UPPSC PCS Prelims 2024: पीसीएस-प्री की परीक्षा शांतिपूर्ण तरीके से संपन्न, सिर्फ…

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UPPSC PCS Prelims 2024: पीसीएस-प्री की परीक्षा शांतिपूर्ण तरीके से संपन्न, सिर्फ…
UPPSC PCS Prelims 2024: पीसीएस-प्री की परीक्षा शांतिपूर्ण तरीके से संपन्न, सिर्फ 42% अभ्यर्थी हुए शामिल

पीसीएस-प्री की परीक्षा शांतिपूर्ण तरीके से संपन्न.Image Credit source: getty images

उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग (UPPSC) की पीसीएस की प्रारंभिक परीक्षा रविवार को शांतिपूर्ण तरीके से संपन्न हुई. हालांकि, परीक्षा में केवल 42% अभ्यर्थी ही उपस्थित रहे. यह उपस्थिति दर परीक्षा को लेकर शुरुआत में हुए व्यापक विरोध प्रदर्शन और अन्य कारणों का संकेत देती है.

UPPSC के सचिव अशोक कुमार ने परीक्षा के सफल आयोजन की पुष्टि की. उन्होंने कहा, ‘पीसीएस प्रारंभिक परीक्षा रविवार को शांतिपूर्ण तरीके से पूरी हुई. परीक्षा की निष्पक्षता सुनिश्चित करने के लिए एक दोहरी निगरानी प्रणाली लागू की गई थी, जिसमें पुलिस और जांच एजेंसी द्वारा अलग-अलग जांच की जा रही थी.’

एजेंसी की दोहरी निगरानी

परीक्षा के दौरान सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए आयोग ने कड़े इंतजाम किए थे. परीक्षा केंद्रों पर पुलिस बल और निगरानी एजेंसियों ने दोहरी सतर्कता बरती. इस दोहरी परत वाली सुरक्षा व्यवस्था ने परीक्षा प्रक्रिया में किसी भी तरह की गड़बड़ी या अनुचित गतिविधि को रोकने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई.

विरोध प्रदर्शन का असर

परीक्षा के शुरूआती दौर में बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन हुए थे, जो परीक्षा प्रक्रिया पर सवाल खड़ा कर रहे थे. विरोध प्रदर्शनों के बाद परीक्षा को सुचारू रूप से आयोजित करना आयोग के लिए एक चुनौती था. हालांकि, सुरक्षा और निष्पक्षता के उपायों ने आयोग को परीक्षा शांतिपूर्ण तरीके से आयोजित करने में मदद की.

कम उपस्थिति को लेकर चिंता

इस साल पीसीएस प्रारंभिक परीक्षा में मात्र 42% उपस्थिति दर्ज की गई, जो अपेक्षाओं से काफी कम है. अभ्यर्थियों की कम उपस्थिति का कारण विरोध प्रदर्शन, परीक्षा में रुचि की कमी, या अन्य व्यक्तिगत और सामाजिक कारण हो सकते हैं. यह कमी आयोग और प्रशासन के लिए चिंता का विषय बन सकती है, क्योंकि यह छात्रों के सरकारी सेवाओं में भागीदारी के प्रति रुझान को दर्शाता है.

UPPSC के लिए इस परीक्षा का सफल और निष्पक्ष आयोजन एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है. हालांकि, कम उपस्थिति आयोग के लिए विश्लेषण का विषय है, जिससे यह पता लगाया जा सके कि अभ्यर्थियों की भागीदारी को कैसे बढ़ाया जाए. भविष्य में परीक्षाओं को लेकर योजना बनाते समय आयोग को इस मुद्दे पर विशेष ध्यान देना होगा.

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