बिलासपुर के अव्यवस्थित ट्रैफिक सिग्नल और सड़कें: एक गंभीर समस्या
बिलासपुर का ट्रैफिक दिन-ब-दिन विकराल रूप धारण करता जा रहा है। विशेषकर महाराणा प्रताप चौक की स्थिति बेहद गंभीर है। यहां न तो फ्री लेफ्ट स्पेस उपलब्ध है और न ही ट्रैफिक नियंत्रण में कोई योजना दिखाई देती है। 10 वर्षों की प्रतीक्षा के बाद जब ओवरब्रिज का निर्माण हुआ, तो उससे भी कोई खास फायदा नहीं हो पाया। नेहरू चौक से रायपुर रोड की सीधी ट्रैफिक को ओवरब्रिज के माध्यम से नहीं मोड़ा गया, जिससे सारा ट्रैफिक वहीँ की वहीँ है।
ट्रैफिक पुलिस की अकर्मण्यता और उनकी अयोग्यता से जनता को काफी परेशानी हो रही है। फ्री लेफ्ट की सुविधा न होने वाले ट्रैफिक सिग्नल को बंद कर देना चाहिए, क्योंकि ये सिर्फ ट्रैफिक जाम को बढ़ाते हैं। गौरव पथ पर मात्र 850 मीटर की सड़क पर तीन ट्रैफिक सिग्नल लगाए गए हैं, जिससे एक 5 मिनट का सफर 30 मिनट की दिक्कतभरी और त्रासदायक यात्रा में बदल गया है।
बरसात में यदि आप कार लेकर निकले हो तो हो सकता जिस काम के लिए सुबह निकले वह शाम को पहुचे ..
गोल बाजार, CIMS अस्पताल और सदर बाजार रोड की स्थिति और भी गंभीर है। यहाँ सड़कों पर पूरे दिन ठेले वालों का कब्जा रहता है, जिससे रास्ता अवरुद्ध हो जाता है। संकरी सड़कें बिलासपुर शहर की मुख्य समस्या हैं, जो अक्सर गोल बाजार, सदर बाजार, सिटी कोतवाली, गांधी चौक रोड, मुंगेली नाका, महामाया चौक में बॉटलनेक की स्थिति पैदा कर देती हैं।
बिलासपुर शहर, जिसे कभी “खोदापुर” के नाम से जाना जाता था, अब “सिग्नलपुर” के नाम से मशहूर हो गया है। यहाँ हर 400 मीटर की दूरी पर और कहीं-कहीं तो हर 150 मीटर की दूरी पर ट्रैफिक सिग्नल लगाए गए हैं। इन अनचाहे ट्रैफिक सिग्नलों को हटाने की सख्त जरूरत है, ताकि नागरिकों की जिंदगी नरक न बने। सरकार को वादे अनुसार फ्लाईओवर के निर्माण और सुधार की अत्यंत आवश्यकता है।
सरकार चाहती है कि हर कर्मचारी समय पर अपने कार्यस्थल पहुंचे, अन्यथा उनके वेतन में कटौती की जाएगी, लेकिन सड़कों की स्थिति पर कोई ध्यान नहीं दिया जाता। पूरे बिलासपुर में जगह-जगह गड्ढे हैं, और जहां गड्ढे नहीं हैं वहां ऊबड़-खाबड़ सीवर के ढक्कन हैं, जो आपकी हड्डियों और वाहन को नुकसान पहुंचाने के लिए पर्याप्त हैं।
सड़कें सिर्फ एक यात्रा का साधन नहीं हैं, बल्कि वे शहर की जीवनरेखा होती हैं। ट्रैफिक की अव्यवस्था और सड़कों की खराब स्थिति से न केवल लोगों का समय बर्बाद हो रहा है, बल्कि यह उनकी सुरक्षा के लिए भी खतरा बन चुकी है। सरकार और प्रशासन को इस ओर त्वरित और प्रभावी कदम उठाने चाहिए ताकि बिलासपुर के नागरिकों को इस समस्या से निजात मिल सके।