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आत्मानंद स्कूलों में शिक्षकों की कमी का खामियाजा भुगत रहे विद्यार्थी, स्कूलों में बच्चों की पढ़ाई हो रही प्रभावित

कोरबा। जिले के आत्मानंद स्कूल शिक्षकों की कमी से जूझ रहे हैं। आधा परीक्षा सत्र गुजरने को आया है, लेकिन शिक्षकों की कमी की वजह से बच्चों की पढ़ाई लटकी हुई है। वहीं सितंबर 2023 में स्वामी आत्मानंद उत्कृष्ट अंग्रेजी माध्यम स्कूलों के लिए शिक्षकों की संविदा भर्ती प्रक्रिया शुरु की गई, जो अब तक अटकी हुई है। इससे बच्चों की पढ़ाई प्रभावित हो रही है। जिले के स्वामी आत्मानंद अंग्रेजी माध्यम स्कूलों में विषय विशेषज्ञ शिक्षकों की कमी बनी हुई है। शैक्षणिक सत्र के 4 महीने गुजर गए हैं, लेकिन अब तक शिक्षकों की कमी को दूर नहीं किया जा सका है। इससे शैक्षणिक सत्र में पढ़ाई प्रभावित हो रही है। कोरबा जिला प्रशासन की ओर से पिछले साल सितंबर में स्वामी आत्मानंद उत्कृष्ट अंग्रेजी माध्यम स्कूलों के लिए शिक्षकों की संविदा आधार पर भर्ती प्रक्रिया शुरू की गई थी। उम्मीदवारों से विभिन्न विषयों के व्याख्याता, शिक्षक, सहायक शिक्षक, प्रधान पाठक सहित ग्रंथपाल के कुल 134 पदों पर भर्ती के लिए आवेदन मंगाए गए थे। हजारों की तादाद में उमीदवारों ने आवेदन भी किया था, लेकिन भर्ती प्रक्रिया आगे नहीं बढ़ी। सरकारी अंग्रेजी माध्यम स्कूलों में भौतिकी, जीव विज्ञान, सामाजिक विज्ञान, रसायन, अंग्रेजी, गणित, संस्कृत, हिन्दी सहित अन्य विषयों के व्याख्याता और शिक्षकों की कमी है। इससे जिन विद्यालयों में इन शिक्षकों की कमी है, वहां इन विषयों की पढ़ाई प्रभावित हो रही है। जिले के ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में केंद्रीय शिक्षा बोर्ड की शिक्षा नीति को पहुंचाने के लिए तत्कालीन कांग्रेस सरकार ने स्वामी आत्मानंद स्कूलों की शुरूआत की थी। इन स्कूलों में एडमिशन का क्रेज आज भी बना हुआ है। अकेले कोरबा जिले में 12 अंग्रेजी और 42 हिंदी माध्यम आत्मानंद स्कूल हैं, लेकिन इन स्कूलों में विभिन्न विषयों के व्याख्याता शिक्षक, सकायक शिक्षक, प्रधान पाठक के साथ ही ग्रंथपाल के पद खाली पड़े हैं। सरकारी अंग्रेजी मीडियम स्कूलों में विषय विशेषज्ञ शिक्षकों की कमी की वजह से अध्यापन का कार्य पिछड़ रहा है।
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मीडिल स्कूलों के लिए 96 शिक्षकों के पद की स्वीकृति
जिला प्रशासन ने शिक्षा के स्तर को बेहतर बनाने के लिए मिडिल स्कूलों में शिक्षकों की नियुक्ति की बात कही है. जिला खनिज संस्थान न्यास (डीएमएफ) के जरिए मिडिल स्कूलों के लिए 96 शिक्षकों के पदों की स्वीकृति प्रदान की गई है। इससे माध्यमिक विद्यालयों में, जहां तीन से कम शिक्षक थे, वहां न्यूनतम तीन शिक्षक होंगे। मिडिल स्कूलों में शिक्षकों की पर्याप्त व्यवस्था से विद्यार्थियों को लाभ मिलने की बात कलेक्टर ने कही है। जिले में लगभग 518 मिडिल स्कूल संचालित है।

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