जमीन सीमांकन के नाम पर किसान से एक लाख रुपये की रिश्वत लेते…- भारत संपर्क
यूनुस मेमन
जमीन का सीमांकन कार्य आर आई और पटवारी की जिम्मेदारी है लेकिन इसी नाम पर बिना रिश्वत लिए एक इंच जमीन नहीं नापी जाती, यह सर्वविदित है। कहीं भी बिना रिश्वत के आर आई सीमांकन ना तो करते हैं और ना ही रिपोर्ट देते हैं ,लेकिन शिकायत न होने पर कार्रवाई नहीं होती।
मगर मुंगेली में सीमांकन के नाम पर ₹ 5 लाख की रिश्वत मांगे जाने के आरोप में एक लाख रुपए रिश्वत लेते पटवारी और उसका सहायक गिरफ्तार हुआ है। मुंगेली जिले के रामगढ़ में रहने वाले किसान वैभव सोनी की गांव में 26 एकड़ जमीन है। उन्होंने इसी जमीन के सीमांकन के लिए पटवारी सुशील जायसवाल और आर आई नरेश साहू से संपर्क किया था। बताते हैं कि रेवेन्यू इंस्पेक्टर और पटवारी ने जमीन सीमांकन के एवज में पांच लाख रुपये की रिश्वत मांगी।
मगर वैभव सोनी रिश्वत देना नहीं चाहते थे, इसलिए उन्होंने 19 नवंबर को इसकी शिकायत एंटी करप्शन ब्यूरो बिलासपुर में कर दी। इसके बाद से ट्रैप किया जाने लगा। पहले ऑडियो वीडियो रिकॉर्डिंग की गई। किसान ने दोबारा पटवारी से संपर्क किया तो पटवारी और आर आई ने चार लाख में सौदा तय किया। शिकायत सही पाए जाने पर जाल बिछाया गया। पटवारी ने किसान को पैसे लेकर ऑफिस बुलाया और फिर उसने अपने असिस्टेंट गुलाब दास मानिकपुरी को वह पैसे देने के लिए कहा। जैसे ही वैभव सोनी ने असिस्टेंट गुलाब दास मानिकपुरी को ₹100000 दिए , एंटी करप्शन टीम ने उसे रंगे हाथों पकड़ लिया। इसके बाद टीम ने पटवारी सुशील जायसवाल को भी गिरफ्तार कर लिया। इस पूरे मामले में आरआई नरेश साहू का भी नाम सामने आया है, लेकिन जब आरोपी रंगे हाथ पकड़ाये, तब आर आई मौके पर मौजूद नहीं था, इसलिए उसकी भूमिका की भी जांच की जा रही है।
लेकिन सच तो यह है कि ऐसे किसी जांच की कोई जरूरत नहीं है सत्य है कि कोई भी पटवारी या आर आई बिना रिश्वत लिए जमीन का सीमांकन नहीं करता। इस सच्चाई से सभी वाकिफ है। अगर हर कोई इसकी शिकायत करने लगे तो सारे पटवारी और आरआई रिश्वत लेने के आरोप में जेल में होंगे।
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