बिहार: नीतीश कुमार नहीं मारेंगे पलटी, यह बताने के लिए संगत-पंगत शुरू करेगी…

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बिहार: नीतीश कुमार नहीं मारेंगे पलटी, यह बताने के लिए संगत-पंगत शुरू करेगी…
बिहार: नीतीश कुमार नहीं मारेंगे पलटी, यह बताने के लिए संगत-पंगत शुरू करेगी JDU

जेडीयू की बैठक में नीतीश कुमार.

बिहार के चुनावी दंगल में जाने से पहले नीतीश कुमार की पार्टी जनता दल यूनाइटेड ने अपना कील कांटा दुरुस्त करना शुरू कर दिया है. जेडीयू की सबसे बड़ी टेंशन नीतीश कुमार की पलटीमार छवि है. 2014 से अब तक नीतीश 4 बार यूटर्न ले चुके हैं. विपक्ष विधानसभा चुनाव से पहले नीतीश से जुड़े इसी मुद्दे को जोर-शोर से उठा रही है.

विपक्ष के इस विरोध को कुंद करने के लिए नीतीश कुमार की पार्टी ने नई रणनीति तैयार की है. इस रणनीति के सहारे जेडीयू लोगों को यह बताएगी कि अब नीतीश पलटी नहीं मारेंगे.

संगत-पंगत कार्यक्रम शुरू करेगी जेडीयू

जेडीयू की प्रदेश कार्यकारिणी की बैठक में एक प्रस्ताव तैयार पास किया गया है. इस प्रस्ताव में कहा गया है कि पार्टी अब प्रखंड स्तर पर संगत-पंगत कार्यक्रम शुरू करेगी. इस कार्यक्रम में जेडीयू के साथ-साथ बीजेपी और एनडीए के अन्य सहयोगी दलों के नेता शामिल होंगे.

संगत-पंगत कार्यक्रम के तहत एनडीए के नेता प्रखंड के मुख्य मुद्दों पर बात चर्चा करेंगे. इसके अलावा एनडीए के सभी नेता एक साथ चाय और नाश्ता भी करेंगे. जेडीयू के प्रखंड अध्यक्ष इस कार्यक्रम की अध्यक्षता करेंगे.

इस कार्यक्रम की मॉनिटरिंग प्रदेश स्तर पर की जाएगी. जेडीयू से जुड़े नेताओं के मुताबिक कार्यक्रम में नीतीश सरकार के उपलब्धियों के बारे में भी बताया जाएगा.

संगत-पंगत से यह संदेश देना चाहती है जेडीयू

जेडीयू सूत्रों के मुताबिक संगत-पंगत कार्यक्रम कराने के पीछे सबसे बड़ी वजह नीतीश कुमार की छवि का डैमेज कंट्रोल करना है. जेडीयू 2025 के चुनाव तक चाहती है कि यह धारणा न बने की नीतीश फिर पलटी मार सकते हैं. ग्राउंड स्तर पर इसी धारणा को खत्म करने के लिए संगत-पंगत कार्यक्रम शुरू किया जा रहा है.

जेडीयू के एक नेता के मुताबिक साल 2020 में जेडीयू और बीजेपी के बीच खाई ज्यादा बढ़ गई थी. इसका असर चुनाव परिणाम पर देखने को मिला. जिन सीटों पर जेडीयू के उम्मीदवार मैदान में थे, वहां बीजेपी समर्थकों के वोट नहीं मिले.

नीतीश कुमार की पार्टी इस बार 2020 नहीं दोहराना चाहती है, इसलिए अभी से ग्राउंड की खामियों को दूर करने की कोशिशों में जुट गई है.

बराबर की सीटों पर लड़ेगी जेडीयू-बीजेपी

जेडीयू बिहार विधानसभा चुनाव में उतनी ही सीटों पर लड़ेगी, जितनी सीटों पर बीजेपी उम्मीदवार उतारेगी. हाल ही में जेडीयू ने इसको लेकर खुलकर बयान भी दिया था. जेडीयू के प्रदेश अध्यक्ष उमेश कुशवाहा ने कहा था कि बिहार में कोई बड़ा भाई और छोटा भाई नहीं है.

पिछली बार जेडीयू को 120 सीटें मिली थी, जिसमें से कुछ सीटें उसे जीतन राम मांझी की पार्टी को देनी पड़ी थी. बिहार में विधानसभा की कुल 243 सीटें हैं.

इस बार एनडीए गठबंधन में जेडीयू और बीजेपी के अलावा मांझी की पार्टी हम, उपेंद्र कुशवाहा की पार्टी रालोमा, चिराग पासवान की पार्टी लोजपा (आर) और पशुपति पारस की पार्टी रालोजपा शामिल हैं.

नीतीश कुमार ने कब-कब लिया यूटर्न?

2013 में नीतीश कुमार ने पहली बार बीजेपी से गठबंधन तोड़ लिया. 2014 के लोकसभा चुनाव में नीतीश अकेले ही मैदान में उतरे, लेकिन उन्हें सफलता नहीं मिली. 2015 के चुनाव में नीतीश कुमार ने आरजेडी और कांग्रेस के साथ गठबंधन किया.

2017 में नीतीश आरजेडी से अलग होकर बीजेपी के साथ चले गए. 2019 और 2020 के चुनाव में नीतीश एनडीए के बैनर तले चुनाव मैदान में उतरे. 2022 में नीतीश का मन फिर बदल गया और वे पलटी मार कर आरजेडी के साथ आ गए.

2024 में लोकसभा चुनाव से पहले नीतीश आरजेडी से अलग होकर बीजेपी में चले गए.

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