ई-कॉमर्स कंपनियों के फ्रॉड से आपको बचाएगी सरकार, AI और ‘जागो ग्राहक जागो ऐप’ से… – भारत संपर्क
नेशनल कंज्यूमर डे (24 नवंबर) के मौके पर फूड और कंज्यूमर अफेयर्स यूनियन मिनिस्टर प्रल्हाद जोशी ने कंज्यूमर प्रोटेक्शन को बढ़ावा देने के लिए कई नई पहल शुरू की हैं. इनमें आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) बेस्ड हेल्पलाइन और गुमराह करने वाली मार्केटिंग प्रैक्टिस का पता लगाने के लिए नए तरीके शामिल हैं. इसके अलावा देश की बड़ी ई-कॉमर्स कंपनियों ने ऑनलाइन खरीदारी की सेफ्टी बढ़ाने का संकल्प लिया है. ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म के डार्क पैटर्न को पहचानने के लिए सरकार ने ‘जागो ग्राहक जागो ऐप’, ‘जागृति ऐप’ और ‘ जागृति डैशबोर्ड’ लॉन्च किए हैं.
रिलायंस रिटेल, टाटा संस और जोमैटो जैसे बड़े ब्रांड्स ने सेफ्टी के लिए अपनी प्रतिबद्धता जताई. सरकार ने नेशनल कंज्यूमर हेल्पलाइन, ई-मैप पोर्टल और ‘जागो ग्राहक जागो’ मोबाइल एप्लिकेशन जैसे नए कदमों की शुरुआत की, जो कंज्यूमर प्रोटेक्शन को और मजबूत करेंगे.
ई-दाखिल पोर्टल से हो रही शिकायत
नेशनल कंज्यूमर दिवस के मौके पर जोशी ने कहा, ‘उपभोक्ता विवादों के समाधान में तेजी लाने के लिए हम महत्वपूर्ण प्रोग्रेस कर चुके हैं.’ उन्होंने यह भी बताया कि इस साल जनवरी से नवंबर तक नेशनल कंज्यूमर डिस्प्यूट रिड्रेसल कमीशन में 3,628 नए मामले दर्ज किए गए और 6,587 मामलों का समाधान थ्री-टियर कंज्यूमर कोर्ट सिस्टम के जरिए किया गया.
जोशी ने कहा कि ई-दाखिल पोर्टल के जरिए कर्नाटक, पंजाब और राजस्थान जैसे राज्यों में 100 फीसदी शिकायतें ऑनलाइन दर्ज की जा रही हैं. डिजिटल क्रांति के बढ़ते प्रभाव के बीच जोशी ने कहा कि सरकार यह सुनिश्चित करना चाहती है कि कंज्यूमर ऑनलाइन लेन-देन में आत्मविश्वास महसूस करें.
वहीं, कंज्यूमर प्रोटेक्शन अथॉरिटी (CCPA) ने भी छिपे हुए एडवर्टाइजमेंट को कंट्रोल करने के लिए नई गाइडलाइंस तैयार की हैं. कुछ कंपनियों को इन नियमों का उल्लंघन करने पर नोटिस भी जारी किया गया है.
‘जागो ग्राहक जागो’ और ‘जागृति’
होम मिनिस्ट्री ने हाल ही में ‘जागो ग्राहक जागो ऐप’, ‘जागृति ऐप’ और ‘जागृति डैशबोर्ड’ लॉन्च किए हैं, जो कंज्यूमर्स को ऑनलाइन खरीदारी में होने वाली धोखाधड़ी और ‘डार्क पैटर्न’ से बचने में मदद करेगा. ये डार्क पैटर्न वे प्रैक्टिस हैं, जिनके जरिए ई-कॉमर्स कंपनियां अपनी बिक्री बढ़ाती हैं और ग्राहकों को ठगने की कोशिश करती हैं.
सरकार ने डार्क पैटर्न से बचाव के लिए गाइडलाइंस भी जारी की हैं. इन गाइडलाइंस में 13 प्रकार के दबाव बनाए जाने वाले तरीके शामिल हैं, जो कंज्यूमर्स को अनजाने में खरीदारी करने के लिए मजबूर करते हैं. इसके अलावा अनचाही कॉल्स से जुड़ी गाइडलाइंस भी जल्द ही जारी की जाएंगी, जिन पर टेलीकॉम डिपार्टमेंट से विचार विमर्श चल रहा है.
सैटेलाइट इंटरनेट पर होगा बड़ा फैसला
टेलीकॉम रेगुलेटरी अथॉरिटी और इंडिया (TRAI) के चेयरमैन ए. के. लाहोटी ने मंगलवार को कहा कि TRAI जल्द ही सैटेलाइट स्पेक्ट्रम आवंटन के नियमों पर सिफारिशें जारी करेगा. सरकार इन सिफारिशों का मूल्यांकन करने के बाद सैटेलाइट कम्युनिकेशन कंपनियों को स्पेक्ट्रम आवंटित करने पर फैसला लेगी. इससे देश में सैटेलाइट बेस्ड ब्रॉडबैंड सर्विस को बढ़ावा मिलेगा.
एजेंसी के मुताबिक, लाहोटी ने कहा कि यह सिफारिशें ‘बहुत जल्द’ जारी की जाएंगी. नवंबर के दूसरे हफ्ते में TRAI ने सैटेलाइट बेस्ड कमर्शियल कम्युनिकेशन सर्विस के लिए स्पेक्ट्रम आवंटन के नियमों पर एक खुली चर्चा पूरी की थी.
टेलीकॉम सर्विस प्रोवाइडर कंपनियां जैसे रिलायंस जियो और भारती एयरटेल स्पेक्ट्रम नीलामी के जरिए आवंटन का सपोर्ट करती हैं, जबकि एलन मस्क की स्टारलिंक, अमेजन के प्रोजेक्ट कुइपर और अन्य सैटेलाइट कंपनियां सरकारी आवंटन के लिए लामबंद हैं.