जनजातीय क्षेत्र में सुधार के लिए CM मोहन यादव का बड़ा फैसला, अधिकारियों को … – भारत संपर्क

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जनजातीय क्षेत्र में सुधार के लिए CM मोहन यादव का बड़ा फैसला, अधिकारियों को … – भारत संपर्क

बैठक करते सीएम मोहन यादव
मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है प्रदेश के जिन जिलों में पेसा एक्ट लागू है, वहां स्थानीय जनजातीय समुदाय को रोजगार के नए क्षेत्रों से जोड़ा जाए. जनजातीय बहुल पंचायतों द्वारा जनजातीय भाई-बहनों को रोजगार के साधन उपलब्ध करवाने के लिए विभिन्न क्षेत्रों में कार्य की संभावनाओं को तलाशें, उपयुक्त कार्ययोजना बनाकर उन्हें धरातल पर उतारने का कार्य सुनिश्चित करें. इसमें कुटीर एवं ग्राम उद्योग, पशुपालन, मशरूम, लाख, शहद के उत्पादन और विक्रय, रेशम कीट पालन और वस्त्र निर्माण आदि शामिल है. उन्होंने कहा कि जनजातीय बहुल पंचायतों को ग्रामीण परिवहन व्यवस्था का दायित्व दिये जाने की संभावनाओं का अध्ययन कर प्रतिवेदन तैयार करें.
मुख्यमंत्री डॉ. यादव मंत्रालय में राज्य में पेसा एक्ट के क्रियान्वयन और संचालित गतिविधियों की समीक्षा कर रहे थे. इस दौरान उन्होंने निर्देश दिए कि जनजातीय समाज के युवाओं को ग्रामीण परिवहन सेवा का दायित्व देने के संबंध में अध्ययन कर प्रतिवेदन तैयार किया जाए. बैठक में पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री श्री प्रहलाद पटेल एवं पंचायत एवं विकास राज्य मंत्री राधा सिंह के अलावा मुख्य सचिव वीरा राणा, अपर मुख्य सचिव मुख्यमंत्री कार्यालय डॉ राजेश राजौरा, अपर मुख्य सचिव पंचायत एवं ग्रामीण विकास मलय कुमार श्रीवास्तव, अपर मुख्य सचिव वन अशोक वर्णवाल, मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव संजय कुमार शुक्ला और संबंधित वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे.
बटालियन बनाने के संबंध में मांगे विचार
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि जनजातीय वर्ग की बटालियन बनाने के संबंध में भी विचार किया जाए. बैठक में बताया गया कि महाराष्ट्र में पौध-रोपण से जनजातीय वर्ग को रोजगार मूलक कार्यों से जोड़ा गया है. पर्यटन विकास, गौ-शाला संचालन संबंधी कार्यों से भी जनजाति बहुल पंचायतों को संबंद्घ किया जा सकता है. बैठक में विभिन्न जिलों में जनजातीय वर्ग द्वारा आपसी सहमति से विभिन्न प्रकरणों के निवारण की उपलब्धियों की जानकारी दी गई.
प्रदेश में पेसा एक्ट में शांति एवं विवाद निवारण समितियां कार्य कर रही हैं. जो सभी के लिये संतोषजनक समाधान पूर्ण कार्रवाई कर रही है. बैठक में यह भी जानकारी दी गई की केंद्र सरकार द्वारा साहूकारी प्रथा पर नियंत्रण की दृष्टि से विजन डाक्यूमेंट तैयार करने के लिए मध्य प्रदेश को नोडल राज्य बनाया गया है. पेसा एक्ट मध्यप्रदेश के 20 जिलों के 88 विकास खंडों में लागू है. इसके क्षेत्र में 5133 ग्राम पंचायतें और 11 हजार 596 ग्राम शामिल हैं.
पेसा एक्ट के तहत क्या क्या काम हुए?
बैठक में बताया गया कि पेसा एक्ट के अंतर्गत ग्राम सभा को मजबूत बनाने के उद्देश्य से अनेक कार्य हुए हैं. इस कार्यक्रम में मंडला जिले की ग्राम पंचायत हिरदे नगर की ग्राम सभा द्वारा 62 लाख 38 हजार की आय प्राप्त हुई है. इस राशि से ग्राम विकास के विभिन्न कार्य संपन्न किए जाएंगे. अलीराजपुर जिले में ग्राम सभा कुडवात में नए हाट के प्रबंधन के लिए ग्राम सभा में प्रस्ताव मंजूर कर पारित किया गया. नए बाजार का नाम बिरसा मुंडा चौराहा रखा गया. बालाघाट जिले में तेंदूपत्ता संग्रहण कार्य में प्रति मानक बोरा की निर्धारित 3,000 रूपये से अधिक राशि प्रदान करने का कार्य हुआ.
तेंदूपत्ता संग्रहकों के आर्थिक उन्नयन में सफलता मिली है. बालाघाट जिले में 20 समितियां तेंदूपत्ता संग्रहण का कार्य कर रही हैं. तेंदूपत्ता का 62 प्रतिशत से अधिक संग्रहण किया गया. नर्मदापुरम और बैतूल जिलों में जनजाति समाज के लोगों को कुटीर उद्योगों से जोड़ने के प्रयास बढ़ाए गए हैं. प्राचीन परंपराओं के संरक्षण के लिए बैतूल जिले के ग्राम हिंडल्ली में गठित ग्राम सभा ने पोला और मेघनाथ मेला की परंपराओं के लिए ग्राम सभा में चर्चा कर कार्य योजना तैयार की गई है.
800 प्रशिक्षक तैयार करने की दी जानकारी
बैठक में जानकारी दी गई राज्य स्तरीय,जिला स्तरीय प्रशिक्षण के साथ ही सेक्टर स्तर पर पेसा प्रशिक्षण कार्यशालाओं का आयोजन किया गया है. राज्य स्तरीय पेसा प्रशिक्षण कार्यशाला में महाराष्ट्र की संस्था ट्राइबल इथोस एंड इकोनामिक रिसर्च (तीर) के विशेषज्ञों ने प्रशिक्षण प्रदान किया. जिला स्तरीय पेसा प्रशिक्षण प्रदेश के 16 प्रशिक्षण केंद्रों में हुआ है. इससे करीब 800 प्रशिक्षक तैयार किए गए. जिला स्तर पर प्रशिक्षित प्रशिक्षक विकासखंड और सेक्टर स्तर पर प्रशिक्षण दे रहे हैं.
बैठक में जानकारी दी गई कि प्रदेश में जनजातीय वर्ग की पारंपरिक संस्कृति के अनुरूप ग्राम सभाओं के संचालन, जनजाति वर्ग के सशक्तिकरण, उनकी आर्थिक सहायता, शोषण रोकने, जल, जमीन एवं प्राकृतिक संसाधनों के संरक्षण के अधिकार के साथ जनजातीय बहुल क्षेत्र में शांति एवं सुरक्षा की दृष्टि से अनेक सफलताएं प्राप्त की गई हैं. पेसा एक्टश पंचायत क्षेत्र में विस्तार एक्टष 1996 मध्य प्रदेश पंचायत उपबंध अनुसूचित क्षेत्रों पर विस्तार नियम 2022 लागू होने से जनजातीय वर्ग के सशक्तिकरण का महत्वपूर्ण कार्य हुआ है.

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