एक शादी का कार्ड ऐसा भी! पानी में डालो तो उग आएंगे तुलसी के पौधे, बनाया गया… – भारत संपर्क
कृषि वैज्ञानिक रजनीश दुबे और उनकी बेटी सुभाषिनी
अब तक शादी के कई तरह के आमंत्रण कार्ड आपने देखे होंगे. अब तक यह आमंत्रण कार्ड कागज या प्लास्टिक के बनते रहे हैं. हालांकि बीते कुछ वर्षों में डिजिटल कार्ड का चलन तेजी से बढ़ा है. इधर देश भर में बढ़ते प्रदूषण के बीच मध्य प्रदेश के जबलपुर में एक ऐसा आमंत्रण कार्ड बाजार में उपलब्ध हुआ है जो पूरी तरह से इको फ्रेंडली है. इस कार्ड की एक और खासियत है कि इसे कुछ देर पानी में डाल दो तो उसमें से तुलसी के पौधे पनपने लगते हैं.
यह अनोखा आमंत्रण कार्ड सेवानिवृत कृषि वैज्ञानिक रजनीश दुबे और उनकी बेटी शुभाषिनी दुबे ने तैयार किया है. रजनीश दुबे के मुताबिक यह आमंत्रण कार्ड आकर्षक और स्टाइलिश तो है ही, पर्यावरण के लिए भी बेहद लाभकारी हैं. बीते 37 साल से ऑर्गनिक फार्मिंग के क्षेत्र में काम कर रहे रजनीश दुबे कहते हैं कि वह छह महीने पहले राजकीय सेवा से रिटायर हुए हैं. कहा कि उनकी बेटी शुभासनी भी कृषि क्षेत्र में शोध कर रही हैं.
हैंडमेड पेपर से बनाया आमंत्रण कार्ड
देश भर में बढ़ते प्रदूषण पर चर्चा के दौरान उन्हें इस कार्ड का आइडिया दिमाग में आया. उसके बाद उन्होंने सैंपल के तौर पर एक कार्ड तैयार किया. वहीं अब उन्होंने लोगों की जरूरत के मुताबिक कार्ड तैयार करना शुरू कर दिया है. उन्होंने बताया कि हैंडमेड पेपर और वेजिटेबल इंक से तैयार इस इस कार्ड को बनाने में महज 60 रुपये का खर्च आया है. उन्होंने बताया कि इस कार्ड को करीब 12 घंटे तक पानी में डालने पर इसमें से तुलसी के पौधे उगने लगते हैं. तुलसी के अलावा अन्य तरह के फूल पौधों से संबंधित प्रयोग किया जा सकता है.
पर्यावरण संरक्षण का संदेश
उन्होंने बताया कि शादी विवाह में इस कार्ड से बेहतर उपहार रिश्तेदारों और परिचितों के लिए नहीं हो सकता. उधर, उनकी बेटी शुभाषिनी कहती हैं कि शादी की खुशियों के साथ पर्यावरण की सुरक्षा हो जाए तो इससे अच्छा क्या होगा. कहा कि हमारा उद्देश्य इस छोटे से प्रयास से लोगों को जागरुक करना है. कहा कि अभी इस कार्ड से शादी की खुशी बढ़ जाएगी. वहीं कार्ड को पानी डालने के बाद उगने वाले पौधों से पर्यावरण संरक्षण होगा. यही नहीं जैसे जैसे तुलसी के पौधे बड़े होंगे, उनकी दुआएं भी दूल्हा दुल्हन को मिलेंगी.