NEET का नंबर गेम… छात्रों के ‘720’ की मिस्ट्री से क्यों बच रहा NTA? | NEET…
नीट परीक्षा को लेकर छात्रों ने एनटीए को सवालों के घेरे में खड़ा कर दिया है
चार जून को देश में दो नतीजे आए. एक तरफ लोकसभा चुनाव के रिजल्ट आए तो वहीं दूसरी तरफ राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा (NEET) का रिजल्ट आया. एक की चर्चा देश में जमकर चल रही हैं. मंत्रालय पाने की खींचतान चल रही है. सरकार में ज्यादा से ज्यादा अहम पद पाने और अपनी मांगे मनवाने के लिए तरह-तरह से दबाव बना रहे हैं. अग्निवीर योजना का रिव्यू करने के लिए बयानबाजी चल रही है, लेकिन लाखों छात्रों का भविष्य जिस एग्जाम से जुड़ा है उस नीट के रिजल्ट पर कोई कुछ नहीं बोल रहा है.
पहले इस पूरे मामले को समझ लेते हैं. मेडिकल प्रवेश परीक्षा नीट के कई परीक्षार्थियों ने छात्रों के अंक बढ़ाए जाने का आरोप लगाया है. छात्रों का कहना है कि इसके कारण रिकॉर्ड 67 परीक्षार्थियों ने टॉप रैंक हासिल की और इनमें से छह अभ्यर्थी एक ही परीक्षा केंद्र से हैं. सोशल मीडिया पर जैसे ही नीट की चर्चा शुरू हुई एनडीए सवालों के घेरे में आ गया. एक छात्र ने कहा कि नीट परीक्षा के प्रश्न पत्र लीक होने के बाद जारी परिणाम में 67 छात्रों को 720 में से 720 अंक मिलना संदेह पैदा करता है. यह देश के लाखों अभ्यर्थियों के भविष्य के साथ खिलवाड़ है. इसकी जांच होनी चाहिए.
चुनाव में जमकर तूल पकड़ा था पेपर लीक का मुद्दा
अब सवाल यह उठ रहा कि आखिर छात्रों के साथ ये धोखा कैसे हुआ, किसने किया और क्यों 4 जून को चुनाव नतीजों के शोर में लाखों छात्रों के भविष्य से जुड़ा ये मुद्दा गुम हो गया? क्यों किसी राजनीतिक दल ने इस पर आवाज नहीं उठाई जबकि लोकसभा चुनावों में पेपर लीक को जमकर तूल दिया गया? कई पार्टियों ने इसके खिलाफ कड़े कानून की मांग की लेकिन हुआ क्या, कुछ नहीं लेकिन ऐसा क्यों है?
सिलसिलेवार ढंग से समझें पूरा मामला
- इसी साल 5 मई को देशभर में NEET की परीक्षा हुई
- 24 लाख 6 हजार 79 स्टूडेंट्स ने NEET यूजी परीक्षा के लिए रजिस्ट्रेशन किया था
- 23 लाख 33 हजार 297 छात्रों ने मेडिकल एंट्रेंस एग्जाम दिया
- 4 जून को लोकसभा चुनाव के परिणाम वाले दिन इसका रिजल्ट घोषित किया गया
- पहली बार 67 स्टूडेंट्स को 720 में से 720 यानी फुल मार्क्स मिले
इसके बाद सोशल मीडिया पर रिजल्ट का एक PDF वायरल हुआ. इसमें एक जैसी रोल नंबर सीरीज के 8 छात्र थे. 8 में से 6 छात्रों को पहली रैंक मिली थी जबकि दो की रैंक अलग थी. इसके बाद सोशल मीडिया पर लोग सवाल पूछने लगे कि ऐसा कैसे संभव है. क्या ये महज संयोग या इसके पीछे कोई घोटाला है? इस बार की नीट परीक्षा 5 मई को हुई थी. इसमें 24 लाख छात्र शामिल हुए थे. वहीं, पेपर लीक की खबर सवाई माधोपुर से आई थी. नीट के परिणाम पर अब कई तरह के सवाल खड़े हो रहे हैं.
- सवाल नंबर 1: एक साथ 67 टॉपर को 720/720 अंक कैसे?
- सवाल नंबर 2: एक ही सेंटर के 8 बच्चों का 720/720 अंक कैसे?
- सवाल नंबर 3: हर सवाल 4 नंबर का फिर 718-719 नंबर कैसे आया?
नीट रिजल्ट के पिछले पांच साल इतिहास देखें तो 2019 में 1 टॉपर था 2020 में भी 1 छात्र ने टॉप किया था. 2021 में तीन छात्रों ने टॉप किया. 2022 में संख्या फिर एक पर पहुंच गई. 2023 में 2 टॉपर रहे थे जबकि 2024 में यह आंकड़ा सीधे-सीधे 50 को पार कर गया. इस बार 67 स्टूडेंट्स को 720 में से 720 यानी फुल मार्क्स मिले.
आरोपों से एनटीए ने किया इनकार
नीट के रिजल्ट को लेकर सोशल मीडिया पर सवालों की बाढ़ आई हुई है. टॉपर्स की लिस्ट रोल नंबर के साथ शेयर की जा रही है, लेकिन सियासी गलियारे में सन्नाटा पसरा हुआ है. राष्ट्रीय परीक्षा एजेंसी (NTA) की ओर से सफाई आई भी तो वो भी बहुत सतही रही है. कई छात्रों ने नीट के तर्क पर आपत्ति जताई है. वहीं, NTA ने परीक्षा में किसी भी प्रकार की अनियमितता होने से इनकार किया है. एनटीए ने कहा कि अभ्यर्थियों की संख्या में बढ़ोतरी की वजह से हाई स्कोर करने वालों की संख्या बढ़ी है.
परीक्षा की शुचिता से समझौता नहीं किया गया.