29 की उम्र में बने IAS, फिर चढ़ते गए सफलता की सीढ़ियां; बिहार के मुख्य सचिव…
बिहार के नये मुख्य सचिव कौन होंगे? अब इस पर सरकार की सहमति बन गयी है. वरिष्ठ आईएएस अमृत लाल मीणा को बिहार का नया मुख्य सचिव बनाया गया है. अमृत लाल मीणा, ब्रजेश मेहरोत्रा की जगह पर मुख्य सचिव बनेंगे. अमृत लाल मीणा वर्तमान में अभी केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर हैं और केंद्रीय मंत्रालय में सचिव हैं.
बिहार कैडर के आईएएस अमृत लाल मीणा मूल रूप से राजस्थान जिले के करौली जिले के सपोटरा तहसील के डाबरा गांव के निवासी हैं. उनकी प्रारंभिक पढ़ाई डाबरा गांव में ही हुई है. उनकी वर्ष 1971 से लेकर 1979 तक क्लास एक से लेकर क्लास आठ तक शिक्षा राजकीय उच्च विद्यालय डाबरा में हुई. आठवीं कक्षा की पढ़ाई पूरी करने के बाद उन्होंने नौंवी, दसवीं और 11वीं की पढाई राजकीय माध्यमिक विद्यालय गंगापुर शहर में की. उनकी स्टडी साइंस स्ट्रीम से हुई.
इंजीनियरिंग कर चुके हैं मीणा
स्कूल और कॉलेज की पढ़ाई पूरी करने के बाद अमृत लाल मीणा ने मालवीय रीजनल इंजीनियरिंग कॉलेज में 1982 में एडमिशन लिया था. जहां उन्होंने 1982 से 1987 तक इलेक्ट्रॉनिक इंजीनियरिंग की पढ़ाई पूरी की. 1988 में ही उन्होंने सिविल सर्विसेज की परीक्षा दी, जिसमें वह सफल रहे. हालांकि इसके बाद उन्होंने 1989 में फिर सिविल सर्विसेज की परीक्षा दी और आईएएस बने. बिहार कैडर मिलने के बाद उन्होंने करीब 15 सालों तक बिहार में अपनी सेवा दी है. इसके बाद वह केंद्र सरकार में सेंट्रल डेपुटेशन पर चले गए. मीणा बिहार में सबसे पहले सिवान जिले के डीएम बने. इसके बाद वह नालंदा, भोजपुर, गया और मुजफ्फरपुर के भी डीएम रहे.
अमृत लाल मीणा का मानना है कि जनसेवा के लिए बिहार बहुत उपयुक्त जगह है. उनकी सोच यही रहती है कि डीएम के पद पर रहने के बाद प्रतिदिन ऐसा काम कर करने का मौका मिलता है, जिससे संतुष्टि मिलती है. शिक्षा और स्वास्थ्य व्यवस्था पर अमृत लाल मीणा का विशेष जोर रहता है. 2003 में जब वह मुजफ्फरपुर के डीएम थे तब इस जिले को सत्येन मित्र नेशनल लिटरेसी अवार्ड भी मिला था.
बिहार में रहने वाला ही बिहार को समझ सकता है
अमृत लाल मीणा का मानना है कि बिहार के बारे में जो बातें कही जाती हैं वस्तुतः वैसी नहीं है. जो बिहार में रहता है, वही इस बात को फील कर सकता है. बिहार प्रशासनिक सेवा के लिए बहुत उपयुक्त जगह है. अमृत लाल मीणा की पहचान अपने दायित्व को बेहतर तरीके से निभाने वाले और तल्लीनता से काम करने वाले अधिकारियों में होती है.
मृदुभाषी अमृत लाल मीणा अपनी सफलता का श्रेय अपने शिक्षक बद्री प्रसाद शर्मा को देते हैं. उनका मानना है कि वह आज जो भी हैं, इसके पीछे अपने माता-पिता की प्रेरणा, अनुशासन, जीवन जीने का तरीका है. साथ ही उनके शिक्षक बद्री प्रसाद शर्मा का मार्गदर्शन भी है, जिसके कारण वह आज यहां तक पहुंचे हैं.
बुआ के लड़के ने किया प्रोत्साहित
अमृत लाल मीणा की सोच यही थी कि उनको भी सरकारी नौकरी मिले. इसी उद्देश्य के साथ उन्होंने नौंवी, दसवीं और 11वीं की परीक्षा पूरी की. 11वीं में उनको अच्छे नंबर प्राप्त हुए थे. 11वीं के बोर्ड के नंबर पर ही इंजीनियरिंग कॉलेज में नामांकन होता था. इसके बाद उन्होंने इंजीनियरिंग में नामांकन करा लिया. इंजीनियरिंग के दौरान ही जब वह सेकंड ईयर में थे तो इलेक्ट्रॉनिक नया ब्रांच आया था. इसके बाद उन्होंने इलेक्ट्रॉनिक्स में अपनी इंजीनियरिंग को पूरा किया. उनके कॉलेज के ही कुछ सीनियर छात्र सिविल सर्विसेज की तैयारी करते थे. अमृत लाल मीणा के फुफेरे भाई भी सिविल सर्विसेज की तैयारी कर रहे थे. जब मीणाा इंजीनियरिंग के फाइनल ईयर में थे तो फुफेरे भाई ने ही सिविल सर्विसेज की परीक्षा देने को उत्साहित किया. पहली बार उन्होंने बिना तैयारी के ही एग्जाम दिया. जिसमें वह प्रीलिम्स में सफल रहे लेकिन आगे सफलता नहीं मिली. इसके बाद उन्होंने फिर तैयारी की और सफलता मिली. सिविल सर्विसेज की परीक्षा में इनका सब्जेक्ट इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग और फिजिक्स था.
गांव से है आज भी सरोकार
अमृत लाल मीणा के पिता किसान थे और मां गृहणी थीं. इंजीनियरिंग करने के दौरान अंतिम वर्ष में ही इनकी शादी हो गयी थी. मीणा की शादी उनके गृह जिले के ही कटखर गांव में हुई. इन्होंने अपने गांव के स्कूल में अपने पिता की स्मृति में 13 लाख रुपए में भवन का निर्माण भी कराया है. वह आज भी साल में दो बार राजस्थान के अपने गांव में जरूर जाते हैं और अपने रिश्तेदारों से मिलते हैं. इनके दो बच्चे हैं. बेटा एमबीए कर के खुद का बिजनेस करता है जबकि बेटी ने एमबीबीएस किया है.
कई विभागों में कर चुके हैं काम
सेंट्रल डेप्यूटेशन के बाद जब 2012 में बिहार आए तब उनको श्रम संसाधन विभाग का सचिव बनाया गया. इसके बाद वह ग्रामीण विकास, पंचायती राज और कृषि विभाग में सचिव बने. इसके अलावा वह नगर विकास विभाग, कोऑपरेटिव, माइंस विभाग के सचिव भी रहे. मीणा इसके अलावा भवन निर्माण विभाग और पथ निर्माण विभाग में भी बतौर एसीएस अपनी सेवा दे चुके हैं. जब जीतन राम मांझी बिहार के सीएम थे तब अमृत लाल मीणा उनके प्रधान सचिव थे. इसके अलावा वह पूर्व केंद्रीय मंत्री स्व रघुवंश प्रसाद सिंह के निजी सचिव भी रह चुके हैं.
मदद करने में भी हैं आगे
सरकारी सेवा में नियम के अनुरूप काम करने में यकीन रखने वाले अमृत लाल मीणा जरूरत पड़ने पर मदद करने से भी पीछे नहीं हटते हैं. एक जानकारी के अनुसार मीणा के एक परिचित का बिहार में अपहरण हो गया था, जिसकी सूचना उनको मिली. इसके बाद जब परिचित ने इनसे संपर्क किया तब अमृत लाल मीणा ने वरिष्ठ सीनियर अधिकारियों से बात करने के साथ बिहार पुलिस के सहयोग से अपहृत बच्चों की सुरक्षित वापसी भी कराई थी.