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जून माह में वितरण कंपनी ने सुरक्षा निधि का ब्याज किया जारी, बढ़े नए टैरिफ में मिलेगी आंशिक राहत
कोरबा। विद्युत वितरण कंपनी ने घरेलू बिजली दर में प्रति यूनिट 20 पैसे की वृद्धि करने का निर्णय लिया है। नई दर एक जून से लागू हो गयी है। इसलिए उपभोक्ताओं को जुलाई माह के बिजली बिल में नए टैरिफ के हिसाब से बिल मिलेंगे। जो गर्मी की खपत और बढ़े दर के कारण अधिक मिलेंगे। वहीं जून माह में कंपनी ने सुरक्षा निधि का ब्याज जारी किया है। उसकी राशि उपभोक्ताओं के बिल में समायोजित की गई है। इससे कई लोगों को काफी राहत मिली है। एक जून से प्रदेश में बिजली महंगी हो गई है। विद्युत वितरण कंपनी द्वारा घाटा बताकर विद्युत नियामक आयोग को बिजली की टैरिफ में वृद्धि की मांग की थी। इसमें विचार करने के बाद आयोग द्वारा सभी श्रेणियों को मिलाकर बीस से सत्तर पैसे प्रति यूनिट तक बिजली दर में वृद्धि करने की अनुमति दी है। यह आयोग के निर्देशानुसार एक जून से लागू हो गई है। इसमें घरेलू उपभोक्ताओं के बिजली बिल में 20 पैसे प्रति यूनिट की वृद्धि की गई है। विद्युत वितरण कंपनी द्वारा उपभोक्ताओं से बिजली कनेक्शन देते समय सिक्यूरिटी डिपॉजिट की राशि जमा कराई जाती है। जो उपभोक्ताओं द्वारा मांगे गए लोड के तीन माह के बिजली बिल के बराबर होता है। कनेक्शन लेने के बाद खपत में वृद्धि होने पर बारह माह की खपत के आधार पर अतिरिक्त सिक्यूरिटी डिपॉजिट राशि जनवरी माह के बिल में लिया जाता है। उक्त राशि का साल में एक बार उपभोक्ताओं को ब्याज जारी किया गया है, जो जून माह में जारी होता है। इसलिए मई पेड जून के बिजली बिल में एसडी राशि समायोजित की गई है। साथ ही चार सौ यूनिट तक की खपत में पचास प्रतिशत छूट मिल रही है। इससे उपभोक्ताओं के बिल कम आए हैं। बिजली कनेक्शन लेते समय उपभोक्ताओं द्वारा जमा की गई सुरक्षा निधि में साल में एक बार ब्याज दिया जाता है। उस राशि को बिजली बिल में समायोजित किया जाता है। इससे उपभोक्ताओं के बिल कम होने से राहत मिलती है। इसलिए उपभोक्ताओं को जून पेड जुलाई के बिजली बिल झटके दे सकते हैं। वर्तमान में भीषण गर्मी से राहत पाने के लिए लोग कूलर और एसी का धड़ल्ले से उपयोग कर रहे हैं। जिसके कारण उनकी खपत पहले से अधिक है। अब नई टैरिफ लागू होने से बिजली दर दोगुना वृद्धि हो जाएगी। वहीं मई पेड जून माह के बिजली बिल में उपभोक्ताओं को एसडी राशि में ब्याज जारी हुआ है। उसको बिजली बिल में समायोजित किया गया है। इसलिए बिल राशि में कमी आई है।