पंडित नेहरू ने बाबा साहब के खिलाफ किया था प्रचार…CM यादव ने कांग्रेस पर ब… – भारत संपर्क
मुख्यमंत्री मोहन यादव. (फाइल फोटो)
मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव ने मंगलवार को कहा कि भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) राजनीति में डॉ. बीआर आंबेडकर के परिवार को बढ़ावा देने के खिलाफ नहीं है. उन्होंने कांग्रेस पर संविधान निर्माता के जीवनकाल में उनका विरोध करने और चुनावों में उनकी हार सुनिश्चित करने का आरोप लगाया. मोहन यादव का यह बयान पिछले हफ्ते संसद में बाबा साहेब आंबेडकर पर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की टिप्पणी को लेकर उठे विवाद पर आया है. कांग्रेसी नेता समाज सुधारक पर अमित शाह की टिप्पणी के लिए उनके इस्तीफे की मांग करते हुए विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं.
सीएम यादव ने यहां राज्य बीजेपी कार्यालय में कहा कि हमारी पार्टी सभी के साथ जुड़कर दुनिया की सबसे बड़ी पार्टी बन गई है. सभी का स्वागत है, हम इसके लिए तैयार हैं. उनके (आंबेडकर के) परिवार ने एक पार्टी बनाई है और हमने भी इसके साथ सहयोग करने के लिए एक कदम आगे बढ़ाया है. वह इस सवाल का जवाब दे रहे थे कि क्या बीजेपी आंबेडकर के परिवार को राजनीति में बढ़ावा देगी, जबकि बीजेपी ने आरोप लगाया है कि कांग्रेस ने स्वतंत्र भारत के पहले कानून मंत्री का राजनीतिक रूप से विरोध किया था.
कांग्रेस ने किया बाबा साहब का विरोध
आंबेडकर के मुद्दे पर बीजेपी को घेरने की कोशिश करने के लिए कांग्रेस पर निशाना साधते हुए मोहन यादव ने कहा कि जवाहरलाल नेहरू (प्रथम प्रधानमंत्री) समेत कांग्रेस के नेता उनका विरोध करते थे और 1952 के आम चुनावों में उनकी हार सुनिश्चित की. सीएम यादव ने आरोप लगाया कि बाद में उपचुनावों में भी उन्होंने आंबेडकर को हराया.
आंबेडकर को हराने वाले नेता को दिया पद्म भूषण
कांग्रेस सरकार ने पहले संसदीय चुनावों में आंबेडकर को हराने वाले नेता नारायण सदोबा काजरोलकर को देश के तीसरे सबसे बड़े नागरिक पुरस्कार पद्म भूषण से सम्मानित किया और इससे कांग्रेस का दोहरा चरित्र उजागर हुआ. उन्होंने बताया कि अपने कार्यों के लिए दुनिया भर में पहचान बनाने के बावजूद, केंद्र में कांग्रेस सरकारें लगातार आंबेडकर को भारत रत्न देने में विफल रहीं और उन्हें सर्वोच्च नागरिक सम्मान गैर-कांग्रेसी सरकार द्वारा 1990 में मरणोपरांत के तौर पर दिया गया.
कांग्रेस ने अपने नेताओं को दिया भारत रत्न
बीजेपी नेता ने जोर देकर कहा कि कांग्रेस ने अपने नेताओं और पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी और राजीव गांधी को भारत रत्न दिया, लेकिन आंबेडकर को नहीं. सीएम यादव ने कहा कि सुप्रसिद्ध समाज सुधारक वंचितों, शोषितों और गरीबों के अधिकारों और कल्याण की बात करते थे और नेहरू समेत कांग्रेस के नेता इसी कारण उनका विरोध करते थे. उन्होंने कहा कि डॉ आंबेडकर के मामले में कांग्रेस का दोहरा चरित्र लोगों के सामने उजागर हो गया है.
बाबा साहब को सिर्फ वोट बैंक मानती है कांग्रेस
सीएम यादव ने दावा किया कि कांग्रेस बाबा साहब को सिर्फ वोट बैंक मानती है, चुनाव के समय उन्हें याद करती है. मुख्यमंत्री ने मांग की कि कांग्रेस को उनका अपमान करने के लिए देश से माफी मांगनी चाहिए. सीएम मोहन यादव ने कहा कि कांग्रेस लगातार चुनाव में हार से हताश है और इसलिए अमित शाह को बदनाम करने और नागरिकों के बीच झूठ फैलाने के लिए उनके संपादित भाषण को उजागर कर रही है. उन्होंने आरोप लगाया कि कांग्रेस ने बाबा साहेब आंबेडकर को कानून मंत्री के पद से इस्तीफा देने के लिए मजबूर किया.
कांग्रेस को बिना शर्त माफी मांगनी चाहिए
सीएम ने कहा कि नेहरू समेत कांग्रेस नेताओं द्वारा बाबा साहब आंबेडकर का जो अपमान किया गया है, उसके लिए कांग्रेस को पूरे देश से बिना शर्त माफी मांगनी चाहिए. मोहन यादव ने कहा कि जब भी कोई व्यक्ति मंत्रिपरिषद से इस्तीफा देता है, तो उसे संसद में बोलने का मौका दिया जाता है, लेकिन बाबासाहेब आंबेडकर के इस्तीफे के बाद, उन्हें सदन में बोलने की भी अनुमति नहीं दी गई.
मोहन यादव ने कहा कि जब भी कोई बड़ा नेता चला जाता है, तो उसकी विरासत को संजोया जाता है, लेकिन कांग्रेस सरकारों ने संविधान के मुख्य निर्माता का एक भी स्मारक नहीं बनने दिया. उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश (महू) में आंबेडकर के जन्मस्थान पर स्मारक बनाने का काम बीजेपी के मुख्यमंत्री सुंदरलाल पटवा के कार्यकाल में शुरू हुआ और पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने इसका उद्घाटन किया.
आंबेडकर केंद्र का काम पूरा
सीएम यादव ने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री चंद्रशेखर ने दिल्ली में आंबेडकर केंद्र के लिए जगह स्वीकृत की थी, लेकिन कांग्रेस ने उस जगह पर इमारत नहीं बनने दी. उन्होंने कहा कि जब प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की सरकार सत्ता में आई, तो आंबेडकर केंद्र का काम पूरा हो गया. मोहन यादव ने कहा कि मोदी जी की सरकार ने लंदन में उस जगह पर केंद्र बनवाया, जहां बाबासाहेब रहते थे. दिल्ली में उनके निवास, नागपुर में दीक्षाभूमि (जहां उन्होंने बौद्ध धर्म अपनाया) और मुंबई में चैत्यभूमि (जहां उनका अंतिम संस्कार हुआ) पर भी स्मारक बनाए गए.