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डिप्टी सीएम ने अशोक वाटिका, कन्वेंशन सेंटर, विवेकानंद परिसर और एसएलआरएम सेंटर का किया निरीक्षण
कोरबा। अंतरराष्ट्रीय योग दिवस पर जिला स्तरीय आयोजन में मुख्य अतिथि के रूप में शामिल होने कोरबा पहुंचे उप मुख्यमंत्री और कोरबा जिले के प्रभारी मंत्री अरुण साव ने योगाभ्यास के बाद शहर में अशोक वाटिका, हाउसिंग बोर्ड द्वारा निर्मित कन्वेंशन सेंटर, विवेकानंद परिसर और पोड़ीबहार स्थित एसएलआरएम सेंटर का निरीक्षण किया। उन्होंने निरीक्षण के दौरान संबधित विभागों के अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश भी दिए। मंत्री अरुण साव ने अधिकारियों की बैठक लेकर जिले में विकास कार्यो की समीक्षा की। उन्होंने कोरबा को प्रदेश में आदर्श जिले के रूप में पहचान दिलाने सभी अधिकारियों को अपने कर्तव्यों का जिम्मेदारी पूर्वक निर्वहन करने एवं शासन की कल्याणकारी योजनाओं का लाभ आम नागरिकों तक प्राथमिकता से पहुँचाने के निर्देश दिए। उप मुख्यमंत्री श्री साव ने कोरबा जिला मुख्यालय में आयोजित बैठक में कहा कि प्रदेश की ऊर्जाधानी कोरबा में संसाधनों की कोई कमी नहीं है। बहुमूल्य खनिज पदार्थ प्रचुर मात्रा में उपलब्ध हैं। यहां हर क्षेत्र में कार्य करने की संभावनाएं असीम है। इसके लिए सभी अधिकारी-कर्मचारी नई ऊर्जा व सोच के साथ जिले के विकास कार्यों को गति देने के लिए काम करें।समीक्षा बैठक में कटघोरा के विधायक प्रेमचंद पटेल, पाली-तानाखार के विधायक तुलेश्वर सिंह मरकाम, रामपुर के विधायक फूलसिंह राठिया, कोरबा के महापौर राजकिशोर प्रसाद, जिला पंचायत की अध्यक्ष शिवकला छत्रपाल सिंह कंवर, कलेक्टर अजीत वसंत, पुलिस अधीक्षक सिद्धार्थ तिवारी, डीएफओ अरविंद पीएम और कुमार निशांत, जिला पंचायत के सीईओ संबित मिश्रा और नगर निगम की आयुक्त प्रतिष्ठा ममगाई सहित अनेक जनप्रतिनिधि एवं विभागीय अधिकारी-कर्मचारी उपस्थित थे। उप मुख्यमंत्री श्री साव ने जिले में शाला प्रवेशोत्सव की तैयारी, खाद-बीज भण्डारण की स्थिति, मौसमी बीमारियों से बचाव की तैयारी, लोक निर्माण, लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी, नगरीय प्रशासन, स्वास्थ्य, प्रधानमंत्री आवास तथा महिला एवं बाल विकास विभाग की योजनाओं और विकास कार्यों की प्रगति की समीक्षा की और आवश्यक निर्देश दिए। उन्होंने विभागीय योजनाओं के बेहतर क्रियान्वयन के लिए सभी अधिकारियों को नियमित रूप से फील्ड विजिट करने को कहा। उन्होंने कहा कि अधिकारी के फील्ड में जाने से विभागीय अमला कार्य करने के प्रति सचेत होती है। इससे अधिकारियों को योजनाओं के क्रियान्वयन की जमीनी हकीकत पता चलती है। फील्ड में सक्रियता से कार्यों में गति आएगी और समस्याओं का समाधान शीघ्र होगा।