राजधानी के बाद न्यायधानी में भी धर्म परिवर्तन के आरोपों से…- भारत संपर्क

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राजधानी के बाद न्यायधानी में भी धर्म परिवर्तन के आरोपों से…- भारत संपर्क

आकाश मिश्रा

प्रार्थना सभा की आड़ में धर्मांतरण का खेल खेला जा रहा है। मामले का सबसे दुखद पहलू यह है कि जब हिंदू संगठनों से जुड़े लोगों ने इसका विरोध किया तो पुलिस धर्मांतरण में लिप्त लोगों के संरक्षण में नजर आई। धर्मांतरण में शामिल लोगों को क्लीन चिट देते हुए पुलिस ने हिंदू संगठन से जुड़े लोगों पर बल प्रयोग करते हुए जिस तरह से दुर्व्यवहार किया उससे पुलिस पर ही सवाल खड़े होने लगे हैं ।मामला पूरे प्रदेश में गरमा गया है। इतना ही नहीं , पुलिस ने पत्रकारों से भी दुर्व्यवहार किया। बिलासपुर के कोनी थाना क्षेत्र स्थित रमतला में विगत क्रिसमस से हर शुक्रवार और रविवार को प्रार्थना सभा आयोजित कर बड़े पैमाने पर ग्रामीणों का अवैध धर्मांतरण करने का आरोप है। इसे लेकर हिंदू संगठनों ने विरोध दर्ज कराया तो कार्रवाई की जगह पुलिस आंदोलनकारियो पर ही सख्ती बरतती नजर आई।

प्रदेश में भाजपा की सरकार बन गई है। चुनाव से पहले धर्मांतरण भाजपा का बड़ा मुद्दा था लेकिन सरकार बनने के बाद भी धर्मांतरण के मामले थम नहीं रहे। राजधानी हो या न्यायधानी, लगातार यहां अवैध धर्मांतरण की साजिश रची जा रही है। आरोप है कि पिछले क्रिसमस के बाद से कोनी थाना क्षेत्र के रमतला स्थित वीराने में टेंट लगाकर हर शुक्रवार और रविवार को प्रार्थना सभा का आयोजन किया जाता है, जहां बाहर से आए मिशनरी के लोग भोले भाले ग्रामीणों का ब्रेनवाश कर उन्हें ईसाई बनाने का प्रयास करते हैं। इसकी सूचना काफी समय से थी। पुलिस को भी जानकारी थी लेकिन कोई कार्यवाही नहीं हुई, जिसके बाद हिंदू संगठनों से जुड़े लोग विरोध दर्ज करने पहुंचे। सूचना पाकर पुलिस भी पहुंच गई। हैरानी तो तब हुई जब पुलिस अवैध धर्मांतरण करने वालों के खिलाफ कार्रवाई करने की जगह इसका विरोध कर रहे हैं हिंदू संगठनों पर ही सख्ती बरतती नजर आई। पुलिस यह कहने लगी कि धर्मांतरण रोकने वाले आप कौन होते हैं ,जिससे मामला और बिगड़ गया। विरोध कर रहे लोगों ने पुलिस पर ही धर्मांतरण करने वालों का बचाव करने और उन्हें संरक्षण देने का आरोप लगाया। सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हुआ है जिसमें पुलिस ठाकुर राम सिंह और दिनेश घोरे के साथ दुर्व्यवहार करती नजर आ रही है।

दरअसल बिलासपुर के कोनी थाना क्षेत्र में रविवार को एनम चर्च के एक कार्यक्रम में धर्मांतरण के आरोप को लेकर विवाद खड़ा हो गया। हिंदू संगठनों ने आरोप लगाया कि इस कार्यक्रम में स्क्रीन पर वीडियो दिखाकर लोगों का धर्म परिवर्तन कराया जा रहा था। इस विरोध के बाद हिंदू संगठन के कार्यकर्ताओं और पुलिस के बीच झड़प हो गई।
सूचना मिलने के बाद मौके पर बड़ी संख्या में हिंदू संगठन के लोग पहुंच गए और कार्यक्रम का विरोध करने लगे। इसी दौरान पुलिस और संगठन के कार्यकर्ताओं के बीच तीखी बहस हुई। स्थिति को नियंत्रित करने के लिए पुलिस बल तैनात किया गया। हिंदू संगठन का कहना है कि एनम चर्च द्वारा गुप्त तरीके से धर्मांतरण कराया जा रहा था। कार्यक्रम में 500 से अधिक लोगों के लिए भोजन की व्यवस्था की गई थी और वीडियो दिखाकर धर्म परिवर्तन की प्रक्रिया अपनाई जा रही थी।

वहीं विवाद बढ़ता देख पुलिस ने तत्काल कार्यक्रम स्थल से टेंट और डोम हटाने के निर्देश दिए। इसके बाद हिंदू संगठन ने कार्यक्रम स्थल पर जमकर नारेबाजी की।कोनी थाना प्रभारी नवीन देवांगन ने बताया कि, ग्राम रमतला में एक विशेष समुदाय के द्वारा सभा का आयोजन कराया जा रहा था। जिनकी सूचना मिली थी। जिसके बाद तत्काल पुलिस मौके पर पहुंची। पुलिस ने समुदाय से कार्यक्रम की अनुमति का दस्तावेज पेश करना को कहा लेकिन समुदाय के द्वारा किसी भी प्रकार से दस्तावेज पेश नहीं किया गया। जिसके संबंध में उनके खिलाफ विधिवत कार्रवाई की जा रही है। उन्होंने तो धर्मांतरण के आरोपो को ही खारिज करते हुए क्लीन चिट दे दिया। उन्होंने ये भी झुठलाया कि हिंदू संगठन और पुलिस के बीच ऐसी कोई झड़प हुई है। उनका कहना है कि धर्मांतरण नहीं हो रहा था बल्कि एक विशेष समुदाय द्वारा सभा का आयोजन किया जा रहा है।
थाना प्रभारी नवीन देवांगन पर पत्रकारों से भी दुर्व्यवहार करने का आरोप लगा है।
वहीं उनकी कार्यशैली की वजह से उन पर धर्मांतरण को समर्थन करने का भी गंभीर आरोप लग रहा है, जिसकी शिकायत गृह मंत्रालय से लेकर उच्च अधिकारियों को करने की बात आंदोलनकारी ने कही है। साथ ही कहा गया कि इन सब के पीछे कोई सरकारी कर्मचारी है।

प्रदेश में धर्मांतरण एक बड़ा मुद्दा है। इससे सिर्फ लोग धर्मांतरित ही नहीं होते हैं इससे पूरे प्रदेश की डेमोग्राफी चेंज हो जाती है इसलिए प्रदेश सरकार के लिए भी यह बड़ा मुद्दा है लेकिन प्रशासनिक अधिकारियों का ढुलमुल रवैया सरकार के उद्देश्य पर पानी फेरता नजर आ रहा है।

मस्तूरी क्षेत्र से भी आया मिलता जुलता मामला

कोनी के अलावा मस्तूरी क्षेत्र के ग्राम पकरिया में भी लंबे समय से धर्मांतरण के खेल चलने का आरोप है। रविवार को भी ग्राम पकरिया धनगांव में प्रार्थना सभा आयोजित कर भोले भाले ग्रामीणों को ईसाई बनाने का खेल खेलने की तैयारी थी। रायपुर और बिलासपुर से पादरी और पास्टर यहां आकर बीमार गरीब और मजबूत लोगों को टारगेट बनाकर धर्म परिवर्तन के लिए ब्रेनवाश करते है। विरान स्थानो में खेतों में टेंट लगाकर प्रार्थना सभाओं का आयोजन किया जाता है। पिछले दो महीनो से इस तरह की सभाएं हो रही है। सूचना मिलने पर हिंदू संगठन से जुड़े लोग इसका विरोध करने पहुंचे। इधर पुलिस की कार्यवाही की भनक लगते ही धर्मांतरण कर रहे लोगों ने कार्यक्रम ही रद्द कर दिया।

स्थानीय लोगों ने बताया कि गांव के 50 से 60 लोगों का धर्म परिवर्तन हो चुका है। पिछले तीन रविवार से यहां गांव के खार में चोरी छुपे बिना अनुमति प्रार्थना सभा का आयोजन किया जा रहा था। यह सभा सुबह 10:00 बजे से लेकर दोपहर 2:00 बजे तक होती है। वर्तमान में यहां मल्हार का मेला चल रहा है इसलिए इससे 1 किलोमीटर दूर ही इसका आयोजन किया गया है ताकि अधिक से अधिक संख्या में लोग इस प्रार्थना सभा में शामिल हो सके।


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