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खदानों के ठेका मजदूरों को नहीं मिला बोनस, ठेका कंपनियां कर रही कोल इंडिया का आदेश दरकिनार
कोरबा। कोल इंडिया के आदेश का हवाला देकर एसईसीएल प्रबंधन ने सभी एरिया के महाप्रबंधकों के जरिए खदानों में काम करने वाली ठेका कंपनियों को दिवाली पर बोनस देने के लिए कहा था। इसके तहत कोयला खदानों में काम करने वाले ठेका मजदूरों को परफार्मेंस लिक्ड इंसेटिव (पीएलआई) दिया जाना था। मजदूरों को 26 दिन कार्य के बराबर पीएलआई मिलना था। पहले उम्मीद थी कि यह राशि दिवाली से पूर्व मजदूरों को मिल जाएगी, लेकिन अभी तक अधिकांश ठेका कंपनियों ने इस राशि का भुगतान नहीं किया है। इससे श्रमिक नाराज हैं।छत्तीसगढ़ के कोरबा जिले में एसईसीएल की कोयला खदानों में काम करने वाले ठेका मजदूरों को मिलने वाले बोनस का इंतजार अभी खत्म नहीं हुआ है। दिवाली बीत गई लेकिन अभी तक अधिकांश ठेका कंपनियों की ओर से बोनस का भुगतान नहीं किया गया है। इससे मजदूरों में रोष है।सबसे बुरा हाल मेगा प्रोजेक्ट गेवरा, दीपका और कुसमुंडा का है। तीनों ही क्षेत्रों में दो दर्जन से ज्यादा ठेका कंपनियां अलग-अलग प्रकृति के काम खदानों में कर रही है। इसमें कोयला खनन से लेकर मिट्टी खनन तक शामिल है। इस कार्य में बड़ी संख्या में ठेका मजदूर नियोजित हैं। अभी तक ठेका कंपनियों की ओर से इनके पीएलआई नहीं दिया गया। जिसे लेकर मजदूरों में रोष व्याप्त है। मजदूरों ने इसी हफ्ते आंदोलन तक की चेतावनी दी है। आने वाले दिनों में इसे लेकर कुसमुंडा में काम बंद हड़ताल की तैयारी चल रही है। मजदूरों का कहना है कि जब तक उन्हें बोनस नहीं मिल जाता तब तक यह लड़ाई जारी रहेगी।