उच्च शिक्षा में बढ़ा नामांकन, 26.5% की हुई बढ़ोतरी, महिलाओं की भी भागीदारी में…

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उच्च शिक्षा में बढ़ा नामांकन, 26.5% की हुई बढ़ोतरी, महिलाओं की भी भागीदारी में…
उच्च शिक्षा में बढ़ा नामांकन, 26.5% की हुई बढ़ोतरी, महिलाओं की भी भागीदारी में हुई वृद्धि

इकोनॉमिक सर्वे 2023-24 आज संसद में पेश किया गया. Image Credit source: getty images

संसद में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की ओर से आज, 22 जुलाई को आर्थिक सर्वेक्षण 2023-24 पेश किया गया. जिसके अनुसार उच्च शिक्षा में कुल नामांकन वित्त वर्ष 22 में बढ़कर लगभग 4.33 करोड़ हो गया, जो वित्त वर्ष 2015 में 3.42 करोड़ था. इसमें वित्त वर्ष 2015 से 26.5% की वृद्धि है. वहीं उच्च शिक्षा में महिला नामांकन वित्त वर्ष 2015 में 1.57 करोड़ से बढ़कर वित्त वर्ष 2022 में 2.07 करोड़ हो गया, जो वित्त वर्ष 2015 से 31.6 प्रतिशत की वृद्धि है.

उच्च शिक्षा पर अखिल भारतीय सर्वेक्षण (AISHE) 2021-22 के अनुसार उच्च शिक्षा में कुल नामांकन वित्त वर्ष 21 में 4.14 करोड़ और वित्त वर्ष 2015 में 3.42 करोड़ (वित्त वर्ष 2015 से 26.5 प्रतिशत की वृद्धि) से बढ़कर वित्त वर्ष 22 में लगभग 4.33 करोड़ हो गया है.

उच्च शिक्षा में इक्विटी भी बढ़ी

सर्वेक्षण में कहा गया है कि उच्च शिक्षा में नामांकन में वृद्धि अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और अन्य पिछड़ा वर्ग जैसे वंचित वर्गों द्वारा संचालित की गई है, जिसमें सभी वर्गों में महिला नामांकन में तेजी से वृद्धि हुई है. उच्च शिक्षा में महिला नामांकन वित्त वर्ष 2015 में 1.57 करोड़ से बढ़कर वित्त वर्ष 2022 में 2.07 करोड़ हो गया यानी 31.6 प्रतिशत की वृद्धि हुई. उच्च शिक्षा में बढ़ती समानता का अर्थ है कि अब पिछड़े वर्गों के लिए बेहतर रोजगार के अवसर है.

स्कूलों और काॅलेजों में कितने छात्र?

सर्वेक्षण के अनुसार देश के स्कूलों में 26.52 करोड़ छात्र, उच्च शिक्षा में 4.33 करोड़ और कौशल संस्थानों में 11 करोड़ से अधिक स्टूडेंट्स हैं. शैक्षिक परिदृश्य के विशाल विस्तार में 14.89 लाख स्कूल, 1.50 लाख माध्यमिक विद्यालय, 1.42 लाख उच्चतर माध्यमिक विद्यालय, 1,168 विश्वविद्यालय, 45,473 कॉलेज, 12,002 स्वतंत्र संस्थान, स्कूली शिक्षा में 94.8 लाख शिक्षक और उच्च शिक्षा में 15.98 लाख शिक्षक शामिल हैं.

रिसर्च और डेवलपमेंट में भी बढ़ोतरी

सर्वेक्षण में इस बात पर प्रकाश डाला गया कि भारत अनुसंधान एवं विकास में तेजी से प्रगति कर रहा है. वित्त वर्ष 2020 में 25,000 से भी कम पेटेंट अनुदान की तुलना में वित्त वर्ष 24 में लगभग 1,00,000 पेटेंट दिए गए. डब्ल्यूआईपीओ के अनुसार 2022 में पेटेंट दाखिल करने में सबसे अधिक वृद्धि (31.6%) देखी गई. जीआईआई (2023) के अनुसार भारत ने वैश्विक नवाचार सूचकांक (जीआईआई) में अपनी रैंक में लगातार सुधार किया है, जो 2015 में 81वें स्थान से बढ़कर 2023 में 40वें स्थान पर पहुंच गया है.

ये भी पढ़ें – बांग्लादेश में कितने भारतीय छात्र करते हैं पढ़ाई?

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