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ठंड में भी गर्मियों की तरह बनी है बिजली की डिमांड, सेंट्रल सेक्टर पर निर्भरता बढ़ी

कोरबा। ठंड में भी बिजली की डिमांड गर्मियों की तरह बनी हुई है। मांग बढऩे से राज्य उत्पादन कंपनी के संयंत्रों पर दबाव बढ़ गया है। दूसरी ओर सेंट्रल सेक्टर से अधिक बिजली भी लेनी पड़ रही है। राज्य उत्पादन कंपनी के मड़वा पॉवर प्लांट की 500 मेगावाट क्षमता की दो नंबर इकाई उत्पादन में नहीं है। इस इकाई से उत्पादन बंद होने का असर यह हुआ है कि सेंट्रल सेक्टर पर निर्भरता बढ़ा दी है। दूसरी ओर ठंड सीजन में भी शुक्रवार को सुबह 10.30 बजे के करीब 5 हजार मेगावाट तक प्रदेश में बिजली की डिमांड पहुंची। हालांकि देर शाम 700 मेगावाट तक बिजली की डिमांड घटी। मगर इस मांग को पूरा करने हाइडल प्लांट की मदद लेनी पड़ी। प्रदेश की घरेलू बिजली जरूरतों को उत्पादन कंपनी पूरा करती है। ठंड के सीजन में भी अब बिजली की अधिकतम मांग 5 हजार मेगावाट तक पहुंच रही है। 2 हजार मेगावाट से अधिक बिजली सेंट्रल सेक्टर से ले रही है। इसका कारण मड़वा पॉवर प्लांट की दो नंबर इकाई का बंद होना है। इससे उत्पादन कंपनी की 500 मेगावाट उत्पादन कम हो गया है। साल 2001 तक सरप्लस स्टेट को अब ठंडी के सीजन में भी सेंट्रल सेक्टर के भरोसे रहना पड़ रहा है। इससे ही प्रदेश में बिजली की मांग के अनुरूप आपूर्ति को बरकरार रखा जा रहा है। हालांकि शुक्रवार को बांगो हाइडल प्लांट की एक इकाई से बिजली उत्पादन किया गया, जिसकी क्षमता 40 मेगावाट की है। हसदेव नदी पर बने इस बांगो हाइडल प्लांट में 40 मेगावाट क्षमता की तीन इकाई है। जिसे आवश्यकता के अनुसार उत्पादन में लाया जाता है।

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