अंग्रेजों ने की थी शहर के मेनोनाइट चर्च की स्थापना,100 साल…- भारत संपर्क
अंग्रेजों ने की थी शहर के मेनोनाइट चर्च की स्थापना,100 साल बाद भी जेहन में ताजा हैं यादें
कोरबा। शहर के मिशन रोड में मौजूद मेनोनाइट चर्च क्रिश्चियन समाज के लिए बेहद खास है। इसकी स्थापना यूएसए से आकर अंग्रेजों ने की थी। इस बार भी क्रिसमस के लिए खास तैयारी की गई है। पिछले साल मेनोनाईट चर्च की शताब्दी वर्षगांठ मनायी गई थी। इस बार भी क्रिसमस को लेकर यहां रौनक देखने को मिल रही है।बताया जाता है कि तब अंग्रेज पहले जलमार्ग से बॉम्बे आये फिर हाथी की सवारी कर जांजगीर से कोरबा तक आए थे। यहां के वनवासियों की स्थिति देखी और क्षेत्र के विकास के लिए यहां न सिर्फ चर्च की स्थापना की, बल्कि स्कूल और अस्पताल भी बनाए। मसीह समाज के लोग चर्च की स्थापना के 100 साल बाद भी उन्हें याद करते हैं। इस बार के क्रिसमस में भी चर्चा को खास तौर पर सजाया गया है। इस वर्ष भी क्रिसमस के लिए खास तैयारी की गई है। मसीही समाज के लोग धूमधाम से क्रिसमस का त्योहार मनाने की तैयारी कर रहे हैं। 24 दिसंबर की रात जैसे ही घड़ी ने 12 बजने का इशारा करेगा चर्च में प्रभु यीशु मसीह का जन्मोत्सव हर्षोल्लास के साथ मनाया जाएगा। इस खास गिरजाघर में आज क्रिसमस पर विशेष प्रार्थना भी होगी। मेनोनाइट चर्च से जुड़े लोग बताते हैं कि सन् 1900 की शुरूआत में यूएसए के अंग्रेज कार्नेलियस एच सुकाऊ और उनकी पत्नी लूलू सुकाऊ यहां आए थे। जलमार्ग से बॉम्बे आने के बाद वह कुछ महानुभावों के साथ हाथी से कोरबा पहुंचे थे। तब की स्थिति के बारे में पूर्वज मसीही जनों को बताते हैं कि लोग घर से बाहर सिर्फ दिन में बाहर निकलते थे। क्योंकि उन्हें जानवरों का खतरा होता था। तब कोरबा नगर कोरबा कोरबा डीह के नाम से जाना जाता था और यहां काफी पिछड़ापन था। प्रभु की दया और मानव सेवा का संकल्प-लेकर अंग्रेज यहां पहुंचे थे। तब के अमेरिकन मिशनरियों ने अभूतपूर्व काम किया, मानव सेवा के क्षेत्र में कई रिकॉर्ड भी बनाए। मिशनरी स्कूल में पढ़े लिखे लोग उच्च पदों तक पहुंचे, उन्होंने क्षेत्र कायाकल्प कर दिया। अगर वह यहां नहीं आते तो हम आज यहां तक नहीं पहुंच पाते। खासतौर पर क्रिश्चियन समाज के लिए उनका योगदान अतुलनीय है। उन्होंने पूरी तन्मयता से मानव सेवा की, जिसके कारण ही हम न सिर्फ क्रिसमस पर बल्कि हर यादगार मौके पर उन्हें याद करते हैं। आज भी उनके द्वारा किया गया काम उनकी उपलब्धियां हमारे बीच मौजूद हैं।