हरा गमछा के बदले हरी टोपी और बैच, ‘दबंगई कल्चर’ से पीछा छुड़ा रहे तेजस्वी,…
तेजस्वी यादव.
राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) के नेताओं और कार्यकर्ताओं के लिए नई गाइडलाइन जारी की गई है. हरा गमछा और मुरेठा की जगह टोपी ओर बैच लगाने के निर्देश दिये गये हैं. इस निर्देश से साफ है कितेजस्वी यादव की आरजेडी अपनी छवि सुधारने की कोशिश में लगी हुई है.
तेजस्वी यादव की आभार यात्रा से पहले इस गाइडलाइन में राजद कार्यकर्ताओं को हरे गमछे की जगह हरी टोपी और बैच लगाने के लिए कहा गया है.
बिहार राष्ट्रीय जनता दल के अध्यक्ष जगदानंद सिंह की ओर से पार्टी के 9 सूत्रीय निर्देश जारी किए हैं. ये निर्देश आरजेडी की आभार यात्रा के दौरान लागू होंगे.
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10 सितंबर से तेजस्वी की आभार यात्रा
तेजस्वी यादव ने आभार यात्रा की शुरुआत करने की घोषणा की है. यह यात्रा पहले चरण में 10 सिंतबर से शुरू होगी. आठ दिनों की यात्रा 17 सितंबर तक चलेगी. आभार यात्रा के दौरान तेजस्वी यादव दरभंगा, समस्तीपुर, मुजफ्फरपुर और मधुबनी जिला मुख्यालय में ठहरेंगे.
इस आभार यात्रा की खास बात यह है कि इस यात्रा के दौरान लोगों की भीड़ नहीं जुटाना है. न ही किसी तरह का रोड शो ही किया जाएगा. अन्य यात्रा से अलग इस दौरान न तो कोई सभा और या आम सभा ही होगी. हालांकि आरजेडी कि यह रणनीति है या उसकी मजबूरी है. इसको लेकर सवाल उठ रहे हैं, लेकिन इतना तो तय है कि राजद अपने आप को बदलना चाह रही है.
राजद ने आधिकारिक तौर पर हर गमछा नहीं पहनने के पीछे कोई कारण नहीं बताया है, लेकिन यह फैसला राजद की छवि बदलने के प्रयासों से जोड़कर देखा जा रहा है. पिछले कुछ दिनों से पार्टी की ओर से यह संकेत दिये जा रहे हैं कि वह अपनी छवि बदलने की कोशिश कर रही है.
पार्टी की छवि बदलने की शुरू हुई कवायद
बीजेपी की मानें तो परंपरा की शुरुआत भी खुद तेजस्वी यादव ही करते है और अब खुद ही गमछा और सर पर मुरैठा नही बांधने की सलाह भी वही दे रहे हैं.
लोकसभा चुनाव के दौरान खुद ही तेजस्वी यादव प्रचार के दौरान सर पर मुरैठा भी बांधते थे और कार्यकर्ताओं के सामने हवा में गमछा भी लहराते हुए नजर आए थे, लेकिन पार्टी मात्र 4 सीटों पर सिमट गई. अब तेजस्वी यादव खुद को और अपने कार्यकर्ताओं को संयमित रहने की सलाह दे रहे हैं.
बिहार की राजनीति में राजद लंबे समय से सियासत कर रही है. लालू यादव ने राजद पार्टी की नींव रखी थी. शुरू में इस पार्टी को तेल पिलावन और लाठी घुमावन दल के रूप में जाना जाता था, लेकिन समय के साथ-साथ पार्टी के चरित्र में भी बदलाव देखने को मिल रहा है.
कभी राजद के नेताओं ने पटना की सड़कों पर सभा के दौरान बाइयों तक की नाच करवा डाली थी, लेकिन अब समय और जमाना दोनों बदल रहा है. तेजस्वी यादव पार्टी की छवि निखारने में जुटे हुए हैं. और यह परिवर्तन इसी की कड़ी मानी जा रही है.