आग में राख हुआ तीन मंजिला मकान, बेटियोंं संग जिंदा जला शख्स… ऐसे बच गए पत… – भारत संपर्क

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आग में राख हुआ तीन मंजिला मकान, बेटियोंं संग जिंदा जला शख्स… ऐसे बच गए पत… – भारत संपर्क

ग्वालियर के मकान में लगी आग में तीन लोगों की जलकर मौत
मध्य प्रदेश के ग्वालियर से दिल दहला देने वाली खबर सामने आई है. यहां एक मकान में आग लगने से दो बेटियों के साथ पिता जिंदा जल गए. इस घटना के बाद पूरे इलाके में सनसनी फैल गई. जिसने भी सुना भौचक रह गया. मौके पर मौजूद स्थानीय लोगों ने फायर ब्रिगेड को घर में आग लगने की सूचना दी, जिसके बाद घटनास्थल पर पहुंची राहत-बचाव टीम ने आग बुझाने की कोशिश की. हालांकि, जब तक आग की लपटें शांत होतीं, पूरा घर जलकर राख हो चुका था. इसी के साथ शांत हो चुकी थीं घर में अकसर सुनाई देने वाली तीन लोगों की आवाज.
घटना ग्वालियर शहर के बहोड़ापुर थाना क्षेत्र के तहत आने वाले कैलाश नगर इलाके की है. यहां रात में करीब 1 बजे तीन मंजिला मकान में भीषण आग लग गई. आग इतनी भयानक थी, कि बचने का मौका ही नहीं मिला और घर में मौजूद पिता संग दो बेटियां आग में जिंदा जलकर राख हो गए. इससे पहले उन्होंने बचने की खूब कोशिश की, चीख-चिल्लाकर उन्होंने मदद मांगी. लेकिन किसी तक उनकी ये आवाज नहीं पहुंच सकी.
दरअसल, आग लगने के दौरान ड्राईफ्रूट कारोबारी विजय गुप्ता अपने तीन मंजिला मकान में अपनी दो बेटियों के साथ मौजूद थे. तभी बुधवार की रात अचानक आग लग गई. इसके बाद पड़ोसियों ने विजय गुप्ता परिवार के अन्य सदस्यों के साथ पुलिस और फायर ब्रिगेड को भी सूचना दी. आग इतनी भयानक थी कि 3 मंजिला घर पूरी तरह से जलकर राख हो गया.
बच गए बेटे और पत्नी
इस आग की चपेट में आने से घर के मुखिया विजय गुप्ता, डॉक्टरी की तैयारी कर रही उनकी 22 साल की बड़ी बेटी अनिष्का और 17 साल की दूसरी बेटी यशिका की मौत हो गई. गनीमत यह रही कि जब यह अग्निकांड हुआ तब परिवार के अन्य सदस्य यानी मृतक विजय की पत्नी सुमन और बेटा वंश अपने मामा के घर गए हुए थे. ऐसे में ये हादसे की चपेट में आने से बच गए.
आग की लपटें देख आसपास के लोग बड़ी संख्या में इकट्ठा हो गए. पुलिस कप्तान धर्मवीर सिंह यादव भी मौके पर पहुंचे. ऐसी आशंका जताई जा रही है, कि पहले ड्राई फ्रूट में आग लगी और फिर दूसरी मंजिल को भी आग ने चपेट में ले लिया. आशंका है कि तीनों लोगों की जान दम घुटने से हुई हो. हालांकि, इस मामले में जांच जारी है.
क्या बोले पड़ोसी?
पड़ोस में ही रहने वाले प्रत्यक्षदर्शी हर्ष शर्मा ने बताया कि उन्होंने खुद आग से घिरे परिवार को बचाने की कोशिश की थी, लेकिन समय पर मदद नहीं पहुंचने से वो कुछ भी नहीं कर सके. उन्होंने बताया कि सूचना देने के करीब 2 घंटे बाद फायर ब्रिगेड और एंबुलेंस वहां पहुंची थी. हालांकि इस दौरान एक बेटी की सांस चल रही थी जिसे बचाने की कोशिश की गई, लेकिन मौके पर पहुंची एंबुलेंस में ऑक्सीजन की सुविधा न होने के कारण उसे बचाया नहीं जा सका.
इस घटना के बाद कैलाश नगर में शोक की लहर छा गई. अचानक लगी इस आग में एक हंसता खेलता परिवार मौत के आगोश में समा गया. फिलहाल पिता और दोनों बेटियों के शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया है.

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