एक और पत्रकार को मिली जान से मारने की धमकी — भारत संपर्क
बालोद। जिले में पत्रकार फिरोज अहमद खान को जान से मारने की धमकियां मिल रही हैं, जिससे राज्य में पत्रकारों की सुरक्षा पर गंभीर सवाल उठ रहे हैं। फिरोज अहमद खान, जो दैनिक दैनंदिनी अखबार के बालोद जिला ब्यूरो प्रमुख हैं, ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई है कि उन्हें बदमाश विशाल मोटवानी और उसके साथियों से धमकियां मिल रही हैं।
फिरोज ने बताया कि 2023 में विधानसभा चुनाव के दौरान आदर्श आचार संहिता के उल्लंघन पर एक खबर प्रकाशित करने के बाद से उन्हें धमकियां मिलनी शुरू हुईं। 4 जनवरी 2024 को राजहरा बस स्टैंड पर विशाल मोटवानी और उसके साथियों ने उनकी पिटाई की, लेकिन पुलिस ने उनकी शिकायत दर्ज नहीं की। 12 जून 2024 को विशाल ने उन्हें पिस्तौल दिखाकर राजहरा और बालोद छोड़ने की धमकी दी, दावा करते हुए कि उसके नक्सलियों से संबंध हैं और उसकी पहुंच सरकार और पुलिस तक है। 15 जनवरी 2025 को गुरूर में फिरोज को फिर से धमकाया गया, जिसमें विशाल ने उन्हें मुकेश चंद्राकर की घटना की याद दिलाते हुए जान से मारने और सैप्टिक टैंक में दफनाने की धमकी दी।
यह मामला छत्तीसगढ़ में पत्रकारों के खिलाफ बढ़ते खतरों की ओर इशारा करता है। हाल ही में बैकुंठपुर के पत्रकार सुनील शर्मा को भी मुकेश चंद्राकर जैसा हश्र करने की धमकी दी गई थी। अब बालोद में फिरोज अहमद खान को इसी तरह की धमकियां मिल रही हैं।
छत्तीसगढ़ में पत्रकारों की सुरक्षा को लेकर उठ रहे सवालों के बीच, मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने घोषणा की है कि राज्य में जल्द ही पत्रकार सुरक्षा कानून बनाया जाएगा। इस कानून के माध्यम से पत्रकारों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के प्रयास किए जाएंगे। सरकार और प्रशासन को जल्द से जल्द इस मामले में कार्रवाई करनी चाहिए ताकि लोकतंत्र का चौथा स्तंभ सुरक्षित रह सके।
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