जबलपुर: भीषण गर्मी में नर्मदा नदी में नहाने गए, डूबने से 2 सगी बहनों समेत 4… – भारत संपर्क

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जबलपुर: भीषण गर्मी में नर्मदा नदी में नहाने गए, डूबने से 2 सगी बहनों समेत 4… – भारत संपर्क

तालाबों, नदियों में डूब रहे हैं लोग
भीषण गर्मी से राहत पाने के लिए लोग इस वक्त नदियों तालाबों का सहारा ले रहे हैं. मध्य प्रदेश में भी लोग इसी तरह गर्मी को मात दे रहे हैं. यहां नर्मदा नदी, नहर, तालाब और स्विमिंग पूल का सहारा लिया जा रहा है लेकिन सुरक्षा के सही साधन ना होने के कारण लोग हादसे का भी शिकार हो रहे हैं. ऐसे ही जबलपुर में गर्मी से राहत पाने के लिए नेचुरल स्विमिंग पूल भेड़ाघाट और ग्वारीघाट पहुंचे चार लोग डूब गए. दोनों हादसों के बाद से जिला प्रशासन की सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल खड़े हो रहे हैं.
दरअसल, अधारताल थाना क्षेत्र के संजय नगर पावर हाउस के पास की रहने वाली मुस्कान चौधरी अपनी दो बहनें रिया चौधरी और छुटकी चौधरी और एक भाई के साथ शाम को ग्वारीघाट के नेचुरल स्विमिंग सिद्धघाट गई थी. यहां सभी नहा रहे थे, इसी दौरान उसकी 21 साल की बहन सिमरन और 16 साल की रिया तैरते हुए गहरे पानी की ओर चली गई.
बहन को बचाने नदी में कूदा भाई
दोनों को डूबता देखकर उनका भाई बचाने के लिए नदी में कूदा लेकिन बहाव तेज होने के कारण वह भी डूबने लगा. फिर तीनों को डूबता देख स्थानीय गोताखोरों ने उन्हें बचाने का प्रयास किया जहां तीनों को बाहर निकाला गया, इसमें पानी में डूबे भाई को तो बचा लिया गया, लेकिन देर हो जाने से दो बहनों की मौत हो गई. इसकी सूचना एंबुलेंस और स्थानीय पुलिस को दी गई. घंटों बाद पहुंची एंबुलेंस से दोनों बहनों को मेडिकल अस्पताल ले जाया गया जहां डॉक्टरों ने चेकअप के दौरान दोनों बहनों को मृत घोषित कर दिया. वहीं परिजनों का आरोप था कि सूचना देने के करीब एक घंटे तक एंबुलेंस और स्थानीय पुलिस मौके पर नहीं पहुंची. अगर समय से एंबुलेंस या पुलिस पहुंच जाती तो उन दोनों बहनों की जान बच जाती.
भेड़ाघाट में डूबे दो भाई
तो वहीं, दूसरी घटना भेड़ाघाट धुआंधार के पास हुई है. घमापुर के कांचघर के रहने वाले दो सगे भाई राहुल रैकवार और कमल रैकवार अपने दो साथी शुभम और विक्की के साथ भेड़ाघाट नहाने के लिए गए थे. नहाने के दौरान देर होने के कारण चारों को भूख लग गई. राहुल और कमल को नहाते छोड़ दोनों दोस्त शुभम और विक्की खाना लेने के लिए ढ़ाबे पर चले गए. कुछ देर बाद जब वह दोनों वापस खाना लेकर लौटे तो देखा कि राहुल और कमल नहीं थे.
पुलिस को अगले दिन मिलीं लाशें
दोनों के कपड़े और मोबाइल घाट पर ही पड़े हुए थे आसपास तलाशने के बाद जब दोनों का कहीं भी पता नहीं चला तो शुभम और विक्की ने भेड़ाघाट थाना पहुंचकर इसकी सूचना पुलिस को दी. काफी देर शाम हो जाने के चलते दोनों की तलाश नहीं की जा सकी, लेकिन दूसरे दिन एसडीआरएफ और स्थानीय गोताखोरों की मदद से दोनों भाई की तलाश की गई तो दोनों के शव करीब 30 फिट गहरे खाई में दबे मिले. दोनों के शवों को बाहर निकाल कर पोस्टमार्टम करने के बाद परिजनों के सुपुर्द कर दिया गया है.
घाटों पर नहीं है कोई इंतजाम
सबसे बड़ा सवाल यह उठता है कि लगातार हो रही इन घटनाओं के बावजूद भी पुलिस प्रशासन की ओर से घाटों में सुरक्षा के कोई भी इंतजाम नहीं किए गए हैं. घाट पर किसी पुलिसकर्मी या फिर गोताखोरों की तैनाती नहीं की गई है. इस बात से यही अंदाजा लगाया जा सकता है कि पुलिस प्रशासन किसी बड़े हादसे का इंतजार कर रहा है. वहीं पूरे मामले में एडिशनल एसपी सूर्यकांत शर्मा का कहना है कि भीषण गर्मी के चलते बड़ी संख्या में लोग घाट पर नहाने के लिए पहुंच रहे हैं जिन्हें देखते हुए सभी थानों को अलर्ट कर दिया गया है और सुरक्षा व्यवस्था को दुरुस्त करने के निर्देश दिए गए हैं.

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