कागज में एक गलती… 100 घंटे से नहीं हुआ पिता का पोस्टमार्टम, 9 साल की मासू… – भारत संपर्क

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कागज में एक गलती… 100 घंटे से नहीं हुआ पिता का पोस्टमार्टम, 9 साल की मासू… – भारत संपर्क

शव मिलने का इंतजार करते मृतक के घरवाले
मध्य प्रदेश में सरकारी अस्पताल की लचर व्यवस्था परेशान करने वाली है. इस लचर व्यवस्था के कारण मात्र 9 साली की मालूम बच्ची को अपने मृतक पिता के पोस्टमार्ट के लिए चार दिन से अस्पताल के बाहर बैठकर इंतजार करना पड़ रहा है. मामला है नेताजी सुभाषचंद्र बोस मेडिकल अस्पताल का, जहां हत्या के बाद पोस्टमार्टम में देरी इस कारण हो रही है क्योंकि नाम में किसी तरह की कोई गलती है, जिसे सुधारने के लिए मेडिकल कैंपस को चार दिन लग गए हैं, लेकिन अभी तक सुधार नहीं किया जा सका है.
मेडिकल सिस्टम की लचर व्यवस्था के कारण तपती गर्मी में मासूम बच्ची को पिता के पोस्टमार्टम का इंतजार करना पड़ रहा है. क्योंकि मामला हत्या का होने के कारण बिना पोस्टमार्टम के कारण बेटी को उसके पिता का शव नहीं दिया जाएगा. यह अपने आप में रौंगटे खड़े करने वाला है, जो बहुत से सवाल खड़े करता है कि आखिर किसी शख्स के डॉक्यूमेंट महज नाम की गलती को सुधारने के लिए कितने दिनों का समय लग जाना चाहिए?
चार दिन से लगवा रहे अस्पताल का चक्कर
अंकित की मौत के बाद परिजन शव लेने पहुचे तो डॉक्टर और पुलिस ने मनीष मिश्रा नाम न होकर दस्तावेज में अंकित होने की वजह से पोस्टमार्टम करने से साफ इंकार कर दिया. घरवालों ने मृतक का वोटर आईडी एवं 50 रुपये के स्टाम्प ड्यूटी एफिडेविड भी बनवाकर दिया, जिसके बाद भी अधिकारी पिछले तीन दिनों से भटका रहे है. माया ने बताया कि पुलिस ने पूछने पर बताया है कि आज 26 मई को रविवार है छुट्टी का दिन है, इसलिए पोस्टमार्टम नहीं हो सका, कल सुबह मेडिकल ओपीडी से लेकर वार्ड तक मे नाम सुधरवाया जाएगा. सुधार होने के बाद ही पोस्टमार्ट करके शव को सौंपा जाएगा.
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अज्ञात बदमाशों ने किया था हमला
सिवनी जिले के रहने वाले एक युवक पर अज्ञात बदमाशों ने हमला कर दिया. 23 मई मृतक अंकित मिश्रा ने मेले में दुकान लगाया हुआ था. उसी दौरान अज्ञात बदमाशों ने उसपर चाकू से हमला कर उसे लहू लुहान कर दिया. अंकित की पत्नी अंजना मिश्रा अपने पति को बचाने के लिए जब दौड़ी तो हमलावरों ने उनपर भी चाकुओं से हमला करके घायल कर दिया.
आनन फानन में मौजूद लोगों ने दोनों पति-पत्नी को एम्बुलेंस की मदद से सिवनी के सरकारी अस्पताल लेकर पहुंचे, जहां डॉक्टरों ने दोनों को इलाज के लिए जबलपुर के नेताजी सुभाषचंद्र बोस मेडिकल अस्पताल में रैफर कर दिया. करीब 12 घंटे तक इलाज चलने के बाद 24 मई को अंकित ने दम तोड़ दिया. वहीं पत्नी अंजना का अभी भी अस्पताल में इलाज जारी है.

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