धनतेरस पर बाजार में हुआ खरीदी का ब्लास्ट, कारोबार चमका,…- भारत संपर्क
धनतेरस पर बाजार में हुआ खरीदी का ब्लास्ट, कारोबार चमका, धनतेरस पर हर सेक्टर में जोरदार खरीदारी बाजार में छाई रौनक, दो पहिया, चार पहिया वाहनों की हुई जमकर खरीदारी
कोरबा. तेरस पर मंगलवार को बाजार में खूब धन बरसा। धनतेरस के मौके पर लोगों ने जमकर खरीदारी की। खासकर सोने, चांदी के समान की बिक्री ज्यादा हुई। शुभ दिन के मौके पर शुभ खरीदी करने लोगों की भीड़ मार्केट में दोपहर से लगनी शुरू हो गई। हर वर्ग के व्यापारी गुलजार मार्केट से खुश दिखे।लोगों ने जमकर खरीदारी की। शाम को भीड़ से बचने लोग, दोपहर से ही मार्केट में खरीदारी के लिए पहुंच रहे थे।। आम दिनों में दोपहर के वक्त शांत रहने वाले टीपीनगर क्षेत्र में खासी चहल पहल देखी गई। सोने, चांदी, बर्तन, कपड़े, फर्नीचर, दोपहिया व चारपहिया वाहन ,घरों में सजावट के समान सहित टेक्सटाइल्स दुकानों में लोगों की भीड़ रही। धनतेरस के लिए व्यापारियों ने भी खासी तैयारियां की थी। इधर पावर हाउस रोड, पुराना बस स्टैंड रोड, दर्री रोड, घंटाघर से निहारिका चौक तक सड़क पर धनतेरस के मौके पर सुबह से ही चहल-पहल रही। दोपहर होते ही सड़क पर बार-बार जाम की स्थिति रही। मुख्य मार्गों पर वाहनों की लंबी कतार लगी रही। जाम की वजह से ग्राहकों को गाड़ियां खड़ी करने में सबसे अधिक परेशानी का सामना करना पड़ा। जाम को देखते हुए बहुत लोग वापस लौटे और थोड़ी देर के बाद जाम कम होने के बाद खरीदारी करने पहुंचे। एक अनुमान के अनुसार धनतेरस के मौके पर बाजारों में लगभग 2 सौ करेाड़ से अधिक का कारोबार हुआ है। सराफा में 50 करोड़, इलेक्ट्रानिक्स में 20करोड़, ऑटो मोबाइल्स में चारपहिया वाहनों में 60 करोड़, दोपहिया वाहन में 25 करोड़ , कपड़ा मार्केट में तीन करोड़, फर्नीचर में 2 करोड़, बर्तन व कीचन मार्केट में 2 करोड़ रुपए के कारोबार का अनुमान है। हालांकि इससे भी अधिक बिक्री होने की संभावना है। पिछले वर्ष की तुलना में इस बार अधिक की खरीदारी हुई है। लगभग सौ करोड़ से अधिक का कारोबार की उम्मीद है।
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पटाखा बाजार हुआ गुलजार
दीवाली की शुरुआत के साथ ही पटाखे की दुकानों में रौनक दिखने लगी है। लाइसेंस प्राप्त पटाखा व्यवसायियों ने कोरबा के प्रियदर्शनी इंदिरा गांधी स्टेडियम परिसर में 138 दुकानें लगाई है। उपनगरीय क्षेत्रों में भी पटाखा बाजार सज गया है। करीब दो करोड़ रुपए से ज्यादा का कारोबार होने की संभावना है। इस बार पटाखों में चायनीज पटाखों की वैराइटी अधिक है। पिछले वर्ष की तुलना में इस वर्ष पटाखों के दामों में 10 फीसदी की वृद्धि हुई है। लोगों में पर्व को लेकर पटाखों की मांग बढ़ी है।
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दहलीज हुए दीप से रोशन
मंगलवार को दिन ढलते ही दहलीज पर दीप रोशन हुए और चारों ओर पांच दिनी दीप पर्व का उजियारा फैल गया। हर घर आंगन में रंगोली के रंग सजे और धनधान्य के साथ पूजन अर्चन की गई। नए बर्तनों के साथ सोना चांदी के आभूषणों में कुमकुम तिलक लगाया गया। धनतेरस के उल्लास के साथ समूचा शहर रोशनी से नहा उठा। पारंपरिक बाजारों से लेकर आभूषणों, बर्तन, ऑटोमोबाइल, इलेक्ट्रानिक्स व कपड़ों की जमकर शगुन खरीदी हुई। चिकित्सा जगत में भगवान धन्वतंरी की पूजा हुई।
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30 को नरक चौदस, यह है मान्यता
मान्यता है कि प्रात:काल सूर्योदय से पहले तेल लगाकर पत्तियाँ जल में डालकर स्नान करने से नरक से मुक्ति मिलती है। विधि-विधान से पूजा करने वाले व्यक्ति सभी पापों से मुक्त हो स्वर्ग को प्राप्त करते हैं। शाम को दीपदान की प्रथा है जिसे यमराज के लिए किया जाता है। नरक चतुर्दशी, जिसे छोटी दीपावली भी कहते हैं। इसे छोटी दीवाली इसलिए कहा जाता है क्योंकि दीवाली से एक दिन पहले रात के वक्त दीवाली की रात की तरह दीएं की रोशनी से रात के तिमिर को प्रकाश पुंज से दूर भगा दिया जाता है इस रात दीए जलाने की प्रथा के संदर्भ में कई पौराणिक कथाएं और लोक मान्यताएं हैं। एक कथा के अनुसार आज के दिन ही भगवान कृष्ण ने अत्याचारी और दुराचारी र्दु्दान्त असुर नरकासुर का वध किया था और सोलह हजार एक सौ कन्याओं को नरकासुर के बंदी गृह से मुक्त कर उन्हें सम्मान प्रदान किया था। इस उपलक्ष्य में दीए सजाते हैं।
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दीवाली की तारीख को लेकर लोगों में कंफ्यूजन
इस साल दीवाली की तारीख को लेकर लोगों के बीच गहरा कन्फ्यूजन है। कोई 31 अक्टूबर तो कोई 1 नवंबर को दिवाली के त्यौहार का दिन बता रहा है। हालांकि इस साल दिवाली का त्यौहार 31 अक्टूबर को ही अधिकांश लोग मनाएंगे। इस साल दीपोत्सव की शुरुआत धनतेरस के साथ मंगलवार, 29 अक्टूबर से हो गई है। वहीं, भैया दूज रविवार 03 नवंबर को मनाया जाएगा। इस प्रकार दीपोत्सव 5 दिन का न होकर 6 दिनों तक चलने वाला है। जिसका कारण यह बताया जा रहा है कि कार्तिक अमावस्या तिथि 31 अक्टूबर की दोपहर 03 बजकर 52 मिनट पर शुरू हो रही है। वहीं यह तिथि से 1 नवंबर शाम 06 बजकर 16 मिनट तक रहने वाली है। ऐसे में कार्तिक अमावस्या दो दिन यानी 31 अक्टूबर और 1 नवंबर तक रहेगी। जिस कारण इस बार दीपोत्सव 06 दिनों तक मनाया जाएगा।