बात को समझते नहीं है, नजरअंदाज कर देते हैं. कुछ आबादी को छोड़ दिया जाए तो आज भी एक बड़ी आबादी अपने बच्चे को IAS-IPS बनाने में लगी है. जबकि उनमें से कुछ बच्चे ऐसे हैं, जो इसके उलट या तो अपना बिजनेस शुरू करने की सोच रहे हैं या फिर यूट्यूब पर कंटेंट क्रिएट कर पैसा बनाने की प्लानिंग कर रहे हैं. उन बच्चों में शेयर मार्केट को लेकर पैदा हुई रूचि भी काफी अधिक देखने को मिल रही है.

ऐसे में अब सवाल ये खड़ा होता है कि पैरेंट्स अपने बच्चों को अधिकारी ही क्यों बनाना चाहते हैं? उसे उसकी मनपसंद की फील्ड को चुनने की आजादी क्यों नहीं दी जा रही है. इसका जवाब मैं आप सभी पाठक के ऊपर छोड़ दे रहा हूं. अभी मैं आपके सामने कुछ आंकड़े पेश करता हूं. उसे देखिए फिर तय कीजिए सही क्या है? अगर आप पैरेंट्स हैं तो आपको क्या करना चाहिए. वहीं अगर आपके पैरेंट्स इस बात को नहीं समझ रहे हैं तो आपको उन्हें कैसे समझाना चाहिए. यहां ध्यान देने वाली बात ये भी है कि दो अलग-अलग फील्ड है और दोनों की खासियत अलग है तो यह तुलना वाजिब कहां से है? आइए समझते हैं.

IAS-IPS ही क्यों?

जब एक माता-पिता अपने बच्चे को IAS-IPS बनाने के बारे में सोचते हैं तो उनके दिमाग में दो ख्याल सबसे ऊपर आता है. पहला कि लड़का अधिकारी बन गया तो कई पीढ़ियां बैठकर खाएंगी और दूसरा कि जीवन सेट हो जाएगा. ये ख्याल मेरा अपना नहीं है, बल्कि इसके बारे में लगातार 5 साल तक दिल्ली के मुखर्जी नगर में यूपीएससी की तैयारी कर चुके रवि कुमार बताते हैं. वह कहते हैं कि उनके पिता उन्हें इसी उम्मीद के साथ दिल्ली तैयारी के लिए भेजे थे कि लड़का जब अधिकारी बन जाएगा तो उसे एक परमानेंट नौकरी मिल जाएगी और समाज में थोड़ी इज्जत मिलेगी कि तिवारी जी का बेटा अधिकारी बन गया है.

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रवि बिहार के रहने वाले हैं. अभी वह अपना यूट्यूब चैनल चला रहे हैं. उनका कहना है कि वह शुरू से अपना बिजनेस शुरू करना चाहते थे, लेकिन पिता के मर्जी के खिलाफ कभी जाने की हिम्मत नहीं हुई. इसलिए वह दिल्ली चले आए. जब फैमिली की आर्थिक हालत खराब दिखने लगी तो कुछ फ्रीलांस काम शुरू किया और साथ में यूट्यूब चैनल शुरू कर दिया. अब यूट्यूब चैनल से महीने के 30-40 हजार कमा ले रहे हैं.

रवि की स्टोरी उन लाखों एस्पिरेंट्स की स्टोरी है, जो बिना मन के सविल सर्वेंट बनने की रेस में दौड़े जा रहे हैं, जिन्हें आखिरी में असफलता ही हाथ लग रही है. क्योंकि सिविल सर्वेंट कोई आसान रास्ता नहीं होता है. यहां सफलता पाने की राह भी मुश्किल होती है और सफलता की रेशियो भी कम होती है.

सफलता का रेशियो कहां है अधिक?

पिछले महीने UPSC का रिजल्ट घोषित हुआ था, जिसमें 1016 लोगों को सफलता हाथ लगी थी. इस परीक्षा में 10 लाख से ज्यादा अभ्यर्थी बैठे थे. यानी 99.9% लोगों को असफलता हासिल हुई. सफलता के इस महाकुंभ में 1% से भी कम लोग सिविल सर्वेंट बनेंगे. यही डेटा 2023 का है. उसके पहले के सालों का रिपोर्ट देखेंगे तब भी आपको कुछ ऐसा ही आंकड़ा नजर आएगा. Wyzowl की रिपोर्ट के अनुसार, लगभग 20 लाख यूट्यूबर्स YouTube पार्टनर प्रोग्राम में साइन अप हैं, जिनका चैनल मोनेटाइज हो चुका है, हालांकि, उनमें से केवल 8% YouTube चैनल ही पैसा कमाते हैं, और केवल 5% यानी 1 लाख के करीब YouTubers आराम से ठीक-ठाक पैसा कमा ले रहे हैं. यानी यूट्यूबर्स इस पैमाने पर अधिक सफल हैं.

कहां हो रही मोटी कमाई?

आज के समय में यूट्यूबर्स को भी काफी सम्मान मिल रहा है. बड़े-बड़े आयोजनों में उन्हें बुलाया जाता है. सबसे खास बात यह है कि अगर आप एक यूट्यूब चैनल चलाते हैं और उसके मिलियन में सब्सक्राइबर्स हैं तो आप आराम से लाखों में पैसा कमा सकते हैं. लाइवमिंट पर छपी एक खबर में बताया गया है कि एक व्यक्ति जिसके पास एक 1.25 मिलियन सब्सक्राइबर हैं वह महीने के आराम से एक से दो लाख रुपये कमा ले रहा है. सोचिए जो बड़े यूट्यूबर्स हैं, जिसमें बीबी की वाइंस और कैरी मिनाटी जैसे चैनल्स शामिल हैं, वे महीने के कितना कमाते होंगे? इनके पास 20 मिलियन से अधिक सब्सक्राइबर्स हैं.

वहीं अगर एक आईएएस की सैलरी की बात करें तो जब उसका सेलेक्शन होता है, तब उसे 56 हजार रुपए महीने के मिलते हैं, वहीं बाद में वह सैलरी 1-2 लाख रुपए महीने तक चली जाती है. अगर वह प्रमोट होकर सचिव बनता है तो तब उसकी सैलरी 2.5 लाख महीने तक पहुंच जाती है, लेकिन वह कभी महीने का 1 करोड़ नहीं कमा सकता, लेकिन एक यूट्यूबर जिसके पास ठीक-ठाक सब्सक्राइबर्स हैं, वह महीने का 1 करोड़ भी कमा लेता है. हैरानी की बात ये है कि अगर आप यूट्यूबर बनना चाहते हैं तो आपको एक मानक डिग्री हो, इसकी कोई क्राइटेरिया नहीं है, जबकि सिविल सर्वेंट की परीक्षा में बैठने के लिए ग्रेजुएट होना जरूरी है.

शेयर मार्केट के दीवाने हो रहे युवा

यही युवा जो अपने मन से या तो कारोबार शुरू कर दे रहे हैं या फिर मनपसंद की नौकरी शुरू कर देते हैं. वह साइड से धीरे-धीरे अपनी इनकम बढ़ाने के लिए शेयर मार्केट में पैसा लगा रहे हैं. बीएसई के आंकड़ो के मुताबिक, भारत में 18-20 वर्ष की आयु के व्यक्तियों द्वारा बनाए गए डीमैट खातों की संख्या में रिकॉर्ड बढ़ोतरी देखी गई है. मार्च 2021 में 34 लाख से बढ़कर 30 सितंबर 2023 तक 1.6 करोड़ हो गई थी. ग्लोबल इकोनॉमिक फोरम के अनुसार, 2019 और 2023 के बीच, 120 मिलियन यानी 12 करोड़ से अधिक व्यक्ति भारत में रीटेल निवेशक बनें थे, जिनमें से अधिकांश की उम्र 22 से 35 वर्ष के बीच है. यानी अधिकतर आबादी यंग जनरेशन की है.

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