मुख्यालय को नहीं मिल रहा ठेका कर्मियों की उपस्थिति का…- भारत संपर्क
मुख्यालय को नहीं मिल रहा ठेका कर्मियों की उपस्थिति का रिकॉर्ड, बायोमेट्रिक अटेंडेंस को अनिवार्य पर कंपनियां नहीं गंभीर
कोरबा। बीते साल 2024 से एसईसीएल में नियमित कामगारों के लिए बायोमेट्रिक अटेंडेंस को अनिवार्य कर दिया है। एरिया स्तर पर भी संबंधित कर्मचारियों के लिए बायोमेट्रिक मशीन से हाजिरी को लेकर जरूरी गाइडलाइन भी जारी हुई। इस बायोमेट्रिक अटेंडेंस से कंपनी मुख्यालय को उपस्थिति रिकॉर्ड की जानकारी उसी दिन मिल जाती है। पर कंपनियां इसके पालन को लेकर गंभीर नहीं है। वर्तमान में भी रजिस्टर में ही हाजरी दर्ज हो रही है। कोल इंडिया की अनुषंगी कंपनी एसईसीएल में ठेका कर्मचारियों की संख्या लगातार बढ़ी है। इसका कारण कोयला खनन से लेकर ओबी हटाने और कोयला खदानों के कई अन्य कार्य ठेके पर देना है। एसईसीएल समेत कोल इंडिया की कई अन्य सहयोगी कोयला कंपनियों में ठेका कर्मियों की बायोमेट्रिक हाजिरी पर अब तक निर्णय नहीं लिया जा सका है। इसे पारदर्शिता के लिए जरूरी बताने के साथ ही श्रम संघों ने विभिन्न बैठकों में मुद्दे उठाने के साथ ही आंदोलन के दौरान विभिन्न मांगों में ठेका कर्मियों की बायोमेट्रिक अटेंडेंस को शामिल किया है। नियमित कामगारों के बायोमेट्रिक अटेंडेंस को अनिवार्य कर रहे एसईसीएल प्रबंधन के समक्ष यूनियन नेताओं ने धरना आंदोलन के जरिए ठेका कर्मियों के बायोमेट्रिक मशीन से हाजिरी की मांग कर चुके हैं, लेकिन अब तक इस पर कोई निर्णय नहीं लिया जा सका है और पुराने पैटर्न पर ही कोयला खदानों में ठेका कर्मियों की हाजिरी लग रही है। ठेका कर्मियों की कोयला खदानों में बढ़ी संख्या के बाद अब श्रम संघों का ध्यान इनके हित की मांगों की ओर भी गया है। इनमें से ही एक बायोमेट्रिक अटेंडेंस लागू कराने की मांग भी है। साथ ही बेहतर चिकित्सा सुविधा, सामाजिक सुरक्षा, हाईपावर कमेटी की निर्धारित दर पर वेतन भुगतान की मांग करते रहे हैं। कोयला खदानों में एमडीओ और रेवेन्यू शेयरिंग मोड को खनन नीतियों में बड़े बदलाव के रूप में देखा जा रहा है। इसे निजीकरण का नया दौर भी माना जा रहा है। ऐसे में भविष्य में एसईसीएल में ठेका कर्मियों की संख्या बढ़ेगी। दूसरी ओर कोयला कर्मियों के रिटायरमेंट से नियमित कामगारों की संख्या घट रही है। इसकी जगह अब ठेका कर्मचारी से कार्य लेने से आउटसोर्सिंग का दायरा बढ़ा है। एसईसीएल में सबसे ज्यादा 2200 के करीब ठेका कर्मचारी गेवरा खदान में है। बीते साल 2024 में कोल इंडिया अपेक्स जेसीसी कमेटी की बैठक में भी ठेका कर्मियों की बायोमेट्रिक उपस्थिति का मुद्दा उठाया जा चुका है। साथ ही वार्षिक पीएलआर बोनस का लाभ दिलाने की बात कही गई। इस पर प्रबंधन ने अपनी सहमति जताई और माइनिंग कार्य से जुड़े ठेका कर्मियों को पीएलआर बोनस का लाभ मिला। एचपीसी दर पर वेतन भुगतान ठेका श्रमिकों और उनके परिवार के सदस्यों को चिकित्सा सुविधा संबंधी मुद्दे उठाए।