रिटायर्ड लोगों के रहने के लिए बेस्ट हैं ये 5 देश, आखिर क्या…- भारत संपर्क

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रिटायर्ड लोगों के रहने के लिए बेस्ट हैं ये 5 देश, आखिर क्या…- भारत संपर्क
रिटायर्ड लोगों के रहने के लिए बेस्ट हैं ये 5 देश, आखिर क्या है वजह?

रिटायर्ड लोगों के रहने के लिए सबसे बढ़िया देशImage Credit source: Unsplash

एक सामान्य व्यक्ति 35 से 40 साल काम करने के बाद जब 60 या उससे अधिक की उम्र का होता है, तब वह अपनी जीवन की दूसरी इनिंग शुरू करता है. ऐसे में रिटायरमेंट के बाद एक व्यक्ति को जीवन जीने के लिए कुछ चुनिंदा सुविधाओं जैसे कि कम्युनिटी बिल्डिंग, ईजी एक्सेसबिलिटी और हेल्थ सर्विसेस इत्यादि की सबसे ज्यादा जरूरत होती है. जहां उसे ये सब बातें आसानी से मिल जाती हैं, वह उसके रिटायरमेंट के बाद रहने के लिए सबसे बढ़िया जगह बन जाती है.

रिटायरमेंट को लेकर भारत में थोड़ा अलग व्यवहार किया जाता है. यहां मुख्य तौर पर परिवार में ही बुजुर्गों का ध्यान रखने की परंपरा है. बिजनेस करने वाले परिवारों में 60 के बाद रिटायरमेंट जैसे विषय को बहुत सीरियसली नहीं लिया जाता है. जबकि नौकरी पेशा लोग रिटायरमेंट के बाद मुख्य तौर पर पेंशन पर ही निर्भर करते हैं.

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रिटायर्ड लोगों के लिए दुनिया के टॉप-5 देश

अगर रिटायर्ड लोगों के रहने के लिहाज से दुनिया के बेस्ट-5 देशों को देखा जाए, तो इसमें अधिकतर वो देश शामिल हैं जो ह्यूमन इंडेक्स और हैप्पीनेस इंडेक्स में टॉप पर रहते हैं. ‘वर्ल्ड ऑफ स्टेटिसटिक्स’ के मुताबिक रिटायर्ड लोगों के लिए दुनिया के टॉप-5 देशों में पहले नंबर पर नॉर्वे का नाम आता है.

इसके बाद स्विट्जरलैंड, आइसलैंड, आयरलैंड और लग्जमबर्ग का नाम आता है. अगर इस लिस्ट को 10 तक बढ़ाएंगे तो क्रमश: नीदरलैंड, ऑस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड, जर्मनी और डेनमार्क का नाम भी इसमें जुड़ जाएगा. ‘वर्ल्ड ऑफ स्टेटिसटिक्स’ के ये आंकड़े भी ग्लोबल रिटायरमेंट इंडेक्स 2023 के आधार पर हैं. आखिर वो कौन-सी बातें हैं, तो इन देशों को रिटायर्ड लोगों के लिए दुनिया में बेस्ट देश बनाती हैं.

इन मानकों पर होता है तय

दुनिया का कोई देश रिटायर्ड लोगों के लिए बेस्ट क्यों है, ये कई बातों और मानकों पर निर्भर करता है. जैसे किसी देश में स्वास्थ्य पर प्रति व्यक्ति खर्च कितना है? वहां लाइफ एक्सपेंटेंसी क्या है ? हेल्थ इंश्योरेंस के बिना लोगों के पास कितनीस्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध हैं? इसके अलावा वहां समाज में खुशहाली का स्तर क्या है, साफ हवा और पानी का स्तर क्या है, स्वच्छता का कितना ख्याल रखा जाता है और जीवन को लेकर विविधता कितनी है?

बात यहीं नहीं रुकती, समाज की प्रति व्यक्ति आय, आय में समानता और बेरोजगारी दर का स्तर भी किसी देश को रिटायर्ड लोगों के रहने के लिए बेहतर स्थान बनाता है. इसके बाद सरकार पर कर्ज का बोझ, उम्रदराज लोगों की सरकार पर निर्भरता, पेंशन की स्थिति, एफडी और बचत इत्यादि पर ब्याज दर, महंगाई का दबाव और टैक्स स्ट्रक्चर जैसे इकोनॉमिक मानक भी देश की रैंकिंग को तय करते हैं.

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