सात साल पहले बहन से रेप किया फिर कर दी हत्या, दबंगों ने सजा से पहले भाई को … – भारत संपर्क
सांकेतिक तस्वीर
इंसाफ पाने की राह हमारे देश में थोड़ी लंबी है. कई बार तो किसी मामले में फैसला आने में इतना वक्त लग जाता है कि या तो पीड़ित की मौत हो जाती है या फिर अपराधी की. कुछ मामले तो ऐसे भी सामने आते हैं जहां सजा से पहले ही अपराधी इतने लोगों की जिंदगी बर्बाद कर देते हैं कि पीड़ितों के अंदर इतनी क्षमता ही नहीं बचती कि वह इंसाफ के लिए इंतजार कर पाएं और ऐसे में अगर उन्हें न्याय मिलता भी है तो वह उनके लिए बहुत महंगा साबित होता है.
ताजा मामला उत्तर प्रदेश के अमेठी से सामने आया. यहां 2014 में गांव के दबंगो ने एक लड़की को दौड़ाकर सरेराह पीट-पीटकर उसकी हत्या कर दी थी. परिजनों ने आरोपियों पर दुष्कर्म का भी आरोप लगाया था. मामला आगे बढ़ा और कोर्ट में आरोपियों को सजा होने वाली थी, लेकिन इससे पहले ही दबंगों ने पीड़िता के भाई की भी पीट-पीट कर उसकी हत्या कर दी.
2014 में की थी बेटी की हत्या
उत्तर प्रदेश के जनपद अमेठी में कोतवाली के बेनीपुर गांव के रहने वाले हकीमुद्दीन उर्फ बच्चा और उसके भाइयों की दबंगई की चर्चा अमेठी कोतवाली के बेनीपुर गांव के आसपास के गांवों में किसी से भी सुनी जा सकती है. 2014 में बेटी की हत्या के बाद परिजनों का आरोप था की उसके साथ दुष्कर्म की भी घटना को अंजाम दिया था. लेकिन वर्चस्व और पैसे के बल पर मामले को दबा दिया गया था. उसी मामले में दबंग, पीड़िता के परिवार पर मामले में समझौता करने का दबाव बना रहा था. लेकिन परिजन बिटिया को न्याय दिलाने के लिए अड़े रहे.
एक भाई और पिता गंभीर रूप से घायल
ये बात दबंग हकीमुद्दीन उर्फ बच्चा, उसके भाई और दोस्तों को नागवार गुजरी, जिसके बाद पीड़ित के भाई को मारने पीटने का प्लान बनाने लगे और जब पीड़ित परिवार मुकदमे में जाने के लिए घर से बाहर निकला तो घात लगाकर बैठे दबंगों ने मौका पाकर हमला कर दिया. इस हमले में एक भाई की इलाज के लिए लखनऊ ले जाते समय रास्ते में मौत हो गई और एक भाई और पिता की हालत अब भी गंभीर बनी हुई है.
गांव का ग्राम प्रधान रह चुका है आरोपी
गांव में रहने वाले लोगों ने बताया कि आरोपी बच्चा का गांव में इतना वर्चस्व है की किसी की हिम्मत नहीं है कि उसके खिलाफ बोल दे और इसी दबंगई के बल पर वह सपा सरकार में ग्राम प्रधान के चुनाव में खड़ा हुआ था. उसके खिलाफ कोई चुनाव लड़ने की हिमाकत नहीं कर सका और वह निर्विरोध ग्राम प्रधान बन गया. दलित बाहुल्य गांव में उसकी दबंगई आराम से चलती है और कोई उसके खिलाफ शिकायत करने की हिम्मत नहीं जुटा पाता है. 2014 की घटना के बाद पुलिस ने आरोपी की गाड़ी और रायफल थाने में जप्त कर ली थी. अमेठी एस.पी अनूप सिंह ने बताया की इलाज के लिए लखनऊ जाते समय एक युवक मकसूद राना की मौत हो चुकी है. मुकदमे में धाराएं बढ़ा दी गई हैं. दो आरोपियों की गिरफ्तारी हो चुकी है. पूछताछ की जा रही है.