Grammy Awards 2025: कौन हैं इंडियन-अमेरिकन म्यूजिशियन चंद्रिका टंडन, जिन्हें… – भारत संपर्क
इंडियन-अमेरिकी म्यूजिशियन चन्द्रिका टंडन Image Credit source: सोशल मीडिया
इंडियन-अमेरिकी म्यूजिशियन और उद्यमी चंद्रिका टंडन ने म्यूजिशियन एरु मात्सुमोतो और वाउटर केलरमैन के साथ मिलकर ‘त्रिवेणी’ नाम का एक कोलाब म्यूजिक एल्बम बनाया था. इस म्यूजिक एल्बम को चैंट कैटेगरी में ग्रैमी अवॉर्ड से सम्मानित किया गया है. इससे पहले 2011 में हुए 53वें ग्रैमी अवॉर्ड में चंद्रिका टंडन को उनके चैंट एल्बम ‘ओम नमो नारायणा’ के लिए इसी कैटेगरी में नॉमिनेट किया गया था. हालांकि उस समय वो ये अवॉर्ड नहीं जीत पाई थीं. भारत के चेन्नई स्थित एक तमिल ब्राह्मण परिवार में जन्मीं चंद्रिका, पेप्सिको की पूर्व सीईओ इंद्रा नूई की बड़ी बहन हैं.
चंद्रिका की मां खुद एक संगीतकार थीं और उनके पिता चेन्नई के एक बैंक में काम करते थे. वैसे तो परिवार की बड़ी बेटी होने की वजह से 18 साल उम्र में ही चंद्रिका की शादी तय होने वाली थीं. लेकिन अपने दादा से प्रेरणा लेकर चंद्रिका ने आगे पढ़ने का फैसला लिया. चंद्रिका के इस फैसले से उनकी मां खुश नहीं थीं. लेकिन दो दिन भूख हड़ताल के बाद आखिरकार चंद्रिका को उनके परिवार ने चेन्नई के मद्रास क्रिश्चियन कॉलेज में पढाई करने की अनुमति दी. चंद्रिका के दादाजी चेन्नई में जज थे, उन्हें भी अपनी दादा की तरह जज बनना था, लेकिन उनका टैलेंट और मार्क्स देख उन्हें उनके टीचर ने आईआईएम जैसे इंस्टीट्यूट से बिजनेस की पढाई करने का सुझाव दिया. जब आईआईएम अहमदाबाद में चंद्रिका ने बिजनेस की पढाई शुरू की, तब उनकी क्लास में सिर्फ 8 लड़कियां थी. ग्रेजुएट होते ही चंद्रिका को न्यू यॉर्क में जॉब मिली और तब से उन्होंने अमेरिका में ही अपना घर बसा लिया है.
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Congrats @wouterkellerman Eru Matsumoto and Chandrika Tandon – Grammy win for Triveni: Best New Age, Ambient or Chant Album #Grammys #GRAMMYS2025 pic.twitter.com/9su1DJLrbO
— Jennifer Su (Jen Su) (@jennifer_su) February 2, 2025
अपनी संस्कृति को नहीं भूलीं चंद्रिका
बिजनेस को ही अपना करियर मानकर आगे बढ़ने वाली चंद्रिका ने अपने ससुर के 90वें जन्मदिन पर ‘ओम नमो नारायणा’ मंत्र का एक चैंट म्यूजिक बनाया था और स्टूडियो में जाकर उन्होंने खुद इस म्यूजिक की रिकॉर्डिंग की थी. आगे उन्होंने इसी रिकॉर्डिंग का इस्तेमाल करते हुए ‘सोल कॉल’ नाम का पूरा म्यूजिक एल्बम बनाया और उनका ये पहला ही एल्बम साल 2011 में 53वें ग्रैमी अवार्ड के लिए नॉमिनेट किया गया. अपने करियर में चंद्रिका ने लैटिन और जैज म्यूजिक का इस्तेमाल करते हुए ‘सोल मार्च’ नाम का एल्बम भी बनाया है, ये म्यूजिक एल्बम महात्मा गांधी की दांडी यात्रा से प्रेरित है. 9 राग के साथ बने उनके ‘ओम नमः शिवाय’ के चैंट एल्बम को भी लोगों ने बहुत पसंद किया.
तीन आर्टिस्ट की ‘त्रिवेणी’
जिस ‘त्रिवेणी’ एल्बम के लिए चंद्रिका को ग्रैमी अवार्ड से सम्मानित किया गया है, उस एल्बम में साउथ अफ्रीका के बांसुरीवादक वाउटर केलरमैन और जापानी-अमेरिकी सेलिस्ट एरु मात्सुमोतो ने भी चंद्रिका का साथ दिया है. इस म्यूजिक में चंद्रिका दीक्षित ने इंडियन पॉप, इंडियन इंडी, न्यूज एज और इंडियन फोक संगीत को शामिल किया है. चैंट कैटेगरी में चंद्रिका का मुकाबला रिकी केज, राधिका वेकारिया और अनुष्का शंकर जैसे इंडियन कलाकारों के साथ ही था. लेकिन उन सबको पीछे छोड़कर उन्होंने ये अवॉर्ड अपने नाम कर दिया. सलवार सूट पहनकर ग्रैमी अवॉर्ड के मंच पर सम्मान के लिए लिए आईं चंद्रिका ने अपने इस ट्रेडिशनल लुक से भी इंडियन फैंस का दिल जीत लिया है.