कोर्ट परिसर में कैदी ने गर्लफ्रेंड की मांग में भरा सिंदूर, लिए सात फेरे… चर्चा में…


प्रतीकात्मक तस्वीर.
बिहार की जेल में बंद एक कैदी ने कोर्ट परिसर स्थित मंदिर में गर्लफ्रेंड संग शादी रचाई. शादी में दोनों के परिजनों के अलावा वकील और पुलिस साक्षी के तौर पर मौजूद रहे. शादी के बाद कैदी को फिर स्थानीय मंडलकारा में भेज दिया गया. मामला सीवान जिले का है.
शादी रचाने वाला कैदी गोरेयाकोठी थाना क्षेत्र के दुधरा गांव का रहने वाला है. उसका नाम हरेराम सिंह है. जबकि, उसकी प्रेमिका युवती भी उसी के गांव की रहने वाली है. कोर्ट परिसर में हुई इस अनोखी शादी को देखने के लिए काफी संख्या में भीड़ भी मौजूद रही.
बताया जा रहा है कि हरेराम सिंह और उसकी गर्लफ्रेंड का कई सालों से अफेयर था. दोनों एक-दूसरे से बेपनाह प्रेम करते थे, लेकिन उनके परिजन इस अफेयर से नाखुश थे. जब दोनों ने साथ रहने का फैसला किया तो परिजनों ने हरेराम सिंह के खिलाफ जबरन लड़की के भगाने का मामला दर्ज करा दिया.
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पुलिस न त्वरित कार्रवाई करते हुए दोनों को बरामद कर लिया और एफआईआर के आरोपित हरेराम सिंह को जेल भेज दिया. मामला न्यायालय में चल रहा था. इधर सोमवार को बंदी हरेराम सिंह ने प्रथम श्रेणी न्यायिक दंडाधिकारी कमलेश कुमार सिंह के कोर्ट में सुनवाई के लिए पहुंचा. सुनवाई के लिए कोर्ट में पेश होने के बाद न्यायाधीश ने दोनों ही पक्षों के वकीलों की दलील को सुना.
कोर्ट से मिली रजामंदी
फिर दोनों पक्षों की सहमति होने के कारण प्रथम श्रेणी न्यायिक दंडाधिकारी ने आदेश दिया कि उनकी रजामंदी से ही शादी करा दी जाए. इस आदेश के बाद बंदी को मंदिर में लाया गया, जहां युवती पहले से ही मौजूद थी, एक घंटे के अंदर दोनों की शादी हिन्दू रीति रिवाज के साथ संपन्न करवा दी गई और न्यायालय को भी इसकी सूचना दी गई, इसके बाद युवक को दोबारा जेल भेज दिया गया. इस तरह की शादी की चर्चा दिनभर कोर्ट परिसर व शहर में होती रही. युवक की ओर से अधिवक्ता रूकसाद अहमद व युवती के पक्ष से अधिवक्ता प्रदीप कुमार शर्मा 1 ने अपनी दलीलें रखीं.