DeepSeek को 100 से ज्यादा कंपनियां कर चुकी बैन, AI की जंग में हार जाएगा चीन? – भारत संपर्क
Chinese AI Startup DeepSeek
चीन का स्टार्टअप डीपसीक खूब चर्चा में आ गया है. इसके आते ही बड़ी-बड़ी टेक कंपनियों के शेयर बिखर गए. दुनिया के कई अरबपतियों की नेटवर्थ भी कम हो गई. इस एआई चैटबॉट ने इन दिनों हलचल मचाई है. लेकिन अब इस चैटबॉट के लेकर लोगों को एक बड़ा खतरा नजर आ रहा है. सिक्योरिटी के खतरे पर फोकस करते हुए कई कंपनियों और सरकारी एजेंसियों ने इसे अपने वर्क जोन में रिस्ट्रिक्ट कर दिया है.
कंपनियां और सरकारी एंजेंसी चीनी आर्टिफिशियल-इंटेलिजेंस स्टार्टअप डीपसीक द्वारा जारी किए गए टूल तक अपने कर्मचारियों की पहुंच पर रोक लगाने की तैयारी कर रही हैं. यही नहीं इटली ने चीनी चैटबॉट को ऐप स्टोर पर ही जगह नहीं दी है.
डीपसीक की ये कमी है बैन की बड़ी वजह
ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के मुताबिक, साइबर फर्म आर्मिस इंक के चीफ टेक्नोलॉजी ऑफिसर नादिर इजरायल ने स्टार्टअप के अपने क्लाइंट्स का हवाला देते हुए बताया कि सैकड़ों कंपनियों और सरकारी एंजेंसी ने डीपसीक पर बैन लगा दिया है. डीपसीक संभावित डेटा लीक और वीक प्राइवेसी सेफगार्ड्स होने के वजह से बैन के घेरे में आ गया है.
ये भी पढ़ें
इटली ने क्यों हटाया डीपसीक को ऐप स्टोर से?
इटली ने डीपसीक को एपल के ऐप स्टोर और एंड्रॉयड के गूगल प्ले स्टोर से हटा दिया है. डीपसीक से ऐप के डेटा मैनेज के तरीके पर जानकारी मांगे जाने के बाद ये फैसला लिया गया है. इटली की डेटा रेगुलेटर ने डीपसीक और इससे संबंधित कंपनियों को 20 दिन का टाइम दिया है. चीनी डीपसीक स्टार्टअप को जांच से संबंधित जानकारी 20 दिन में देनी होगी. हालांकि डीपसीक दूसरे यूरोपीय संघ देशों और यूनाइटेड किंगडम में डाउनलोड के लिए अवेलेबल है.
आयरलैंड की डेटा प्रोटेक्शन कमीशन (DPC) ने भी डीपसीक से आयरिश यूजर्स के डेटा प्रोसेसिंग के बारे में जानकारी मांगी है. वहीं ऑस्ट्रेलिया के विज्ञान मंत्री ने भी डीपसीक पर सेफ्टी से जुड़े कई सवाल उठाए हैं.
क्या AI की जंग में हार जाएगा चीन?
डीपसीक दुनियाभर में वायरल होने के बाद अब सभी देशों को शक के दायरे में भी आ गया है. चीन के मुताबिक, इस एआई चैटबॉट को 2 महीनों में तैयार किया है. वहीं चैटजीपीट को तैयार करने में ओपन एआई ने सालों खर्च किए है. डीपसीक कम समय में जल्दबाजी में पेश किया गया म़डल नजर आता है. जिसमें प्राइवोसी गार्ड और डेटा मैनेज टूल्स की कमी साफ नजर आ रही है.
सोशल मीडिया पर भी डीपसीक के जवाबों पर मीम वायरल हो रहे हैं. जिन्हें देखकर लग रहा है कि डीपसीक पर फिलहाल चीनी कंपनी को और काम करने की जरूरत है.
डीपसीक अपनी कम कीमतों (चैटजीपीटी भी फ्री है) के वजह से चर्चा में तो आ गया. लेकिन चीन अपने चैटबॉट की कमियों के वजह से अमेरिका से पिछड़ता नजर आ रहा है.