श्री पीतांबरा पीठ त्रिदेव मंदिर में गुप्त नवरात्रि के पावन…- भारत संपर्क

0
श्री पीतांबरा पीठ त्रिदेव मंदिर में गुप्त नवरात्रि के पावन…- भारत संपर्क

श्री पीताम्बरा पीठ सुभाष चौक सरकण्डा बिलासपुर छत्तीसगढ़ स्थित त्रिदेव मंदिर में माघ गुप्त नवरात्र उत्सव का आयोजन किया जा रहा है, जो 30 जनवरी 2025 से 6 फरवरी 2025 तक चलेगा। इस अवसर पर पीताम्बरा पीठाधीश्वर आचार्य दिनेश जी महाराज ने बताया कि श्री पीताम्बरा पीठ त्रिदेव मंदिर में स्थित श्री ब्रह्मशक्ति बगलामुखी देवी का विशेष पूजन, श्रृंगार त्रिपुरभैरवी देवी के रूप में किया गया है। एवं बगलामुखी माता का विशेष पूजन श्रृंगार बसंत पंचमी श्री पंचमी के पावन पर्व पर सरस्वती माता के रूप में किया जाएगा।

इसके अलावा, प्रातःकालीन श्री शारदेश्वर पारदेश्वर महादेव का रुद्राभिषेक, पूजन एवं परमब्रह्म मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्रीराम जी का पूजन, श्रृंगार, श्री सिद्धिविनायक जी का पूजन श्रृंगार, एवं श्री महाकाली, महालक्ष्मी, महासरस्वती राजराजेश्वरी, त्रिपुरसुंदरी देवी का श्रीसूक्त षोडश मंत्र द्वारा दूधधारियाँ पूर्वक अभिषेक किया जा रहा है। रात्रि कालीन पीताम्बरा हवनात्मक यज्ञ ब्राह्मणों द्वारा संपन्न हो रहा है।

पीतांबरा पीठाधीश्वर आचार्य डॉ. दिनेश जी महाराज ने कहा कि हमें विचार करना चाहिए कि ऐसी कौन-सी वस्तु है, जो सदा हमारे पास रहेगी और हम सदा उसके पास रहेंगे ? ऐसा कौन-सा व्यक्ति है, जो सदा हमारे साथ रहेगा हम सदा उसके साथ रहेंगे ? ऐसी कौन-सी क्रिया है, जिसको हम सदा करते रहेंगे और जो सदा हमसे होती रहेगी ? सदा के लिए हमारे साथ न कोई वस्तु रहेगी, न कोई व्यक्ति रहेगा और न कोई क्रिया रहेगी। एक दिन हमें वस्तु, व्यक्ति और क्रिया से रहित होना ही पड़ेगा। अगर हम वर्तमान में ही उनके वियोग को स्वीकार कर ले, उनसे असंग हो जाए तो जीवन्मुक्ति स्वत:सिद्ध है।अपार मंगल देने वाली, भक्तों के दुःख छुड़ाने वाली, ब्रह्मा, विष्णु और शिव से वन्दित होने वाली, कीर्ति तथा मनोरथ देने वाली, पूज्यवर और विद्या देने वाली माँ सरस्वती की कृपा से आपके और आपके पुत्र – पुत्रियों के जीवन में सुख-शांति एवं समृद्धि का वास हो।
माँ सरस्वती आपका और आपके पूरे परिवार का कल्याण करें यही प्रार्थना है।
या कुन्देन्दुतुषारहारधवला या शुभवस्त्रावृता,
या वीणावरदण्डमण्डितकरा या श्वेतपद्मासना।
या ब्रह्माच्युतशंकरप्रभृतिभिर्देवै: सदा वन्दिता,
सा मां पातु सरस्वती भगवती नि:शेषजाड्यापहा।।
शुक्लां ब्रह्मविचारसारपरमामाद्यां जगद्व्यापिनीं,
वीणापुस्तकधारिणीमभयदां जाड्यान्धकारापहाम्‌।
हस्ते स्फाटिकमालिकां च दधतीं पद्मासने संस्थितां,
वन्दे तां परमेश्वरीं भगवतीं बुद्धिप्रदां शारदाम्‌।। ब्रह्मा जी ने माघ मास में पंचमी के पावन पर्व के सुअवसर पर इस विद्या- बुद्धि एवं ज्ञान-विज्ञान की देवी मां सरस्वती जी को प्रकट किया था, जिसको आज भगवती सरस्वती के प्राकट्य दिवस के रूप में भी मनाये जाने की परम्परा है। वसंत पंचमी या बसंत पंचमी का दिन संगीत, कला, ज्ञान व विद्या की देवी सरस्वती को समर्पित है। आज श्री पंचमी के साथ साथ भगवती सरस्वती मां की पूजा भी जाती है।
बसन्त पंचमी का दिन विद्या आरम्भ करने तथा सरस्वती पूजा करने के लिये सबसे महत्वपूर्ण दिन है।
मां सरस्वती का रुप श्वेत है, जो ब्रह्मविचार की परम तत्व हैं, जिनकी ख्याति- कीर्ति सम्पूर्ण संसार में फैल रही है,भगवती हाथों में वीणा और पुस्तक धारण किए रहती हैं।
या देवी सर्वभूतेषु विद्या (बुद्धि) रूपेण संस्थिता।
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:।।
प्रकृति के इस प्राकृतिक श्रृंगार महोत्सव एवं ज्ञान, संगीत कला की देवी मां भगवती सरस्वती के पूजा दिवस पर भगवती से यह प्रार्थना करता हूं कि मां अपने सभी भक्तों को विद्या, सद्बुद्धि, ज्ञान- विवेक प्रदान करने की कृपा करे।


Post Views: 6

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

बांग्लादेश के होटल में फंसे कई विदेशी खिलाड़ी, BPL में ना पैसा मिल रहा, ना … – भारत संपर्क| Basant Panchami 2025: अपनों को खास अंदाज में दीजिए बसंत पंचमी की शुभकामनाएं| बस्तर संभाग के 26 गांवों में पहली बार लहराया तिरंगा – भारत संपर्क न्यूज़ …| ससुराल वालों ने चाय में दिया जहर… हॉस्पिटल में तड़पते हुए शख्स ने ऐसा क्य… – भारत संपर्क| मखाना किसानों से खुद मिलीं थीं वित्त मंत्री सीतारमण… बजट में ऐलान पर बोले…