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धड़ल्ले से बिक रही मिसब्रांड लेवल के पानी पाऊच, संबंधित विभाग नहीं कर रहा जाँच

कोरबा। गर्मी आते ही लोग घर से निकलने के बाद अमूमन दुकानों से पानी पाउच या बोतल का पानी खरीदकर पीते हैं। अधिकतर दुकानों में यह बोतल या पाउच फ्रिज में रखे होते हैं। ताकि लोगों को गला तर करने में सुकून मिल सके। खरीददार पानी की कीमत या फिर उसमें मैन्यूफैक्चरिंग डेट या फिर एक्सपायरी डेट को नजर अंदाज कर देता है। उसे तो बस गला तर करने की ही पड़ी रहती है। लेकिन इसके पीछे हकीकत हमें जानने की कोशिश की जानी चाहिए। पाउच में न जाने कितने दिनों का पानी भरा है। बोतल में एक्सपायरी डेट कब का है? बैच नंबर क्या है? इन सब बातों का उल्लेख होना चाहिए, लेकिन अक्सर हमें पानी पाउच एवं बोतलों में इन सब चीजों का उल्लेख नजर नहीं आता। इसे में मिसब्रांड के लेवल में ही शामिल कर सकते हैं। जिसकी जिले में धड़ल्ले से बिक्री हो रही है, मगर हैरानी है कि इसकी जांच संबंधित विभाग द्वारा नहीं की जा रही है।
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ये हैं मापदंड
0 पैकेज्ड पानी में रेडियोधर्मिता नहीं होनी चाहिए
0 पानी के पाउच व बोतलों में आईएसआई मार्क होना जरूरी
0 पानी की मैन्यूफैक्चरिंग डेट व एक्सपायरी डेट होना जरूरी
0 उक्त कंपनी का पूरा एड्रेस जरूर होना चाहिए
0 पानी का टीडीएस 500 मिलीग्राम से कम हो
0 आरओ तकनीक से पानी प्यूरीफायर हो
0 पानी के पाउच व बोतलों में कीमत का उल्लेख हो
0 बोतल, पाउच व जार में भरा पानी साफ सुथरा हो
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रेलवे स्टेशन में नहीं मिल रहा रेल नीर
गर्मी ने दस्तक देना शुरू कर दिया है। यात्रियों में सफर के दौरान पानी की मांग बढ़ गई है। ऐसे में घर से पानी लाना भूल जाने पर यात्री स्टेशन के वेंडर स्टॉल से रेल नीर की मांग कर रहे हैं, लेकिन वेंडर रेल नीर नहीं होने का हवाला देकर निजी कंपनी का पानी बेच रहे हैं। इसे लेकर यात्रियों में नाराजगी है। रेलवे स्टेशन कोरबा में यात्री की सुविधाओं पर ध्यान नहीं दिया जा रहा है। रेलवे स्टेशन में खाने-पीने की वस्तुओं की बिक्री के लिए तीन ही वेंडर स्टॉल है। तीनों ही स्टॉल प्लेटफार्म नंबर एक पर हैं। लेकिन इसमें से किसी भी स्टॉल में रेल नीर नहीं है। वेंडरों से पानी मांगने पर दूसरे कंपनी की महंगे दाम पर पानी की बिक्री कर रहे हैं। यात्रियों के मांगने पर भी रेल नीर नहीं होने का हवाला दे रहे हैं। ऐसे में यात्रियों को मजबूरी में दूसरी कंपनी का पानी लेना पड़ रहा है। लोग स्वच्छता को ध्यान में रखकर आर्थिक रूप से सक्षम यात्री बोतल बंद पानी की मांग कर रहे हैं। पानी की बोतल लेने के लिए स्टॉल तक पहुंच रहे हैं। लेकिन उन्हें निराशा हाथ लग रही है। स्टेशन के स्टॉल में देखेंगे तो रेल नीर का पानी बोतल ही नहीं दिख रही है।

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