देश के 7 शहरों में फ्लैट की आई बाढ़, फिर भी कीमतों में लगी…- भारत संपर्क
देश के 7 बड़े शहरों में अनसोल्ड फ्लैट की संख्या 4.68 लाख हो गई है.
कोविड महामारी के दौरान कुछ समय तक तो प्रॉपर्टी की कीमतों में गिरावट देखने को मिली थी. उसके बाद वर्क फ्रॉम बढ़ने और देश में बैंकों की ओर से होम लोन की ब्याज दरों को सस्ता से प्रॉपर्टी की डिमांड में इजाफा देखने को मिला और कीमतों में इजाफा होने लगा. खास बात तो ये है कि साल 2022 से रेपो रेट में बढ़ोतरी के बाद भी घरों की डिमांड कम नहीं हुई.
साथ ही होम लोन ईएमआई महंगा होने और कीमतों में तेजी आने का असर भी देखने को नहीं मिला. बीते कुछ महीनों से जो रिपोर्ट आई है, वो ये है कि लग्जरी घरों की डिमांड में लगातार इजाफा हो रहा है. जिसकी वजह से लाखों करोड़ों रुपयों के घरों की बुकिंग कुछ ही घंटों में पूरी हो रही है.
अब जो रिपोर्ट आई है वो तो और भी चौंकाने वाली है. देश के 7 बड़े शहरों में फ्लैट की सप्लाई बढ़ने से अनसोल्ड घरों की संख्या 2019 की तुलना में 24 फीसदी बढ़ गई है. इन घरों की बिक्री करने में बिल्डरों को 22 महीने का समय लगेगा. रियल एस्टेट सलाहकार जेएलएल इंडिया ने गुरुवार को एक रिपोर्ट में कहा कि अनबिके घरों की संख्या मार्च, 2024 तक लगभग 4,68,000 यूनिट्स तक पहुंच गई जो दिसंबर 2019 की तुलना में 24 फीसदी ज्यादा है. इन शहरों में दिल्ली-एनसीआर, मुंबई, पुणे, बेंगलुरु, चेन्नई, हैदराबाद और कोलकाता शामिल हैं.
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घरों की सेल में ज्यादा समय नहीं
बनकर तैयार घरों की संख्या बढ़ने के बावजूद इनकी बिक्री के अनुमानित समय में उल्लेखनीय कमी आई है. जेएलएल ने कहा कि अनबिके घरों को बेचने में लगने वाले समय में 31 फीसदी की महत्वपूर्ण कमी आई है. जनवरी-मार्च तिमाही में इन घरों की बिक्री का अनुमानित समय घटकर सिर्फ 22 महीने रह गया जबकि 2019 के अंत तक यह समय 32 महीने था. मुख्य रूप से आवास की मांग में तेज वृद्धि के कारण ऐसा हुआ है. जानकारों की मानें तो पहले डिमांड कम होने से अनसोल्ड घरों के बिकने में ज्यादा समय लगता था. अब उनकी सेल पहले के मुकाबले काफी कम हो गई है.
ऐसे किया आकलन
यह आकलन पिछली आठ तिमाहियों में दर्ज औसत बिक्री दर पर आधारित है. इन आंकड़ों में सिर्फ अपार्टमेंट फ्लैट ही शामिल किए गए हैं. इसमें भूखंड पर बने घर, विला और भूखंड विकास को विश्लेषण से बाहर रखा गया है. मुंबई बाजार में मुंबई शहर, मुंबई उपनगर, ठाणे शहर और नवी मुंबई शामिल हैं जबकि दिल्ली-एनसीआर बाजार में दिल्ली, गुरुग्राम, नोएडा, ग्रेटर नोएडा, गाजियाबाद, फरीदाबाद और सोहना शामिल हैं.