मध्य प्रदेश कांग्रेस: जीतू पटवारी की कार्यकारणी को लेकर मचा बवाल ,खुलकर विर… – भारत संपर्क

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मध्य प्रदेश कांग्रेस: जीतू पटवारी की कार्यकारणी को लेकर मचा बवाल ,खुलकर विर… – भारत संपर्क

मध्य प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी.
मध्य प्रदेश कांग्रेस में नई कार्यकारिणी की घोषणा के साथ ही राज्य नेतृत्व में मतभेद खुलकर सामने आ गए हैं. 10 महीने बाद कार्यकारिणी की घोषणा होते ही नेता एक-दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप लगाने लगे हैं. पार्टी के सीनियर नेता और पूर्व मुख्यमंत्री अर्जुन सिंह के बेटे अजय सिंह ने राहुल भैया के साथ नई कार्यकारिणी को लेकर खुलकर नाराजगी जताई है.
उन्होंने ना सिर्फ आरोप लगाए बल्कि कई सीनियर नेताओं पर बिना नाम लिए भी हमला बोला और पार्टी पर विंध्य क्षेत्र के साथ भेदभाव का आरोप भी लगाया।
जिनके कारण दुर्दशा, उन्हीं को जिम्मेदारी
कार्यकारिणी के गठन से नाराज अजय सिंह ने बिना नाम लिए दिग्विजय सिंह पर निशाना साधते हुए कहा कि जिन नेताओं की वजह से कांग्रेस की राज्य में यह दुर्दशा है, आज भी उनके कहने पर कार्यकारिणी बन रही है. इससे दुर्भाग्यपूर्ण क्या होगा? पार्टी को सत्ता से बाहर हुए 20 साल हो गए हैं, फिर भी इन्हीं लोगों के कहने पर निर्णय हो रहे हैं. जिन नेताओं की वजह से मध्य प्रदेश की ये हालत है, उनकी आज भी उनकी चल रही हो तो क्या कहूं?
विंध्य क्षेत्र के साथ भेदभाव
राहुल भैया ने आरोप लगाया कि कार्यकारिणी गठन में विंध्य क्षेत्र के साथ भेदभाव हुआ है. 10 महीने के बाद कार्यकारिणी बनी है, लेकिन फिर भी इसमें कोई संतुलन नहीं रखा गया है. अगर आप देखेंगे तो सिर्फ 2-3 नाम हैं जो विंध्य क्षेत्र से आते हैं और कोई नहीं है.
कांग्रेस नेता ने कहा कि विंध्य क्षेत्र में 9 जिले आते हैं. अगर पार्टी यहां ध्यान नहीं देती है, तो कांग्रेस राज्य में मजबूत नहीं होगी. कार्यकारिणी में विधायकों को शामिल करने पर भी आपत्ति जताते हुए कहा कि विधायक संगठन को समय देंगे या अपने विधानसभा को? सवाल किया कि कितने लोग हैं जो पूरी तरह से संगठन के काम करेंगे.
जीतू पटवारी ने घोषित की थी अपनी टीम
राज्य में कांग्रेस के अध्यक्ष जीतू पटवारी ने शनिवार को राज्य में 10 महीने के बाद कार्यकारिणी का ऐलान किया था. टीम में 177 सदस्यों को जगह दी गई है. लिस्ट आने के बाद से ही इसका विरोध शुरू हो गया था. आरोप लगाया गया कि इसमें दिग्विजय सिंह के करीबियों को जगह दी गई है, क्योंकि कई नेता जो उनके खेमे के थे, उन्हें शामिल किया गया था.
पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ के बेटे नकुल नाथ को भी कार्यकारिणी में जगह नहीं दी गई थी. हालांकि, कमलनाथ सहित राज्य के कई सीनियर नेताओं को टीम में जगह दी गई थी.

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