कुसमुंडा खदान के निगेटिव ग्रोथ ने बढ़ाई एसईसीएल की चिंता,…- भारत संपर्क
कुसमुंडा खदान के निगेटिव ग्रोथ ने बढ़ाई एसईसीएल की चिंता, कोयला उत्पादन बढ़ाने लगाना होगा जोर
कोरबा। साउथ ईस्टर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड के मेगा प्रोजेक्ट कुसमुंडा के नेगेटिव ग्रोथ ने कंपनी को चिंता में डाल दिया है। कुसमुंडा माइंस का उत्पादन लक्ष्य से काफी पीछे है।
चालू वित्तीय वर्ष की पहली छमाही में कुसमुंडा खदान से 11.58 मिलियन टन कोयला उत्पादन दर्ज हुआ। जबकि अप्रेल से सितम्बर तक का टारगेट 21.02 मिलियन टन था। यानी लक्ष्य के मुकाबले उत्पादन 55.09 प्रतिशत ही हो पाया। वित्तीय 2024- 25 के लिए कुसमुंडा के समक्ष 52 मिलियन टन का टारगेट है। इधर एसईसीएल के अन्य मेगा प्रोजेक्ट्स गेवरा एवं दीपका का पहली छमाही में प्रदर्शन कुसमुंडा के मुकाबले ठीक रहा है। गेवरा ने 25.70 मिलियन टन के मुकाबले 22.67 मिलियन टन (88.21 प्रतिशत) उत्पादन दर्ज किया। गेवरा का सालाना लक्ष्य 63 मिलियन टन है। दीपका माइंस से 14.15 मिलियन टन (87.51 प्रतिशत) उत्पादन हुआ। पहली छमाही में लक्ष्य 16.17 मिलियन टन था। एसईसीएल का पहली छमाही में कुल उत्पादन 71.48 मिलियन टन रहा। 2024- 25 के लिए 296 मिलियन टन का टारगेट है।
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कुसमुंडा मेगाप्रोजेक्ट पहुंचे सीएमडी
एसईसीएल सीएमडी डॉ प्रेम सागर मिश्रा सोमवार को कुसमुंडा मेगाप्रोजेक्ट के दौरे पर पहुंचे। दौरे के दौरान उन्होंने सबसे पहले व्यू पॉइंट से खनन गतिविधियों का निरीक्षण किया। कोर टीम से चर्चा करते हुए उन्होने खदान के डिपार्टमेंटल एवं आउटसोर्स पैच में उत्पादन-उत्पादकता की समीक्षा की साथ ही खदान के एक्सपोजर प्लान को लेकर भी चर्चा की। खदान के विस्तार को लेकर भी सीएमडी डॉ मिश्रा ने अधिकारियों से चर्चा की एवं आने वाले दिनों में विशेष रणनीति बनाकर खदान के उत्पादन में बढ़ोत्तरी लाने को लेकर निर्देश दिए। उन्होंने खदान के डिस्पैच की भी समीक्षा की और इसमें वृद्धि लाने के लिए हर संभव प्रयास करने को कहा। दौरे के दौरान एसईसीएल के तीनों मेगाप्रोजेक्ट्स गेवरा, दीपका एवं कुसमुंडा के महाप्रबन्धकगण के साथ रहे।