यहां ट्रेनों को जंजीरों से बांधकर लगाया जाता है ताला, आखिर क्यों? | indian … – भारत संपर्क

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यहां ट्रेनों को जंजीरों से बांधकर लगाया जाता है ताला, आखिर क्यों? | indian … – भारत संपर्क

ट्रेन के पहियों को जंजीरों से बांधा
देशभर में आजादी के जश्न का माहौल है. 15 अगस्त को 78 वां स्वाधीनता दिवस मनाया जाएगा. ऐसे में अंग्रेजों के दौर को अगर याद करें तो उनके बनाए हुए कुछ नियम, कानून आज भी देखने को मिलते हैं. जश्न ए आजादी के मौके पर चलिए आपको बताते हैं अंग्रेजों के एक ऐसे नियम के बारे में जो आज भी देखने को मिल जाता है. इन नियमों से भारतीय रेलवे कहीं न कहीं बंधा हुआ नजर आ रहा है.
अंग्रेजों के नियम के अनुसार ट्रेन के बोगी के पहियों को देशभर में जंजीर ताले से बांधा जाता है. आधुनिक टेक्नोलॉजी के इंजन और ट्रेन होने के बाद भी अंग्रेजों के इस नियम से ट्रेन के इन पहियों को आजादी नहीं मिल सकी है. सरकार ने हाल ही में अंग्रेजों के जमाने से चली आ रही कानूनी धाराओं में भी बदलाव किया है. भारतीय दंड संहिता को भारतीय न्याय संहिता किया है. बावजूद इसके रेलवे में आज भी इस तरह की तस्वीर देखने को मिल रही है.
ट्रेन के पहियों को जंजीरों से बांधा जाता है
इटावा के रेलवे स्टेशन, सराय भूपत स्टेशन, भरथना इन सभी जगह जब कोई ट्रेन का ड्राइवर और हेल्पर ड्यूटी खत्म करके ट्रेन को लूप लाइन पर खड़ी करके जाता है. उसके बाद बोगी के पहियों में ताले के साथ जंजीर बांध दी जाती है. रेलवे के कर्मी के मुताबिक यह तरीका बहुत पुराना है. टेक्नोलॉजी बदलने के बाद भी यह जंजीर ताले की व्यवस्था आज भी बनी हुई है. उसने बताया कि प्रत्येक स्टेशन पर खड़ी गाड़ियों को बांधने की व्यवस्था है.
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अंग्रेजों ने बनाया था नियम
वहीं इटावा के स्टेशन पर खड़ी माल गाड़ी के आगे और पीछे की बोगी के पहियों को भी जंजीर ताले से बांधा गया है. साथ ही उसमें लकड़ी की रोक भी लगाई गई है. यह चोरी से सुरक्षा के लिए हैं या फिर कहीं इंजन अपने आप चलने न लगे इसलिए है. यह एक बड़ा सवाल है.
अंग्रेजों के बनाए नियम में बंधा भारतीय रेलवे
आजादी के 78 सालों बाद आज भी देश का सबसे बड़ा विभाग भारतीय रेलवे अंग्रेजों के बनाए हुए नियम में बंधा हुआ है. जंजीरों से मालगाड़ी के पहिए जकड़े हुए दिखाई देते हैं. जो आज भी अंग्रेजों की जुल्म और तानाशाही की याद दिलाते हैं. अंग्रेजों के बनाए हुए उस नियम के तहत ट्रेन, माल गाड़ी को जिस स्टेशन पर लंबे समय तक लूप लाइन पर खड़ा करना होता है, तो उसके लिए बकायदा गाड़ी अगले और पिछले इंजन की बोगी के पहियों में ताला और जंजीर से बांध कर रखा जाता है. लकड़ी का एक एक टुकड़ा भी पहिए के नीचे लगाया जाता है.
पहियों में लकड़ी के टुकड़े रोक के लिए लगाए जाते हैं
रेलवे से जुड़े एक कर्मी ने बताया कि जब भी कोई माल गाड़ी स्टेशन पर आती है और उसके ड्राइवर और हेल्पर ड्यूटी ऑफ करते हैं, तो उस ट्रेन की दो बोगियों को ताला और जंजीर से बांधा जाता है. इसके साथ दोनों पहियों में लकड़ी के टुकड़े रोक के लिए लगाए जाते हैं. इसके लिए स्टेशन पर लिखित में जानकारी भी दर्ज होती है. जो प्वाइंट मैंन ड्यूटी पर तैनात होता है वहीं ट्रेन के पहियों में जंजीर और ताला लगाता है. उसके बाद जब तक वह ट्रेन, माल गाड़ी खड़ी रहती है, तब तक उसकी जांच भी की जाती है. पहिए को किस तरह से जंजीर और ताला लगाना है पॉइंट्स मैन को इसकी ट्रेनिंग दी जाती है.
वहीं इटावा के सराय भूपत रेलवे स्टेशन के स्टेशन अधीक्षक एन एस यादव ने बताया कि सुरक्षा के लिहाज से यह कार्य किया जाता है और अभी से नहीं बल्कि शुरुआत से यह नियम है. उन्होंने बताया कि यह नियम देशभर में संचालित है.

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