सलाखों के पीछे है भारत का ये चैंपियन खिलाड़ी, ओलंपिक में जीते थे लगातार दो … – भारत संपर्क

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सलाखों के पीछे है भारत का ये चैंपियन खिलाड़ी, ओलंपिक में जीते थे लगातार दो … – भारत संपर्क

सलाखों के पीछे है भारत का ये चैंपियन खिलाड़ी (फोटो- Ian Walton/Getty Images)
पेरिस ओलिंपिक 2024 में भारत के 117 खिलाड़ी हिस्सा लेंगे. इन खेलों की शुरुआत 26 जुलाई से होने जा रही है. वहीं, ओलिंपिक 2024 में दुनिया के 10000 से ज्यादा खिलाड़ी भाग लेंगे. ओलंपिक इतिहास की बात करें, तो भारत के नाम अब तक कुल 35 मेडल हैं. भारत का मेडल के मामले में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन टोक्यो 2020 में रहा जहां टीम ने एक गोल्ड सहित कुल सात मेडल जीते थे. ऐसे में ओलंपिक मेडल जीतना हर एक भारतीय एथलीट का सपना होता है. भारत का एक एथलीट लगातार दो बार ओलंपिक मेडल जीतने का कारनामा कर चुका है, लेकिन वह फिलहाल जेल की सलाखों के पीछे है.
सलाखों के पीछे है भारत का ये चैंपियन खिलाड़ी
रेसलर सुशील कुमार भारतीय कुश्ती का एक बड़ा नाम है. सुशील कुमार ने लगातार दो ओलंपिक में मेडल जीतने वाले पहले भारतीय बनने का गौरव हासिल किया था. सुशील अपनी कामयाबी से देश के युवा पहलवानों के रोल मॉडल बन गए थे. 2008 के बीजिंग ओलंपिक में ब्रॉन्ज और 2012 के लंदन ओलंपिक में सिल्वर जीतने वाले सुशील कुमार आज जेल की सलाखों के पीछे हैं. उनके ऊपर युवा पहलवान सागर धनखड़ की हत्या का आरोप है. जिसके चलते उनका खेल करियर पूरी तरह तबाह हो गया.
सुशील पर हावी हुई उनकी कामयाबी
ओलंपियन सुशील कुमार पहलवान सागर धनकड़ की हत्या के आरोप में जेल में बंद हैं. सागर धनकड़ की हत्या साल 2021 में 4 मई को दिल्ली के छत्रसाल स्टेडियम में की गई थी. सुशील कुमार को पुलिस ने 23 मई को गिरफ्तार किया था. उन्होंने सागर की हत्या के आरोपों को भी स्वीकार कर लिया है. माना जाता है कि 2012 ओलंपिक का सिल्वर जीतने के बाद कामयाबी सुशील पर हावी हो गई थी और वे मानो बुराइयों के दलदल में धंसते चले गए. दरअसल भारत में रेसलिंग का खेल खिलाड़ियों को केवल मैट पर ही नहीं बल्कि उसके बाहर भी काफी ताकतवर बना देती है. सुशील कुमार की शख्सियत भी कुछ ऐसी ही है.
भारत के सबसे सफल रेसलर्स में से एक
रेसलर सुशील कुमार ने अपने करियर के दौरान कई बड़े इवेंट जीते. उन्होंने 1988 के वर्ल्ड कैडेट गेम्स में गोल्ड मेडल जीता था. इसके अलावा 2 बार ओलंपिक में भी देश का मान बढ़ाया. कॉमनवेल्थ गेम्स में तो उनका दबदबा रहा. उन्होंने 2010, 2014 और 2018 के कॉमनवेल्थ गेम्स में गोल्ड मेडल अपने नाम किए थे. इसके बाद 2010 विश्व कुश्ती चैंपियनशिप में भी उनके नाम गोल्ड मेडल रहा था. इस दमदार प्रदर्शन के लिए उन्हें अर्जुन अवार्ड,राजीव गांधी खेल रत्न अवार्ड और पद्मश्री से सम्मानित तक किया गया था. लेकिन वह आज जेल में अपनी जिंदगी बिता रहे हैं.

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