श्याम बेनेगल को शबाना आजमी ने पहली मुलाकात में क्यों मान लिया था फ्रॉड? – भारत संपर्क
श्याम बेनेगल और शबाना आजमीImage Credit source: गेटी
कुछ ख्वाहिशें अधूरी रह जाती हैं. ऐसी ही अधूरी ख्वाहिश है श्याम बेनेगल के साथ इंटरव्यू. बीते शुक्रवार को मैंने अभिनेता ओम पुरी की पत्नी को मैसेज पर लिखा कि मैं श्याम बेनेगल का इंटरव्यू करना चाहता हूं. अगर वो समय दिला दें तो मैं मुंबई आकर इंटरव्यू करना चाहूंगा. कुछ ही घंटे बीते होंगे जब उनके न रहने की खबर आ गई. ये फिल्म इंडस्ट्री का बड़ा नुकसान है. श्याम बेनेगल के इंटरव्यू की चाहत के पीछे की दो बड़ी वजहें थीं. पहली वजह- अंकुर, निशांत, मंथन, मंडी जैसी फिल्में बनाने वाले फिल्मकार को समझने की कोशिश. दूसरा मैंने पिछले दस साल में ओम पुरी, नसीरूद्दीन शाह, शबाना आजमी, दीप्ति नवल, सुधीर मिश्रा जैसी हस्तियों का इंटरव्यू किया, उसमें श्याम बेनेगल को लेकर की गई दिलचस्प बातचीत.
श्याम बेनेगल की शख्सियत का इन सभी कलाकारों पर बड़ा असर था. शबाना आजमी तो श्याम बेनेगल को ‘असिस्ट’ भी किया करती थीं. श्याम बेनेगल के साथ उनकी पहली मुलाकात का किस्सा बड़ा ही जबरदस्त है. जिस फिल्मकार ने शबाना आजमी को विश्व सिनेमा में बड़ी पहचान दिलाई उसे पहली मुलाकात में शबाना आजमी ने फ्रॉड यानी धूर्त मान लिया था. क्या है वो दिलचस्प किस्सा ये भी आपको बताता हूं.
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फिल्म अंकुर के लिए कई अभिनेत्रियों ने मना किया था
शबाना आजमी खुद को बहुत भाग्यशाली मानती हैं. ऐसा इसलिए क्योंकि उन्हें फिल्मों में आने के लिए कोई संघर्ष नहीं करना पड़ा था. वो फिल्म इंस्टीट्यूट में पढ़ती ही थीं जब ख्वाजा अहमद अब्बास ने उन्हें साइन कर लिया था. इसके अलावा कांतिलाल राठौर की परिणय भी उन्हें मिल चुकी थी. जिस दिन उनकी पढ़ाई खत्म हुई उसके अगले दिन से वो फिल्म परिणय शूट कर रही थीं. खैर, श्याम बेनेगल की अंकुर का किस्सा दिलचस्प है. हुआ कुछ यूं था कि निर्देशक पंकज पराशर के भाई दीपक पराशर श्याम बेनेगल के सहायक थे. एक दिन वो जरीना वहाब से मिलने के लिए शबाना आजमी के घर आए. जरीना वहाब तब शबाना आजमी के घर पर ही रह रही थीं. जरीना उस समय फिल्म इंस्टीट्यूट से आई थीं और उनके पास अपना कोई घर नहीं था.
दीपक पराशर जरीना वहाब से उस रोल के लिए मिलने आए थे जो फिल्म में प्रिया तेंडुलकर ने किया है. वो शबाना आजमी को पहले से जानते भी थे, तो उन्होंने शबाना आजमी को कहाकि वो क्यों नहीं श्याम बेनेगल से मिलती हैं. दीपक पराशर ने बताया कि श्याम बेनेगल एक फिल्म बना रहे हैं. उस वक्त तक शबाना आजमी श्याम बेनेगल के बारे में नहीं जानती थीं. जिस रोल के लिए दीपक पराशर शबाना आजमी को श्याम बेनेगल के पास भेज रहे थे, उस रोल के लिए वहीदा रहमान ने मना किया था. इसके अलावा दक्षिण भारत की एक हीरोइन थीं लक्ष्मी, उन्होंने भी मना किया था. श्याम बेनेगल इस रोल के लिए अंजू महेंद्रू के पास गए, लेकिन उन्होंने भी मना कर दिया.
श्याम बेनेगल के साथ शबाना आजमी की पहली मुलाकात
ऐसे में जब शबाना आजमी श्याम बेनेगल से मिलने गईं तो उन्होंने एकाध सवाल पूछने के बाद कहाकि आपको दक्खनी आती है, शबाना आजमी ने कहा- जी हां आती है. शबाना आजमी का जन्म हैदराबाद में हुआ था. श्याम बेनेगल ने फटाफट शबाना आजमी को अंकुर और निशांत दोनों की कहानियां सुना दीं और कहाकि ये दोनों फिल्में आप ही कर रही हैं. फिल्म अंकुर के बाद श्याम बेनेगल निशांत बनाने वाले थे. लेकिन शबाना आजमी जब घर लौटीं तो उन्हें लगा कि पता नहीं किस ‘फ्रॉड’ फिल्ममेकर से वो मिलकर आ गई हैं, जिसने एक साथ दो-दो फिल्मों के लिए उन्हें साइन कर लिया है. वो भी तब जबकि शबाना के पास ऐसा कोई अनुभव नहीं था.
कुछ दिन बाद ही शबाना आजमी की मुलाकात ऋषिकेश मुखर्जी से हुई. जब शबाना आजमी अपना इम्तिहान ही दे रही थीं तो ऋषिकेश मुखर्जी ने उनसे कहाकि उन्हें श्याम बेनेगल के साथ जरूर काम करना चाहिए क्योंकि वो बहुत अच्छे टेक्नीशियन हैं. ऋषिकेश मुखर्जी की बड़ी पहचान थी. वो तब तक दर्जन भर फिल्में बना चुके थे. फिल्मफेयर अवॉर्ड जीत चुके थे. फिर शबाना आजमी दोबारा श्याम बेनेगल के पास गईं और फिल्म शुरू हो गई. शबाना आजमी ने बाद में जब श्याम बेनेगल को ये बात बताई कि उन्होंने उन्हें फ्रॉड मान लिया था, तो वो काफी देर तक हंसते रहे.
फिल्म मंडी में श्याम बेनेगल के साथ का किस्सा
श्याम बेनेगल फिल्म मंडी कर रहे थे. शबाना आजमी कॉस्ट्यूम्स में भी उनकी मदद कर रही थीं. दोनों हैदराबाद गए थे. हैदराबाद में एक पुराना इलाका है जहां से शबाना आजमी ने अपने लिए, स्मिता के लिए और नीना गुप्ता के लिए कपड़े खरीदे. एक दिन शबाना आजमी और श्याम बेनेगल कार से कहीं जा रहे थे. रास्ते में एक जगह शबाना आजमी ने एक आदमी को साइकिल पर देखा उसने बड़ी ही अजीब शर्ट पहनी हुई थी. शबाना ने श्याम बेनेगल को वो शर्ट दिखाई. दोनों में कुछ बातचीत हुई. इसके बाद जो हुआ वो कहानी गजब है. शबाना आजमी ने उस आदमी को रोका और कहाकि वो उसकी शर्ट खरीदना चाहती हैं. शबाना आजमी ने उस आदमी को दूसरी शर्ट के लिए पैसे भी दिए. वो मान गया. उसने अपनी शर्ट उतारकर दे दी.
वो अजीब शर्ट शबाना आजमी ने ओमपुरी के लिए ली थी. वापस लौटने पर वो शर्ट ओम पुरी को ये कहकर दी गई कि उनके कैरेक्टर के साथ वो शर्ट बहुत मैच करेगी. ओम पुरी बताते थे कि वो फौरन उस शर्ट को पहनने के तैयार हो गए थे. शबाना आजमी ने कहा भी कि इसे धुलवा कर पहनें, लेकिन ओम पुरी का एक्साइटमेंट भी अलग ही था. उन्होंने फौरन वो शर्ट पहन ली. श्याम बेनेगल ये सब देखकर मुस्करा रहे थे. दरअसल, हिंदुस्तान में जो ‘पैरेलल’ सिनेमा है श्याम बेनेगल उसके केंद्र में थे वो लोगों को जोड़ लेते थे. अफसोस, अब वो जोड़ टूट गया.