देश में जल्द खुलेगा ‘राष्ट्रीय ई पुस्तकालय’, नेशनल बुक…- भारत संपर्क

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देश में जल्द खुलेगा ‘राष्ट्रीय ई पुस्तकालय’, नेशनल बुक…- भारत संपर्क
देश में जल्द खुलेगा 'राष्ट्रीय ई-पुस्तकालय',  नेशनल बुक ट्रस्ट ने किया ये बड़ा करार

बनेगा ‘राष्ट्रीय ई-पुस्तकालय’ Image Credit source: Unsplash

देश में शिक्षा का डिजिटलीकरण हो सके. गांव-देहात तक अच्छी एजुकेशनल और अन्य पाठ्य पुस्तकों की उपलब्धता बढ़ सके. इसके लिए सरकार चाहती है कि एक राष्ट्रीय ई-पुस्तकालय बनाया जाए. अब नेशनल बुक ट्रस्ट (NBT) ने इस काम के लिए डिपार्टमेंट ऑफ स्कूल एजुकेशन एंड लिटरेसी के साथ एक एमओयू पर साइन किए हैं. राष्ट्रीय ई-पुस्तकालय एक डिजिटल लाइब्रेरी प्लेटफॉर्म होगा.

राष्ट्रीय ई-पुस्तकालय के लिए भारत सरकार के हायर एजुकेशन डिपार्टमेंट के तहत आने वाला एनबीटी एक फ्रेमवर्क तैयार करेगा. इसी के आधार पर ये तय होगा कि राष्ट्रीय ई-पुस्तकालय आखिर किस तरह डेवलप किया जाना है.

देश के ऐसे काम आएगा राष्ट्रीय ई-पुस्तकालय

राष्ट्रीय ई-पुस्तकालय से जुड़े एक कार्यक्रम में डिपार्टमेंट ऑफ स्कूल एजुकेशन एंड लिटरेसी के सेक्रेटरी संजय कुमार ने कहा कि बच्चों के बीच पढ़ने की आदत बनी रहे, इसके लिए राष्ट्रीय ई-पुस्तकालय एक बेहद अच्छा विकल्प बनने वाला है. राष्ट्रीय ई-पुस्तकालय, लोगों को देशभर में 24×7 किताबों की एक्सेस देगा. बच्चे इस पर मौजूद किताबों को किसी भी लोकेशन से कभी भी भी पढ़ सकेंगे. ये उन राज्यों के लिए बहुत फायदेमंद होगा, जहां लोगों का लाइब्रेरी तक एक्सेस सीमित है.

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मौजूद होंगी 100 भाषाओं की 10,000 किताबें

राष्ट्रीय ई-पुस्तकालय के बारे में संजय कुमार ने कहा कि यहां बच्चों को अगले 2 से 3 साल के अंदर 100 भाषाओं में 10,000 किताबों की एक्सेस मिलेगी. वहीं इस प्लेटफॉर्म पर सही किताबें मिलें, इसके सिलेक्शन के लिए एक ‘कंटेंट एनरिचमेंट कमेटी’ बनाई जाएगी. वहीं डिपार्टमेंट की संयुक्त सचिव अर्चना शर्मा अवस्थी का कहना है कि राष्ट्रीय ई-पुस्तकालय पर नॉन-एकेडमिक किताबों को भी शामिल किया जाएगा. अंग्रेजी समेत 23 भाषाओं की ऐसी करीब 1,000 किताबें इस प्लेटफॉर्म पर उपलब्ध होंगी.

नॉन-एकेडमिक किताबों के बारे में डिपार्टमेंट ऑफ हायर एजुकेशन के सेक्रेटरी संजय मूर्ति ने कहा कि नॉन-एकेडमिक किताबों का भी बच्चों की जिंदगी में अहम स्थान है. ये उनके एकेडमिक्स को शेप करने में भूमिका निभाती हैं. इतना ही नहीं उन्होंने एनबीटी से अच्छी क्वालिटी की किताबें तैयार कराने के लिए एकेडमिक फैकल्टी को भी शामिल करने की बात कही.

नेशनल बुक ट्रस्ट के डायरेक्टर युवराज मलिक ने बताया कि राष्ट्रीय ई-पुस्तकालय भारतीय ज्ञानकोश या यूं कहें कि एक नेशनल रिपॉजिटरी की तरह काम करेगा. ये दुनिया के सामने भारत के ज्ञान और भाषाओं को पहचान देगा.

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