भू माफियों ने खोदा श्मशान घाट, किया कब्जा, ग्रामीणों का…- भारत संपर्क
भू माफियों ने खोदा श्मशान घाट, किया कब्जा, ग्रामीणों का भड़का आक्रोश, छत्तीसगढ़िया क्रान्ति सेना और ग्रामीण पहुंचे कलेक्ट्रेट, कार्रवाई की मांग
कोरबा। ग्राम पंचायत रजगामार के अंतर्गत आमाडांड में शमशान घाट के मठ को तोड़ने व घाट में कब्जा किया जा रहा है। मामले की शिकायत अध्यक्ष छत्तीसगढ़िया क्रान्ति सेना अतुल दास महंत ने बड़ी संख्या में ग्रामीणों के साथ कलेक्ट्रेट पहुंच कर की है। मामले में मुख्यमंत्री के नाम कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा है। ज्ञापन में कहा गया है कि ग्राम-पंचायत रजगामार के अंतर्गत गाँव-आमाडांड मुलनिवासी आदिवासी बाहुल्य क्षेत्र है। यहाँ 5 पीढ़ी लगभग 200 वर्षों से अधिक समय से ग्रामीण निवास करते आ रहे है। गाँव के समीप ही एक जंगल में शमशान घाट है, जब किसी परिवार के सदस्य की किसी कारणवश मृत्य हो जाती थी तो यहाँ के लोग इसी शमशान घाट में काठी/माटी देते है। उस जगह कच्चे मिट्टी का मट बनाकर प्रतिवर्ष उनकी याद में दिया जला कर पूजा पाठ करते है। ताकि मृत आत्मा को शांति मिल सके, परंतु पिछले वर्ष नवम्बर 2023 में कुछ लोगों द्वारा अचानक से आकर इस शमशान घाट में जे सी बी मशीन चला के सैकड़ों मट को तोड़ दिया गया। जिसके कारण सभी गाँव वाले काफी ज्यादा आहत हुए। उनकी धार्मिक आस्था को ठेस पहुंची। जिसकी लिखित शिकायत 24/11/2023 को गाँव वालों ने कलेक्टर के समक्ष उपस्थित होकर की थी, परंतु आज दिनांक तक कोई कार्यवाही नहीं हुई, जिसकी वजह से भूमाफ़िया का मनोबल बढ़ा हुआ है और फिर पिछले माह अक्टूबर 2024 को किसी पुष्पा पांडे तथा संजु उर्फ टिंकु राय (बंगाली) द्वारा शमशान घाट में कब्जा किया जा रहा था। जिसकी वजह से गाँव वालों ने छत्तीसगढ़िया क्रांति सेना से लिखित आवेदन कर सहयोग की मांग की थी। संगठन के लोगों के साथ मौका स्थल में उपस्थित होकर देखा तो वहां अनेकों मट को तोड़ दिया गया कुछ मट अभी भी है, और अगर जमीन खोद के देखा जाए तो हजारों की संख्या में नर कंकाल मिलेंगे ऐसा ग्रामीणों का कहना है। उनका कहना है कि चूंकि यह क्षेत्र भारत के संविधान के पाँचवीं अनुसूची क्षेत्र में आता है, इस क्षेत्र को संविधान द्वारा विशेष क्षेत्र का दर्जा प्राप्त है, और इस क्षेत्रों में बहुतायत में छत्तीसगढ़िया मुलनिवासी आदिवासी लोग रहते है। उनके इस तरह मट को तोड़ने का काम काफ़ी निराशाजनक और काफ़ी निंदनीय है, जिससे गाँव के लोग काफ़ी आक्रोशित है। मांग की गई है कि गाँव के शमशान घाट के मट को तोड़ने वाले के विरुद्ध अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति अत्याचार अधिनियम के तहत प्रथम सुचना दर्ज कर तुरंत गिरफ्तार किया जाए। उक्त जमीन के संबंध में पुष्पा पांडे एवं संजु राय बंगाली तथा राजस्व के अन्य अधिकारी पटवारी की संलिप्तता की जांच कर कार्यवाही की मांग की गई है।