अस्पताल की गलती से महिला हुई प्रेग्नेंट, अब कपल मांग रहा है परवरिश का खर्च
कपल ने कोर्ट में रखी ये डिमांड
आज के समय में लोग परिवार नियोजन को लेकर ज्यादा जागरूक होने लगे हैं. आलम ऐसा है कि लोग अब सिर्फ एक या दो ही बच्चे पैदा करने के बारे में सोचते हैं. यही कारण है कि कपल्स अनचाही प्रेगनेंसी से बचने के लिए नसबंदी का सहारा ले रहे हैं. ये प्रेगनेंसी से बचने का यह सबसे पक्का और असरदार तरीका है. हालांकि कई बार ऐसा होता है कि इसको लेकर दिक्कत हो जाती है. इसी से जुड़ा एक मामला इन लोगों के बीच चर्चा में है. जिसके बारे में जानकर आप हैरान रह जाएंगे.
मामला मिनेसोटा का है, यहां रहने वाले एक कपल ने यूरोलॉजी प्रैक्टिस्नर के खिलाफ मुकदमा किया है. महिला का कहना है कि वो अस्पताल की गलती से प्रेग्रेंट हुई है. पति का आरोप है कि मिनेसोटा यूरोलॉजी प्रैक्टिस की एक नर्स ने पति की नसबंदी सही से नहीं कर पाई. जिस कारण उसकी पत्नी अनप्लान्ड तरीके से प्रेग्नेंट हो गई और उन्हें बच्चे को जन्म देना पड़ा और अब हम चाहते हैं कि वो हमारे बच्चे का पूरा खर्च आजीवन उठाएं.
क्या आया फैसला?
साल 2023 में कपल ने अनियोजित प्रेग्नेंसी को लेकर अदालत में मुकदमा किया. अदालत में पेश किए गए दस्तावेज के मुताबिक जिस नर्स ने ये सर्जरी की थी, अब उसकी मृत्यु हो चुकी है. उसी नर्स ने 2018 में स्टीवन की नसबंदी के बाद गलत जानकारी दी थी, कि यह प्रोसीजर सफलता पूर्वक संपन्न हो गया है. जिसके बाद ही कपल को अब इस अनचाही प्रेगनेंसी का सामना करना पड़ रहा है.
इसके अलावा दंपति ने बताया कि हमें पहले से ही तीन बच्चे हैं. जिनकी परवरिश करने में हमें काफी ज्यादा कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है. यही कारण है कि हम लोगों ने नसबंदी करवाने का फैसला किया था. कपल ने ये भी बताया कि नसबंदी की रिपोर्ट एकदम सही बताया गया था. ऐसे में लगभग चार साल बाद, मार्च 2023 में मेगन को पता चला कि वह 15 सप्ताह की गर्भवती थी
इन सभी बातों को सुनने के बाद जज ने ये फैसला सुनाया कि दंपति इस मामले में दंडात्मक हर्जाना अस्पताल से नहीं मांग सकते है क्योंकि ऐसा कोई सबूत नहीं था कि यूरोलॉजी प्रैक्टिस को पता था या जानबूझकर इस सबूत की अनदेखी की गई क्योंकि नर्स की मृत्यु साल 2022 में ही हो गई थी.