मुंगेली नगर पालिका परिषद के अध्यक्ष पद के लिए भाजपा-…- भारत संपर्क

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मुंगेली नगर पालिका परिषद के अध्यक्ष पद के लिए भाजपा-…- भारत संपर्क

आकाश मिश्रा

आरक्षण की प्रक्रिया पूरी होते ही अब उम्मीद है कि 18 जनवरी के बाद किसी भी वक्त चुनाव की तिथि घोषित हो सकती है। ऐसे में बड़ी संख्या में दावेदार सामने आ रहे हैं, तो वहीं अब हर गली, नुक्कड़ और बैठक में भी आने वाले चुनाव को लेकर प्रत्याशियों के नाम पर कयास लगने शुरू हो गए हैं।

मुंगेली नगर पालिका परिषद में भी अगला अध्यक्ष कौन होगा और शहर सरकार किसकी बनेगी इसकी अटकलें तेज हो गई है। यहां परिस्थितियों बिल्कुल भी ऐसी नहीं है कि किसी एक नाम पर स्पष्ट राय बन सके। पिछली बार राज्य में कांग्रेस की सरकार तो बनी थी लेकिन मुंगेली जिले से लोकसभा, विधानसभा चुनाव में भाजपा प्रत्याशियों को विजय श्री की प्राप्ति हुई थी। यहां तक कि नगर पालिका परिषद के चुनाव में भी भाजपा पार्षदों की संख्या अधिक थी और अध्यक्ष भी भाजपा के ही संतुलाल सोनकर बने थे, लेकिन फिर नाली घोटाला में उनका भाग्य कुछ यूं बदला कि कांग्रेसी हेमेंद्र गोस्वामी अध्यक्ष बन गए। लेकिन इस बार नगर पालिका परिषद के चुनाव से ठीक पहले हेमेंद्र गिरी गोस्वामी इस चुनाव से न केवल तटस्थ दिखाई पड़ रहे हैं बल्कि उनका नाम दूर-दूर तक नहीं है। ऐसा शायद इसलिए भी है कि कोई इस बार प्रत्यक्ष प्रणाली से अध्यक्ष का चुनाव होना है और यह सीट सामान्य वर्ग के लिए आरक्षित है। ऐसे में उम्मीद कम है कि इस सीट से हेमेंद्र गोस्वामी जैसे आरक्षित वर्ग के प्रत्याशी को अवसर मिलेगा, लेकिन ऐसा भी नहीं है कि जातिगत समीकरण ही यहां पूरी तरह से हावी हो। कई प्रत्याशी अपवाद भी है।

अगर हम बात करें कांग्रेस की तो फिलहाल अध्यक्ष पद की रेस में 7 से 8 प्रमुख नाम सामने आ रहे हैं । तीन बार नगर पालिका के अध्यक्ष रह चुके मुंगेली के दिग्गज नेता अनिल सोनी ने इस बार पहले से ही ऐलान कर दिया है कि वे चुनाव की रेस में शामिल नहीं है, लेकिन ऐसा भी माना जा रहा है कि उनका समर्थन जिन्हें होगा उसके लिए जीत की राह आसान होगी। अनिल सोनी के दावेदारी छोड़ते ही कई नए दावेदार सामने आ गए हैं। इनमें प्रमुख नाम अरविंद वैष्णव का लिया जा सकता है, जो चार बार के पार्षद है। जिनकी छवि जुझारू और मिलनसार नेता के रूप में है। खास बात यह है कि उन्होंने यह जीत अलग-अलग वार्डों में चुनाव लड़कर हासिल किया है और कई दिग्गज बीजेपी नेताओं को भी उन्होंने शिकस्त दी है। अरविंद वैष्णव के लिए यह कहा जाता है कि वे नगर विकास और अन्य आवश्यकताओं के लिए बड़ा फंड जुटाने की क्षमता रखते हैं। नगर विकास को लेकर भी उनका विजन स्पष्ट है ।

सामान्य वर्ग से एक नाम रोहित शुक्ला का भी हो सकता है। मुंगेली में ब्राह्मण वोट निर्णायक है, ऐसे में कांग्रेस किसी ब्राह्मण उम्मीदवार को भी मैदान में उतार सकती है और अगर ऐसा हुआ तो सबसे प्रबल दावेदारी रोहित शुक्ला की ही होगी, जिनकी छवि युवा, तेजतर्रार कांग्रेसी नेता की है। खास बात है कि उनके व्यक्तिगत संबंध दोनों दलों से बेहतर है। धार्मिक और सामाजिक कार्यों में भी उनकी सहभागिता उल्लेखनीय रही है, लेकिन अगर भाजपा भी किसी ब्राह्मण कैंडिडेट को अवसर देती है तो फिर यह संघर्ष कठिन हो सकता है और ब्राह्मण वोट का बिखराव संभव है।

कांग्रेस नगर पालिका परिषद अध्यक्ष की दावेदारी में एक नाम संजय जायसवाल का भी सामने आ रहा है। लगातार दो बार पार्षद रहे संजय जयसवाल छात्र राजनीति से सक्रिय रहे हैं । वे एनएसयूआई, युवा कांग्रेस में शहर अध्यक्ष, ब्लॉक अध्यक्ष जैसे पदों पर उल्लेखनीय काम कर चुके हैं। जिला अध्यक्ष के भी वे प्रबल दावेदार थे। जिला अध्यक्ष नहीं बनने के बाद एक बार संजय जयसवाल नगर पालिका परिषद के अध्यक्ष के लिए बड़े दावेदार हो सकते हैं । लगातार उनकी सक्रियता, स्वच्छ छवि , मिलनसार स्वभाव और मतदाताओं के बीच उनकी लोकप्रियता उनका पक्ष मजबूत करती है।

दिलचस्प बात यह है कि अरविंद वैष्णव और संजय जयसवाल बेहद करीबी मित्र है और एक दूसरे के लिए पूरी तरह समर्पित भी। दोनों ने ही अपना राजनीतिक सफर एक साथ शुरू किया था और साथ में हीं पार्षद बने थे। दोनों के बीच इस कदर सामंजस्य है कि वे एक दूसरे के लिए लॉबिंग कर सकते हैं और एक दूसरे के लिए अवसर का त्याग भी कर सकते हैं। अरविंद वैष्णव और संजय जयसवाल की घनिष्ठ मित्रता से सभी परिचित है और इनका यही गठबंधन इन्हें मजबूत और प्रबल दावेदार बनता है।

इनके अलावा भी और कई नाम कांग्रेस से सामने आ रहे हैं ।कांग्रेस दिग्जाजों को हालांकि धरातल पर निवर्तमान अध्यक्ष हेमेंद्र गोस्वामी का समर्थन और साथ नहीं मिला तो उनका संघर्ष और बड़ा हो जाएगा। इस बार हेमेंद्र गोस्वामी की खामोशी से कांग्रेसी खेमे में हैरानी और बेचैनी है।

इधर भाजपा में भी कई नए नाम उभर कर सामने आ रहे हैं। ऐसा माना जा रहा है कि टिकट विधायक पुन्नू लाल मोहले ही तय करेंगे। ऐसे में सबसे बड़ी प्रबल दावेदारी पूर्व नगर पालिका अध्यक्ष शैलेश पाठक की बनती है, क्योंकि विधायक पुन्नू लाल मोहल्ले के वे काफी करीबी माने जाते हैं । उनके अलावा आशीष तिवारी ,अमितेश विज्जु आर्य भी प्रबल दावेदार है उनकी दावेदारी की वजह अलग-अलग है । वही माना जा रहा है कि केंद्र और राज्य में सत्ता की वजह से मुंगेली नगर पालिका परिषद में भी भाजपा की जीत की प्रबल संभावना है और प्रत्यक्ष चुनाव में भाजपा के अध्यक्ष बनने की संभावना अधिक है , ऐसे में भाजपा प्रत्याशी चयन पर ही आगामी अध्यक्ष तय हो सकता है। इसमें कई दिग्गजों के नाम शामिल है हालांकि भारतीय जनता पार्टी में अंतिम वक्त पर किसे अवसर मिलेगा यह कहना हमेशा से ही मुश्किल रहा है । सम्भव है कि कोई डार्क हॉर्स अचानक निकलकर सामने आ जाए, लेकिन फिलहाल जो समीकरण बन रहे हैं उसके चलते यही माना जा रहा है कि इन्हीं दिग्गजों में से कोई एक मुंगेली नगर पालिका परिषद का आगामी अध्यक्ष बन सकता है। दोनों ही दलों के दावेदार अपने स्तर पर पुरजोर प्रयास भी कर रहे हैं।


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