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भू विस्थापितों और एसईसीएल प्रबंधन के बीच बढ़ी तनातनी, राज्यपाल, मुख्यमंत्री, पुलिस मुख्यालय, कमिश्नर, कलेक्टर व एसपी से शिकायत
कोरबा। जिले में एसईसीएल के दीपका विस्तार परियोजना के लिए प्रभावित ग्राम सुआभोड़ी व मलगांव के भू-विस्थापितों के साथ एसईसीएल प्रबंधन की तनातनी कम होने का नाम नहीं ले रही है। दीपका के अधिकारियों के साथ-साथ निजी कंपनी कलिंगा और उसके बाउंसरों के खिलाफ शिकायत राज्यपाल से लेकर मुख्यमंत्री, पुलिस मुख्यालय, कमिश्नर, कलेक्टर व एसपी से की गई है।पीडि़त लोकेश कुमार पिता रामचंद ग्राम सुआभोड़ी हरदीबाजार ने बताया कि उसके हक की खसरा नंबर 376/30 रकबा 0.59 एकड़ भूमि पर मकान, पेड़-पौधे, फलदार वृक्ष थे। उसके पास एकमात्र अंतिम भूमि रह गई थी जिसके संबंध में उच्च न्यायालय में याचिका उसने दायर की है। यह याचिका न्यायालय में विचाराधीन है और अधिवक्ता के द्वारा समय मांगे जाने पर उच्च न्यायालय ने खुदाई प्रक्रिया स्थगित करने के लिए दिशा-निर्देश दिया है। दीपका के अधिकारी द्वारा आदेश की अवमानना कर खनन प्रक्रिया जारी रखी गई है। इसका विरोध करने पर दीपका व हरदीबाजार थाना में शिकायत की गई है। लोकेश कुमार ने अमित सक्सेना, मनोज कुमार सिंह, मिथेश मधुक, अनुप कुमार मंदावारिया, जितेन्द्र दुबे, सुशील साहू, गोकुल धीवर, शत्रुघन के विरूद्ध एफआईआर दर्ज करने का आग्रह किया है। विनय कुमार राठौर निवासी सुआभोड़ी ने राज्यपाल से शिकायत की है कि खसरा नंबर 316/4 रकबा, 0.117 हेक्टेयर भूमि पर भूमि एवं मकान स्थित था। बाउंड्रीवाल बनाकर मुआवजा का आंकलन किया गया। दीपका प्रबंधन के द्वारा मकान और पेड़-पौधों का समतलीकरण (डोजरिंग) बलपूर्वक करने का आरोप है जिसके लिए पूर्व में कोई नोटिस नहीं दिया गया। मुआवजा भी नहीं मिला है। विनय कुमार ने बताया कि वर्ष 2023 के मामले को लेकर कलिंगा कंपनी के विकास दुबे, एसईसीएल सीआईएसएफ व कलिंगा के बाउंसर के द्वारा प्रताडि़त किया जा रहा है जबकि मलगांव के किसी भी मामले में वह शामिल नहीं था और जबरन फंसाया जा रहा है। विनय के मुताबिक ग्राम मलगांव में स्थित उसके मकान का मुआवजा नहीं बनाया गया है। एसईसीएल के सर्वे टीम में बीके साहू व शासन के पटवारी पाटले के द्वारा नापी किया गया लेकिन पावती नहीं दिया गया। मलगांव में निर्मित मकान व सुआभोड़ी में निर्मित मकान व भूमि का मुआवजा दिलाने की गुहार लगाई है।