साइबर फ्रॉड करने वालों की अब खैर नहीं, RBI करने जा रहा ये…- भारत संपर्क

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साइबर फ्रॉड करने वालों की अब खैर नहीं, RBI करने जा रहा ये…- भारत संपर्क
साइबर फ्रॉड करने वालों की अब खैर नहीं, RBI करने जा रहा ये बड़ा काम

डिजिटल फ्रॉड से निपटने की आरबीआई की तैयारी

भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने शुक्रवार को अपनी द्विमासिक मौद्रिक नीति पेश कर दी है. इस बार भी रेपो रेट में कोई बदलाव नहीं किया गया है. लेकिन आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने इस दौरान एक बड़ा ऐलान किया, जो देश में डिजिटल पेमेंट करने वाले करोड़ों लोगों को प्रभावित करेगा.

देश में डिजिटल और साइबर फ्रॉड की संख्या में 700 प्रतिशत से ज्यादा बढ़ोतरी देखी गई है. इसी बात से परेशान आरबीआई अब एक ऐसा सिस्टम डेवलप करने जा रहा है, जो डिजिटल पेमेंट से जुड़े फ्रॉड्स की निगरानी करेगा. ये एक डिजिटल पेमेंट इंटेलीजेंस प्लेटफॉर्म होगा.

कैसे काम करेगा ये इंटेलीजेंस सिस्टम?

आरबीआई की मौद्रिक नीति की घोषणा करते वक्त शक्तिकांत दास ने डिजिटल पेमेंट फ्रॉड की बढ़ती संख्या पर चिंता जताई. उन्होंने कहा कि डिजिटल पेमेंट सिस्टम को इस तरह के फ्रॉड से बचाने की जरूरत है. इसलिए आरबीआई एक ऐसा डिजिटल पेमेंट इंटेलीजेंस प्लेटफॉर्म बनाने का प्रस्ताव करता है, जो नेटवर्क के लेवल पर ही इंटेलीजेंस निगरानी करेगा. इतना ही नहीं ये रियल टाइम में पूरे डिजिटल पेमेंट इकोसिस्टम में डेटा शेयरिंग करेगा.

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इस प्लेटफॉर्म के डेवलपमेंट को आगे बढ़ाने के लिए भारतीय रिजर्व बैंक ने एक कमेटी गठित की है. ये कमेटी इस प्लेटफॉर्म से जुड़े अलग-अलग पहलुओं और उसके काम का परीक्षण करेगी. ईटी की खबर के मुताबिक इस कमेटी के अध्यक्ष अभय होटा हो सकते हैं, जो नेशनल पेमेंट कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया के पहले सीईओ रह चुके हैं.

लोन पर शॉपिंग से भी RBI परेशान

इसी के साथ आरबीआई ने लोगों की ‘Buy Now Pay Later’ या ईएमआई पर शॉपिंग की बढ़ती आदत को लेकर भी चिंता व्यक्त की है. इस तरह की शॉपिंग या लोगों के पैसे उधार लेने को आरबीआई असुरक्षित लोन (बिना गारंटी वाला लोन) के तौर पर देखता है. इसमें डिजिटल प्लेटफॉर्म से बांटे जाने वाले पर्सनल लोन, अर्ली सैलरी जैसे लोन भी शामिल हैं. इसी असुरक्षित लोन के बढ़ते चलन से आरबीआई परेशान है.

इस तरह के लोन को लेकर आरबीआई ने बीते कुछ समय में कई कड़े कदम उठाए हैं. यहां तक कि डिजिटल लोन से लेकर बैंकों तक पर इसके लिए नवंबर के महीने में आरबीआई ने कुछ रेग्युलेटरी प्रावधान किए थे.

अबकी बार मौद्रिक नीति पेश करते हुए आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि अनसिक्योर्ड लोन को लेकर उसकी चिंताओं का असर दिख रहा है. इसमें कुछ सुधार देखा गया है. उन्होंने बैंकों से साफ कहा कि वह अपने एसेट्स और लायबिलिटीज के बीच उचित बैलेंस बनाकर रखें.

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